मनपा में बच्चों के खिलौनो को लेकर भी घोटाला!
अपनी मर्जीवाली कंपनी को ठेका देने तीन बार बुलाए गए टेंडर

* सस्ते खिलौनों को जानबुझकर महंगे दामों पर खरीदा जा रहा
* देवर्शि इंजीनियरिंग के नितिन चौधरी ने लगाया आरोप
* चौधरी की कंपनी भी दो बार निविदा प्रक्रिया में थी शामिल
अमरावती/दि.17 – अमरावती महानगर पालिका के महिला व बाल विकास विभाग द्वारा मनपा क्षेत्र अंतर्गत 154 अंगणवाडियों में बच्चों के खेलने हेतु अलग-अलग तरह के खिलौने खरीदने के लिए अमल में लाई जा रही निविदा प्रक्रिया में जमकर गडबडियां करने के साथ ही सस्ते खिलौनों को जानबुझकर महंगे दामों पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए मनपा के अधिकारियों द्वारा एक ही काम के लिए तीन बार निविदाएं आमंत्रित की गई, ताकि अपनी मनमर्जीवाली कंपनी को इस काम का ठेका दिया जा सके. इस जरिए मनपा के अधिकारियों ने तीसरी बार टेंडर ओपन करते हुए अपनी मर्जी वाले व्यक्ति की कंपनी को ‘एल-1’ दिखाया. जिसके साथ फिलहाल मनपा का करारनामा होना बाकी है, इस आशय का आरोप मूलत: नागपुर से वास्ता रखनेवाली देवर्शि इंजीनियरिंग के संचालक नितिन देवराव चौधरी द्वारा लगाया गया. साथ ही उन्होंने जरुरत पडने पर इस मामले को अदालत में लेकर जाने की बात भी कही.
इस संदर्भ में दैनिक ‘अमरावती मंडल’ के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए नितिन चौधरी ने बताया कि, अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत कुल 154 अंगणवाडियां है. जहां पर प्रवेशित रहनेवाले बच्चों के लिए छोटी फायबर घसरगुंडी (स्लाईड), फायबर सी-सॉ, छोटी गेंद, बिल्डींग ब्रिक्स व छोटी लगोरी जैसे खिलौने मनपा के महिला व बाल विकास विभाग द्वारा खरीदे जाते है. जिसके लिए मनपा प्रशासन द्वारा समय-समय पर इच्छुक आपूर्तिकर्ताओं से निविदा प्रस्ताव मंगाए जाते है. नितिन चौधरी के मुताबिक जारी वर्ष के दौरान मनपा द्वारा अंगणवाडी हेतु खिलौने खरीदने के लिए एक के बाद एक तीन बार निविदा प्रस्ताव आमंत्रित किए गए और पहली दो निविदा प्रक्रियाओं को मनपा के अधिकारियों ने केवल इस वजह के चलते रद्द कर दिया, ताकि वे अपनी मर्जीवाले निविदाधारक को फायदा पहुंचा सके.
नितिन चौधरी के मुताबिक मनपा के किसी भी निविदा प्रक्रिया को आगे बढाने हेतु कम से कम तीन निविदाधारकों का रहना जरुरी होता है. परंतु जब पहली बार निविदाएं आमंत्रित की गई, तो एक ही व्यक्ति ने दो कंपनियों के नामों से निविदा प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे और उस निविदा प्रक्रिया में देवर्शि इंजीनियरिंग ने भी हिस्सा लिया था. परंतु देवर्शि इंजीनियरिंग का प्रस्ताव पूरी तरह से योग्य व पात्र रहने के बावजूद भी मनपा के अधिकारियों ने देवर्शि इंजीनियरिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और चूंकि उस समय केवल दो कंपनियां ही रेस में बची थी. जिसके चलते उक्त निविदा प्रक्रिया ही रद्द हो गई. इसके उपरांत जब दूसरी बार निविदा प्रस्ताव आमंत्रित किए गए, तो एक बार फिर उसी व्यक्ति ने दो अलग-अलग कंपनियों के नाम से निविदा प्रस्ताव पेश किया और उस समय सातारा की एक कंपनी ने भी निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लिया. जिसका प्रस्ताव पूरी तरह से नियमानुकुल एवं योग्य था, परंतु इसके बावजूद हैरतअंगेज तरीके से मनपा प्रशासन ने सातारा की कंपनी के प्रस्ताव को अपात्र घोषित करते हुए दूसरी बार निविदा प्रक्रिया को रद्द कर तीसरी बार निविदाएं आमंत्रित की, तो इस बार प्रणय साहू नामक व्यक्ति सहित इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स नामक कंपनी एवं चौधरी की देवर्शि इंजीनियरिंग कंपनी ने हिस्सा लिया. जिसमें से प्रणय साहू की कंपनी एवं इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स कंपनी नियमों व शर्तो के अनुरुप इस निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने हेतु पात्र नहीं थे. साथ ही उन्होंने खिलौने उपलब्ध कराने की दरे भी अनाप-शनाप दी थी. इसके चलते इस निविदा प्रक्रिया को भी खारिज ही किया जाना चाहिए था, परंतु इस बार मनपा प्रशासन ने हैरतअंगेज तरीके से निविदा प्रक्रिया को आगे बढाया और प्रणय साहू नामक व्यक्ति को ‘एल-1’ करार दे दिया. जिसके साथ मनपा प्रशासन द्वारा बहुत जल्द खिलौनो की आपूर्ति के लिए करारनामा भी किया जाएगा. जो कि, पूरी तरह से गलत व नियमबाह्य है.
उपरोक्त आरोप लगाने के साथ-साथ नितिन चौधरी ने कहा कि, उनकी कंपनी के पास काम करने का लंबा अनुभव रहने के साथ ही उनके दस्तावेज भी पूरी तरह से परिपूर्ण है और उन्होंने इससे पहले भी अमरावती मनपा के साथ कंटेनर एवं बेंच की आपूर्ति का काम किया है. अमरावती मनपा ने वर्ष 2017 में कचरा कंटेनरों की प्रति नग 1.12 लाख रुपए की दर पर खरीदी की थी. जबकि उन्होंने इसके कुछ साल बाद मनपा को महज 70 हजार रुपए प्रति नग की दर पर कंटेनर उपलब्ध कराए थे. इसके साथ ही मनपा ने इससे पहले 10-10 हजार रुपए की दरों पर लोहे की बेंच खरीदी थी. जबकि उन्होंने इसके बाद मनपा को मात्र 6 हजार 500 रुपए की दर पर लोहे की बेंच उपलब्ध कराई थी. जिससे सीधे तौर पर मनपा का ही फायदा हुआ था. उसी तर्ज पर वे अब भी अन्य कंपनियों की तुलना में बेहद कम दामों पर मनपा को अंगणवाडियों के बच्चों हेतु खिलौने उपलब्ध करा सकते है. परंतु मनपा के अधिकारियों ने हैरतअंगेज तरीके से उन्हें निविदा प्रक्रिया से बाहर करते हुए प्रणय साहू नामक व्यक्ति को खिलौने की आपूर्ति का ठेका दे दिया है. साथ ही साथ मनुष्यबल आपूर्ति के क्षेत्र में कार्यरत रहनेवाली ईटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स नामक कंपनी के निविदा प्रस्ताव को भी ग्राह्य मानते हुए निविदा प्रक्रिया को आगे बढाया गया, जो कि, पूरी तरह से गलत एवं नियमबाह्य है.





