क्या चिखलदरा पालिका चुनाव खतरे में !
सर्वोच्च न्यायालय ने दी है आरक्षण संबंधी चेतावनी

* 75% सीटें कर डाली रिजर्व अमरावती/ दि. 18- क्या विदर्भ के नंदनवन कहे जाते चिखलदरा पालिका के चुनाव कैंसल हो सकते हैं? यह प्रश्न सर्वोच्च न्यायालय के ताजा आदेश से सभी ओर पूछा जा रहा है. सर्वोच्च न्यायालय ने पालिका अथवा परिषद में आरक्षण की सीमा 50% से अधिक न रखने अथवा चुनाव रद्द करने की सीधी चेतावनी राज्य शासन को दी है. चिखलदरा पालिका में आरक्षण सीटें 75% को पार कर गई है. जिससे चिखलदरा के चुनाव पर खतरा मंडराने की चर्चा तेज हो गई है.
20 में से 15 सीटें रिजर्व
हमारे चिखलदरा प्रतिनिधि मनोज शर्मा ने रिपोर्ट दी है कि यहां इस बार नगरसेवकों की संख्या 17 से बढाकर 20 की गई है. किंतु इसी के साथ आरक्षण भी बढा दिया गया है. 15 सीेटें आरक्षित कर दी गई है. 10 स्थान एससी और एसटी उम्मीदवारों हेतु आरक्षित रखी गई है. 5 स्थान ओबीसी आरक्षित किए गये हैं. जिससे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों हेतु मात्र 5 स्थान रह गये हैं. उसमें भी महिला आरक्षण 50% रहता है.
75% आरक्षण पर प्रश्न
अमरावती मंडल ने गत 22 अक्तूबर को ही इस बारे में खबर प्रकाशित की थी. उसी समय चिखलदरा पालिका में 75 % स्थान आरक्षित हो जाने का विषय उठाया गया था. जनता इस आरक्षण पर प्रश्न उपस्थित कर रही थी. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने किसी भी सूरत में आरक्षण की सीमा 50% को पार नहीं करने का स्पष्ट निर्देश दे रखा है. ऐसे में चिखलदरावासी संभ्रम में आ गये थे.
क्या होगा आगे
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य शासन को निकाय चुनाव को लेकर स्पष्ट रूप से आगाह किया है. आरक्षण की सीमा 50% से अधिक हो जाने की स्थिति में चुनाव प्रक्रिया रोक देने की चेतावनी कोर्ट के ताजा आदेश में दी गई है. जिससे जानकार बता रहे हैं कि अभी चुनाव संपन्न भी हो गये तो किसी की याचिका पर आगे भी कोर्ट चुनाव प्रक्रिया रोक सकती है. चुनाव रद्द कर सकती है. भूतकाल में ऐसे अनेक मामले हो चुके है. जब विभिन्न कारणों से चुनाव कैंसल हुए हो. सबसे कम वोटर्स वाली पालिका के कारण पहले ही चर्चा में रही चिखलदरा पालिका अब 75% आरक्षण व्यवस्था की वजह से चर्चा में आयी है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में ऐसी 8 पालिका हो गई है. जहां आरक्षण सीमा 50% से अधिक हो गई है. चिखलदरा को बडी राहत कोर्ट आदेश से मिलने की संभावना बताई जा रही है. चिखलदरा के बहाने प्रदेश की अन्य 7 पालिका को भी राहत मिल सकती है, इस प्रकारक की चर्चा सुनने मिल रही है.





