अमरावती की राजनीति में बडे उलटफेर के संकेत
बीजेपी नेता नवनीत राणा उतरेगी विधायक राणा के विरोध में

* सियासत का अखाडा अमरावती/ दि. 12-प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में ठंड के सीजन में चुनावी बयार जमकर बह रही है. राजनीतिक दलों ने रणनीति बनाकर कमर कसी है. इसी बीच अमरावती की पॉलिटिक्स में बडे बदलाव की संभावना बताई जा रही है. विधायक रवि राणा के युवा स्वाभिमान पक्ष ने स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव अपने बूते लडने का निर्णय किया है. जिससे बीजेपी नेता और उनकी पत्नी नवनीत राणा के साथ विधायक राणा का सीधा राजकीय संघर्ष हो सकता है.
कुछ दिनों पहले बीजेपी के साथ गठजोड कर युवा स्वाभिमान ने प्रस्ताव पारित कर चुनाव लडने के संकेत दिए थे. कार्यकर्ताओं के आग्रह पर रवि राणा ने अपने दमखम पर चुनाव लडने का फैसला किया है. जिससे जानकारी सामने आ रही है कि बीजेपी नेत्री नवनीत राणा अब विधायक रवि राणा के विरोध में प्रचार करेगी. यह करीब- करीब तय हो जाने का दावा सियासी हलकों में किया जा रहा है.
अमरावती में पहली बार इस तरह का नजारा दिखाई देगा. पति और पत्नी राजनीति के अखाडे में एक दूसरे के विरोध में प्रचार करते दिखाई देने की बडी संभावना जानकारों ने व्यक्त की है. यह प्रश्न भी पूछा जा रहा है कि संभावित हालात में नवनीत राणा क्या विधायक रवि राणा के खिलाफ प्रचार करेगी. अपने बल पर अमरावती महापालिका और अन्य चुनाव लडने की अधिकृत घोषणा विधायक राणा द्बारा अगले एक दो दिनों में की जायेगी, ऐसी जानकारी सामने आयी है. बता दें कि तीन दिनों पहले ही युवा स्वाभिमान पार्टी की महाराष्ट्र कार्यकारिणी की बैठक में बीजेपी के साथ चुनावी गठजोड का प्रस्ताव पारित किया गया था. किंतु कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर वायएसपी ने अब अपना दमखम दिखाने का फैसला किया है. जिससे बीजेपी और युवा स्वाभिमान का चुनावी तालमेल न होने से पूर्व सांसद नवनीत राणा और विधायक राणा का एक दूसरे के विरूध्द प्रचार किया जाना तय बताया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी के अनेक स्थानीय नेताओं ने विधायक रवि राणा की वायएसपी सहित महायुति के घटक दलों से भी चुनावी तालमेल न करने और अपने बलबूते मनपा व अन्य चुनाव लडने की विनती राज्य नेतृत्व से कर रखी है.

युवा स्वाभिमान अपने बल लडेगा
युवा स्वाभिमान पार्टी निकाय चुनाव अपने दम पर लडेगी. यह घोषणा पार्टी के प्रमुख नेता सुनील राणा ने कर दी. राणा ने मीडिया को बताया कि बीजेपी से चुनावी तालमेल का पार्टी का प्रस्ताव था. जिस पर भाजपा की ओर से कोई प्रतिसाद नहीं आने से अब अपने दमखम पर चुनाव लडने का फैसला किया गया है.





