पांच दिन बीत जाने पर भी दीपावली की मिल रही शुभकामनाएं

त्यौहार पर छाया चुनावी खुमार, अब तक उतरना बाकी

अमरावती /दि.29 – दीपावली का त्यौहारर बीते पांच दिन का समय बीत चुका है, परंतु इसके बावजूद इस वर्ष दीपावली की शुभकामनाओं के आदान-प्रदान का सिलसिला अब तक रुका ही नहीं है. जिसके पीछे चुनावी और राजनीतिक खुमार रहने की बात साफ तौर पर दिखाई दे रही है. चूंकि अगले डेढ-दो माह के आसपास स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव होने है. जिसके चलते शहर सहित जिलेभर में राजनीतिक हलचले बडी तेजी के साथ घटित हो रही है और चुनाव लडने के प्रत्येक इच्छुक द्वारा अधिक से अधिक मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने की पूरी जद्दोजहद की जा रही है.
ज्ञात रहे कि, इस समय प्रत्येक गली से लेकर हर चौराहे तक चर्चा का एक ही विषय चल रहा है कि, इस बार किस पार्टी की ओर से कौन दावेदार होगा, कौन किसने साथ है तथा इस बार स्थानीय स्वायत्त निकाय में किसकी सत्ता आएगी. हर गपशप में इन्हीं सवालों के ईर्द-गिर्द चर्चाएं चल रही है. साथ ही स्थानीय स्तर पर दीपावली के निमित्त नेताओं की सदिच्छा भेंट, फराल, सम्मेलन व दीपावली मिलन कार्यक्रम जैसे आयोजनों में जबरदस्त तेजी भी आई हुई है. जिसके पीछे साफ तौर पर आगामी चुनाव के लिए राजनीतिक तैयारियां रहने की बात स्पष्ट है. विगत कुछ दिनों से मौजूदा सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य, नगरसेवक व इच्छुक उम्मीदवारों की राजनीतिक गतिविधियां काफी अधिक बढ गई है. गांव-गांव में चाय-नाश्ते के कार्यक्रम के जरिए जनसंपर्क शुरु हो गया है. साथ ही मतदाताओं के घर पहुंचकर मेल-मुलाकात, पारिवारिक कार्यक्रमों में हाजिरी व सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय सहभाग जैसे तरीकों से अपनेपन से स्नेहपन को मजबूत करने का प्रयास नेताओं द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा सत्ताधारी व विपक्षी गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ रणनीति तय करने का काम भी किया जा रहा है. कई स्थानों पर तो राजनीतिक दलों व नेताओं द्वारा युवक एवं महिला मंडल के जरिए अपने-अपने किलों को और भी अधिक मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
कुल मिलाकर त्यौहार के खत्म होते ही अब हर ओर नए राजनीतिक त्यौहार को लेकर धामधूम व उत्सुकता वाला दौर शुरु हो गया है. शुभकामनाओं के जरिए शुरु हुआ जनसंपर्क अभियान अब चुनावी रण संग्राम का एकतरह से पूर्वाभ्यास बन गया है.

* सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियां तेज
इस समय सोशल मीडिया पर भी राजनीतिक गतिविधियां काफी हद तक तेज हो गई है. शुभकामना संदेशों के जरिए विविध गट अपनी उपस्थिति व कार्यक्षमता उठाने का प्रयास कर रहे है. वहीं हर किसी की निगाहें निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तारीखें घोषित किए जाने की ओर लगी हुई है. साथ ही संभावित चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनी-अपनी तैयारियां जमकर शुरु की गई है. इसके तहत कोई विकास के नाम पर जनता तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है, तो कोई अपने सामाजिक एवं व्यक्तिगत संपर्को पर जोर दे रहा है. दीपावली की शुभकामनाओं के नाम पर शुरु हुआ मेल-मुलाकातों का यह दौर आगामी समय में कम होने की बजाए और भी अधिक तेज होगा, ऐसी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में जमकर चल रही है. दीपावली के बाद वाले इस माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि, हर किसी को स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की प्रतीक्षा है और हर कोई यह जानने हेतु उत्सुक है कि, इस बार चुनावी अखाडे में किन-किन दावेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा दिखाई दे सकती है.

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