किसान कर्जमाफी के लिए बनी उच्चस्तरिय समिति, 6 महीने में देगी रिपोर्ट
पूर्व मंत्री बच्चू कडू के आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला

मुंबई /दि.31- किसानों के मुद्दों को लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू के आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए किसानों की कर्जमाफी के लिए सिफारिशें प्रस्तुत करने हेतु 9 सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के प्रमुख आर्थिक सलाहकार और ’मित्रा’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रविण परदेशी करेंगे. प्रविण परदेशी की अध्यक्षता में गठित यह 9 सदस्यीय समिति, किसानों की कर्जमाफी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
* 6 महीनों में रिपोर्ट सौंपने का आदेश
समिति को अगले 6 महीनों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने के आदेश दिए गए हैं. समिति का मुख्य उद्देश्य किसानों की कर्जमाफी के लिए व्यवहारिक और प्रभावी सिफारिशें प्रस्तुत करना है. समिति अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार की सिफारिशें तैयार करेगी.
* समिति में शामिल प्रमुख सदस्य
समिति में राजस्व, वित्त, कृषि, सहकार और विपणन विभागों के अपर मुख्य सचिव शामिल होंगे. इसके अलावा, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई के अध्यक्ष और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रतिनिधि भी समिति में शामिल होंगे.
* रिपोर्ट के आधार पर होगा किसानों का कर्ज माफ
किसान नेता पूर्व मंत्री बच्चू कडू के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हमारी सरकार ने घोषणा पत्र में कहा था कि किसानों के कर्ज माफ करेंगे, उसी तर्ज पर आज हमलोगों ने फैसला किया है. इस पर एक कमेटी तैयार की है. यह कमेटी किस प्रकार से कर्जा माफ करना है, उसके नियम क्या होंगे, उस पर अभ्यास कर अप्रैल के प्रथम सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी. उसके बाद 3 महीने के अंदर 30 जून से पहले इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों का कर्ज माफ करेंगे.
* आंदोलन की मुख्य मांगें
दरअसल, बच्चू कडू के नेतृत्व में किसानों का ’एल्गार मोर्चा’ एक बड़ा आंदोलन बन गया. यह आंदोलन किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया है, जिसका मुख्य केंद्र नागपुर रहा. इस आंदोलन के जरिए किसानों के सभी प्रकार के कर्ज (फसल, मध्यम अवधि, पॉली हाउस, सिंचाई आदि) बिना किसी शर्त के तुरंत माफ किए जाएं, नियमित रूप से कर्ज चुकाने वाले किसानों का भी ’सात बारा कोरा’ (ऋण मुक्त) किया जाए, बेमौसम बारिश और बाढ़ से हुए फसल के नुकसान के लिए तत्काल और पर्याप्त मुआवज़ा दिया जाए, सोयाबीन के लिए 6,000 प्रति क्विंटल का मूल्य दिया जाए, फसल पर 20% बोनस दिया जाए, गन्ने के लिए उचित एफआरपी दिया जाए, किसानों को उनकी उपज का गारंटीड मूल्य मिलना सुनिश्चित हो, दिव्यांग किसानों के लिए सम्मानजनक भत्ता और गोपालकों एवं मछुआरों के लिए न्यायोचित अधिकार उपलब्ध कराए जाए, जैसी मांगे उठाई गई थी.
इन सभी मांगों के लिए पूर्व मंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व में यह आंदोलन नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रमुख मार्गों को अवरुद्ध करके किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर यातायात बाधित हुआ. आंदोलनकारियों ने सरकार के मंत्रियों को बातचीत के लिए नागपुर आने के लिए कहा, शुरुआत में मुंबई जाने से इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इस पर रजामंदी दिखाते हुए गत रोज दोपहर बाद बच्चू कडू अपने कुछ चुनिंदा समर्थकों के साथ मुंबई रवाना हुए थे. जहां पर उनकी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित दोनों उपमुख्यमंत्रियों व कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में हुई चर्चा के बाद सरकार ने कर्जमाफी के लिए समिति गठित करने और 30 जून 2026 से पहले इस बारे में निर्णय लेने का फैसला किया. जिसे लेकर सरकारी अध्यादेश भी जारी किया गया है. इस फैसले पर पूर्व मंत्री बच्चू कडू और उनके साथ आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने भी अपनी सहमति दर्शायी. जिसके बाद विगत तीन दिनों से नागपुर में चल रहे किसान आंदोलन का पटापेक्ष हो गया.





