मनपा प्रभाग रचना की आपत्ति पर मुंबई में सुनवाई

नागपुर खंडपीठ में दुनेश्वर पेठे की याचिका को किया वर्ग

नागपुर/दि.15 – महानगरपालिका चुनाव हेतु तैयार की गई प्रभाग (वार्ड) रचना को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है. परंतु इसी मुद्दे को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की विविध खंडपीठों में दायर की गई अलग-अलग याचिकाओं पर मुंबई में मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष संयुक्त सुनवाई करने का आदेश विगत 16 सितंबर को सुप्रिम कोर्ट द्बारा दिया गया था. जिसके चलते प्रभाग क्रमांक 23 व 26 के संदर्भ में आपत्ति उठाते हुए शरद पवार गुटवाली राकांपा के दुनेश्वर पेठे द्बारा दायर याचिका पर भी अब मुंबई उच्च न्यायालय में ही सुनवाई होगी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस शरदचंद्र पवार पार्टी के पूर्व नगरसेवक दुनेश्वर पेठे ने पिछले महिने एड. श्रध्दानंद भुतडा के मार्फत भी एक याचिका दायर की थी. जिस पर न्या. अनिल किलोर व न्या. रजनीश व्यास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई थी. इस याचिका के अनुसार 9 सितंबर को हुई सुनवाई के समय प्रभाग क्रमांक 23 व 26 की प्रभाग रचना को लेकर दर्ज कराई गई आपत्ति पर विचार नहीं किया गया था. तथा आपत्ति मंगाने और उस पर सुनवाई करने की प्रक्रिया केवल दिखावटी स्वरूप में निपटाई गई. ऐसे में पूरी प्रक्रिया को गैर कानूनी बताते हुए याचिका में कहा गया था कि सुनवाई पश्चात लिए गए निर्णय को वैध एवं ग्राह्य नहीं माना जा सकता. इस याचिका में वर्ष 2022 में किए गए महाराष्ट्र मनपा अधिनिय के संशोधन पर भी आपत्ति उठाते हुए कहा गया कि इस संशोधन के जरिए प्रभाग रचना का अधिकार राज्य निर्वाचन आयुक्त की बजाय राज्य सरकार द्बारा निर्वाचन आयोग की मंजूरी से, ऐसा कर दिया है. जिसके चलते निर्वाचन आयोग की स्वायत्ता पर परिणाम हुआ हैं.
पेठे ने 3 अक्तूबर 2025 को प्रकाशित प्रभाग क्रमांक 23 व 26 की अंतिम प्रभाग रचना अधिसूचना एवं 30 सितंबर के राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र व्यवहार को रद्द करने का निवेदन किया है. परंतु नागपुर विद्यापीठ में हाल ही में हुई सुनवाई के समय इस याचिका को तुरंत ही मुंबई हाईकोर्ट में वर्ग करने का आदेश दिया गया और इसकी जानकारी सभी संबंधित पक्षों को दी गई. इस समय दुनेश्वर पेठे की ओर से एड. शशांक मनोहर व एड. श्रध्दानंद भुतडा तथा मनपा की ओर से एड. सुनिल मनोहर व एड. जेमिनी कासट ने पैरवी की.

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