1709 में से 735 ने लौटाए थे रद्द किए गए जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र

शेष 504 के खिलाफ की गई शिकायत, 470 के नाम नोटिस जारी

* 504 के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, जांच जारी
अमरावती /दि.31 – तहसीलदार से कम दर्जे वाले अधिकारियों द्वारा जारी किए गए विलंबित जन्म व मृत्यु पंजीयन प्रमाणपत्रों को रद्द करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा मार्च 2025 में लिया गया था. इसके चलते अमरावती मनपा द्वारा जारी किए गए 1709 जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को अमरावती तहसील कार्यालय ने रद्द कर दिया था. साथ ही उन 1709 लोगों को नोटिस जारी करते हुए उनके नाम जारी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को मनपा कार्यालय में वापिस लाकर जमा कराने हेतु सूचित किया गया था. जिसके चलते 1709 में से 735 लोगों ने अपने प्रमाणपत्रों को मनपा प्रशासन के पास लाकर वापिस जमा करा दिया था. वहीं प्रमाणपत्र वापिस नहीं लौटानेवाले 504 लोगों के खिलाफ बुधवार की शाम सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन में अपराधिक मामला दर्ज किया गया. वहीं शेष 407 लोगों को नोटिसे जारी की गई.
बता दें कि, राज्य सरकार ने 18 मार्च 2025 के निर्णयानुसार जन्म-मृत्यु पंजीयन कानून में संशोधन किया है. जिसके नुसार 11 अगस्त 2023 से स्थगिती आदेश और आगे निर्गमित हुए जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों में से जो प्रमाणपत्र तहसीलदार व तहसील दंडाधिकारी के पद से निचले दर्जे वाले अधिकारियों द्वारा निर्गमित किए गए है, उन प्रमाणपत्रों को रद्द किए जाने का निर्णय अमरावती के तहसीलदार द्वारा अमरावती मनपा प्रशासन को अवगत कराया गया था. उस दौरान अमरावती तहसील कार्यालय के पास कुल 4638 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 42 आवेदन खारिज किए गए थे और 2896 आवेदन मंजूर किए गए थे. इसमें से 1709 जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र अमरावती मनपा प्रशासन द्वारा जारी किए गए थे, जिन्हें संबंधितों से वापिस लेते हुए रद्द करने का निर्देश तहसील कार्यालय द्वारा मनपा प्रशासन को दिया गया था. जिसके चलते उन 1709 आवेदकों की खोजबीन करनी शुरु की गई, तो 155 आवेदकों का पता सही पाया गया. परंतु उन पतों पर वे लोग नहीं मिले. साथ ही 349 लोगों का पता ही गलत पाया गया, यानि कुल 504 लोग उनके द्वारा दिए गए पते पर नहीं मिले, तो ऐसे 504 लोगों के खिलाफ मनपा प्रशासन द्वारा सिटी कोतवाली पुलिस थाने में गलत पता देते हुए सरकार के साथ जालसाजी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई गई.

* भाजीबाजार जोन के सर्वाधिक आरोपी
जिन 504 लोगों के खिलाफ मनपा द्वारा सरकार के साथ जालसाजी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है, उनमें से 95 फीसद लोग भाजीबाजार जोन से वास्ता रखते है. वहीं शेष 5 फीसद लोगों का वास्ता रामपुरी कैम्प जोन से रहने की जानकारी है.

* ऐसा था सरकारी निर्णय
विलंबित जन्म व मृत्यु पंजीयन करते हुए तहसीलदार से कम दर्जे वाले अधिकारियों द्वारा जारी किए गए जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को रद्द करने का महत्वपूर्ण निर्णय राज्य सरकार ने मार्च 2025 में लिया था. साथ ही इस तरह से जारी किए गए प्रमाणपत्रों की किसी सक्षम अधिकारी के मार्फत पुनर्जांच करने का आदेश भी जारी किया गया था. जिसके उपरांत राजस्व विभाग ने राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों व जिलाधिकारियों के नाम इस संदर्भ में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए थे.

* इस मामले को लेकर बुधवार की रात मनपा के स्वास्थ्य विभाग प्रमुख द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर करीब 504 लोगों के खिलाफ सरकार के साथ धोखाधडी व जालसाजी का अपराध दर्ज किया गया है. साथ ही इस मामले में वरिष्ठों के आदेशानुसार आगे की जांच व कार्रवाई की जाएगी.
– पीआई मनोहर कोटनाके
थानेदार, सिटी कोतवाली

* सहायक क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर लिपिकों द्वारा किए गए ‘ऑन द स्पॉट’ निरीक्षण में 155 लोगों द्वारा दिया गया पता तो सही निकला, परंतु उस पते पर वे लोग रहते नहीं पाए गए. वहीं 349 लोगों द्वारा दिए गए पते का कोई पता ही नहीं चला. ऐसे में उन 504 लोगों के खिलाफ सरकार व प्रशासन को गलत जानकारी देते हुए धोखाधडी व जालसाजी किए जाने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई.
– डॉ. विशाल काले
स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी
अमरावती महानगर पालिका.

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