जल्द लग सकता है विकास कामों पर ‘ब्रेक’

निकाय चुनाव की आचारसंहिता व विधान मंडल का शीत सत्र आ सकता है आडे

अमरावती /दि.29 – अगले माह यानि नवंबर में स्थानीय स्वायत्त निकायों का चुनावी बिगूल बजने की पूरी संभावना है. साथ ही दिसंबर माह के दौरान राज्य विधान मंडल का शितकालिन सत्र शुरु होगा. जिसके चलते अब 31 अक्तूबर तक विकास कामों के लिए प्रशासकीय मंजूरी लेते हुए निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करना और कार्यारंभ आदेश जारी करना काफी हद तक असंभव है. जिसके चलते कई सारे विकास कामों पर ब्रेक लगने की पूरी संभावना देखी जा रही है.
बता दें कि, स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव 31 जनवरी से पहले कराने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश जारी किया गया है. जिसके चलते अब जल्द ही नगर परिषद व नगर पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति तथा महानगर पालिका के चुनावों की धामधूम शुरु हो जाएगी. तीन चरणों के तहत कराए जानेवाले चुनाव में पहले चरण के तहत नगर परिषद व नगर पंचायत, दूसरे चरण के तहत जिला परिषद व पंचायत समिति तथा तीसरे चरण के तहत महानगर पालिका के चुनाव होने की संभावना है. आगामी तीन माह के भीतर सभी स्थानीय निकायों के चुनाव करवाए जाने है. जिसके चलते पूरा प्रशासन इस समय चुनाव संबंधी कामकाज में ही व्यस्त दिखाई दे रहा है. इसी दौरान विविध विकास कामों की प्रशासकीय मान्यता की कालावधि 31 अक्तूबर को खत्म होनेवाली है. लेकिन अब तक जिला नियोजन विभाग के पास कामों के प्रस्ताव प्रशासकीय मंजूरी सहित पूरी तरह से दाखिल नहीं हुए है.
ज्ञात रहे कि, स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की आचारसंहिता नवंबर माह में किसी भी समय लागू होने की पूरी संभावना है. जिससे पहले विकास कामों के प्रस्ताव प्रशासकीय मंजूरी सहित दाखिल होना बेहद आवश्यक है. साथ ही इसके बाद निविदा प्रक्रिया पूरी कर कार्यारंभ आदेश जारी करने की प्रक्रिया भी आचारसंहिता से पहले पूरी होना आवश्यक है. परंतु निविदा प्रक्रिया के लिए करीब एक माह का समय लगता है. जिसके बाद कार्यारंभ आदेश जारी होने के उपरांत ही प्रत्यक्ष कामों का प्रारंभ होता है, परंतु अब यह पूरी कसरत करने के लिए प्रशासन के पास आवश्यक समय ही नहीं है. जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि, अक्तूबर माह के बाद जिले में विकास कामों पर एकतरह से ‘ब्रेक’ ही लग जाएगा.

* 527 करोड रुपयों का प्रारुप
जिले के लिए वर्ष 2025-26 हेतु 527 करोड रुपयों के विकास प्रारुप को मान्यता दी गई है. इस रकम से किए जानेवाले विकास कामों के प्रस्ताव प्रशासकीय मान्यता सहित जिला नियोजन समिति के पास 31 अक्तूबर तक दाखिल होना बेहद अपेक्षित है. परंतु अब तक समिति के पास अपेक्षित प्रमाण में प्रस्ताव ही नहीं पहुंचे है. जिसके चलते अब महज अगले दो-तीन दिन के भीतर प्रस्तावों के लिए प्रशासकीय मंजूरी देते हुए उन्हें जिला नियोजन समिति के सामने प्रस्तुत करने की नौबत प्रशासन के समक्ष आन पडी है अन्यथा इसके बाद विकास कार्य करने हेतु चुनाव निपटने के उपरांत केवल फरवरी व मार्च ऐसे दो माह का समय ही प्रशासन के पास बचेगा.

* अब डीपीसी की बैठक लेना भी असंभव
नवंबर माह में आचारसंहिता के लागू होने की संभावना और दिसंबर माह में होनेवाले शीत सत्र को देखते हुए अब जिला पालकमंत्री के लिए जिला नियोजन समिति की बैठक लेना भी असंभव होनेवाला है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले अगस्त माह के दौरान जिला नियोजन समिति की बैठक हुई थी. जिसके बाद अगले तीन महिने तक वैसे भी डीपीसी की अगली बैठक नहीं ली जा सकती और अब आचारसंहिता के लागू हो जाने तथा शितकालिन सत्र के समय व्यस्तता रहने के चलते डीपीसी की बैठक होना संभव नहीं रहेगा.

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