अकोला हवाई अड्डे के भूमि अधिग्रहण के लिए 209 करोड मंजूर
सांसद अनूप धोत्रे के प्रयास सफल

अकोला/दि.11 – अकोला हवाई अड्डे के विस्तार के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 209 करोड रूपए के प्रशासनिक खर्च को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय से अकोला जिले के नागरिकों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होने की दिशा में बडा कदम उठाया गया है. इस महत्वपूर्ण मंजूरी के लिए सांसद अनूप धोत्रे ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार का समस्त जिलावासियों की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त किया है.
उल्लेखनीय है कि सांसद अनूप धोत्रे ने लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद से ही अकोला हवाई अड्डा शीघ्र शुरू हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ लगातार पत्र व्यवहार किया और फॉलोअप लिया. हवाई अड्डे के विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण आवश्यक था. इस बात को ध्यान में रखते हुए धोत्रे ने मुख्यमंत्री फडणवीस से भूमि अधिग्रहण के लिए निधि उपलब्ध कराने की मांग की थी. इसके लिए सरकारी स्तर पर कई बैठके हुई, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एविएशन सेक्टर की सशक्त समिति की बैठक में अकोला हवाई अड्डे के विस्तार हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 209 करोड रुपए के प्रशासकीय खर्च को मंजूरी दी गई.
भूमि अधिग्रहण के लिए निधि स्वीकृत होने से हवाई अड्डे के विस्तार का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. सांसद अनूप धोत्रे ने आगामी बजट में आवश्यक प्रावधान कर विस्तार कार्य तुरंत शुरू करने का संकल्प व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय नागर विमान मंत्री मुुरलीधर मोहोल ने अनुरोध किया है कि आगे की सभी स्वीकृतियां और औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण की जाएं.
अकोला हवाई अड्डे की शुरूआत से अकोला और बुलढाणा जिलों के उद्योगों को नई गति मिलेगी. साथ ही, विदर्भ पंढरी शेगांव आने वाले भक्तों के लिए यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी और पर्यटक क्षेत्र को भी बढावा मिलगा. इस दिशा में विधायक रणधीर सावरकर, विधायक प्रकाश भारसाकले, विधायक हरीश पिंपले और विधायक वसंत खंडेलवाल ने भी राज्य स्तर पर लगातार फॉलोअप लिया.
अकोला हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण हेतु विशेष निधि उपलब्ध कराई गई है और इसके लिए सरकार ने अध्यादेश भी जारी किया है. अकोला का हवाई अड्डे का विस्तार और पुन: शुरूआत से यह न केवल जिले का बल्कि पूरे विदर्भ क्षेत्र के विकास का प्रतीक बनने जा रहा है.





