कपास खरीदी के 200 केन्द्र खोलें
हाईकोर्ट में श्रीराम सातपुते की याचिका

* एड. पुरूषोत्तम पाटिल बनाए गये कोर्ट मित्र
नागपुर / दि. 12- विदर्भ में कपास खरीदी संबंधी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई प्रारंभ की. याचिकाकर्ता श्रीराम सातपुते ने विदर्भ में कपास खरीदी के केवल 89 केन्द्रों के नाकाफी होने एवं कम से कम 200 केन्द्र अकेले विदर्भ क्षेत्र में खोले जाने की मांग अपनी अर्जी में की है. न्या. अनिल किलोर और न्या. रजनीश व्यास की खंडपीठ ने अर्जी को गंभीरता से लेकर न केवल सुनवाई की. बल्कि एड पुरूषोत्तम पाटिल को कोर्ट का मित्र नियुक्त करते हुए उनसे इस बारे में विवरण प्रस्तुत करने कहा है.
केवल 20 केन्द्र शुरू
श्रीराम सातपुते ने अपने वकील के माध्यम से कपास खरीदी का कच्चा चिट्ठा कोर्ट के सामने रखा. उन्होंने बताया कि विदर्भ की मुख्य फसल कपास रहने के बावजूद खरीदी केन्द्रों की संख्या कम है. ऐसे में किसान औने पौने दाम पर माल बेचने विवश हो जाता है. पहले ही असिंचित खेती क्षेत्र में घाटे का सौदा बनी हुई है. केवल 20 केन्द्र शुरू हो पाए है. जबकि 89 केन्द्र की घोषणा हुई थी.
चाहिए 200 से अधिक केन्द्र
विस्तृत विदर्भ में गोंदिया से लेकर बुलढाणा तक कपास बेल्ट हैं. जहां बहुतायत में कपास उत्पादन के कारण दशहरा दिवाली से ही केन्द्र शुरू हो जाने चाहिए थे. अभी भी कई केन्द्रों पर कपास की खरीदी शुरू नहीं हो पाने का दावा कर सातपुते ने अपनी याचिका में 200 केन्द्र की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने पूरे राज्य में मात्र 128 केन्द्र निर्धारित किए गये हैं. यह पर्याप्त नहीं है.् सरकार को और केन्द्र शुरू कर किसानों को राहत देनी चाहिए.
ऑनस्पॉट अवलोकन करेेंगे एड पाटिल
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रख एड. पुरूषोत्तम पाटिल को न्यायालय का मित्र मनोनीत करते हुए अगली सुनवाई पर उनसे रिपोर्ट मांगी है. एड. पाटिल खेत खलियानों में जाने के साथ कपास खरीदी केन्द्रों का भी मौके पर जाकर अवलोकन करेंगे. गांव देहातों में कपास उत्पादक किसानों की दिक्ततों को देखेंगे. खंडपीठ ने राज्य सरकार को भी नोटिस देकर इस बारे में सरकार की नीति का विवरण मांगा है. उसी प्रकार तहसील और किसानों के लिए सुविधाजनक स्थानों पर खरीदी केन्द्र शुरू करने की संभावना देखने कहा है.





