जिला अस्पताल के नामकरण का प्रस्ताव कहां हुआ गायब
ढाई साल पहले इर्विन अस्पताल को दिया गया था डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का नाम

अमरावती /दि.30 – स्थानीय जिला सामान्य रुग्णालय यानि इर्विन अस्पताल का नाम भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जिला सामान्य अस्पताल किया जाए, इस आशय का प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर भेजा गया था. साथ ही अस्पताल के मुख्य प्रवेशद्वार पर युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा नए नामकरण वाला फलक भी लगाया गया था. परंतु इसके बावजूद अब तक अधिकारिक तौर पर जिला सामान्य अस्पताल का नामांतरण नहीं हुआ है. जिसके चलते यह सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर ढाई वर्ष पहले सरकार को भेजे गए प्रस्ताव का क्या हुआ.
बता दें कि, जिला सामान्य अस्पताल की इमारत सन 1928 में बनकर तैयार हुई थी. चूंकि उस समय देश में ब्रिटीश राज चल रहा था. जिसके चलते उस समय इस अस्पताल को ब्रिटीश वायसराय लॉर्ड इर्विन का नाम किया गया था, जो देश को आजादी मिलने के बाद भी जस का तस कायम रहा और आज आजादी मिले हुए 78 वर्षों का समय बीत जाने के बावजूद जिला सामान्य अस्पताल के लिए आम बोलचाल में इर्विन हॉस्पिटल शब्द ही चलन में बना हुआ है. वहीं गुलामी का प्रतीक रहनेवाले इस नाम को बदलते हुए इस अस्पताल का नाम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जिला सामान्य अस्पताल रखे जाने की मांग विगत लंबे समय से उठाई जा रही थी. जिसे ध्यान में रखते हुए करीब ढाई वर्ष पहले राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भी भेजा गया था. साथ ही युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा तथा तत्कालिन सांसद नवनीत राणा ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ 14 अप्रैल 2023 को अस्पताल के मुख्य प्रवेशद्वार पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के नाम वाला फलक लगाते हुए इस अस्पताल का नया नामकरण होने की घोषणा कर जबरदस्त जल्लोष मनाया था. परंतु हकीकत यह है कि, आज ढाई वर्ष के बाद भी अधिकृत तौर पर इस अस्पताल का नाम बदला नहीं गया है. जिसके चलते सवाल पूछा जा रहा है कि, जिला शल्य चिकित्सक कार्यालय के जरिए जिला सामान्य अस्पताल का नाम बदलने के संदर्भ में राज्य सरकार के पास भेजा गया प्रस्ताव आखिर कहां गायब हो गया है और जिन लोगों ने नामकरण का फलक लगाया था, उन्हें भी इस काम की कोई याद है अथवा नहीं.
* डफरीन अस्पताल का भी नाम बदला जाना था
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जिला सामान्य अस्पताल यानि इर्विन हॉस्पिटल के साथ ही जिला स्त्री अस्पताल यानि डफरीन हॉस्पिटल का नाम बदलने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार के पास भेजा गया था. जिसके तहत डफरीन हॉस्पिटल की पुरानी इमारत को क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले तथा नई इमारत को राजमाता जिजाऊ का नाम देने के संदर्भ में प्रस्ताव तैयार किया गया था, परंतु राज्य सरकार की ओर से अब तक इस प्रस्ताव पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया.
* इर्विन के प्रवेशद्वार पर 6 माह तक लगा था नया नामफलक
जिला सामान्य अस्पताल के मुख्य प्रवेशद्वार पर युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा लगाया गया भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जिला सामान्य अस्पताल के नाम वाला फलक करीब 6 माह तक लगा हुआ था. परंतु पुराने प्रवेशद्वार को तोडकर नए प्रवेशद्वार का निर्माण करने हेतु उस फलक को हटा दिया गया था, जो नए प्रवेशद्वार का निर्माण होने के उपरांत दुबारा लगाया ही नहीं गया. जिसके चलते सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर जिला सामान्य अस्पताल के नए नामकरण का मामला कहां पर अटका हुआ है.





