रोगायो के तहत काम करने वालों की संख्या 50 प्रतिशत से घटी
4,789 कामों पर केवल 20,689 मजदूर

अमरावती/दि.20 -रोजगार गारंटी योजना के तहत कुएं और फलबागान के काम अभी चल रहे हैं. हालांकि, इन कामों में मजदूरों की संख्या में अब 50 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है. विदर्भ के ग्यारह जिलों में 4,789 कामों में 20,681 मजदूर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मानसून से पहले इन कामों में 30,000 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत हर मजदूर को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई तरह के काम किए जाते हैं. इनमें मुख्य रूप से पगडंडी मार्ग, सोकपीट, कुएँ, शौचालय, घरकुल निर्माण, बिना पत्थर के तटबंध, बांस रोपण, वृक्षारोपण, नर्सरी, खेत तालाब, खेत समतलीकरण, कुआं पुनर्भरण, रेशम उत्पादन, पशुधन, बकरी शेड और अन्य कार्य शामिल हैं. मानसून के अलावा, सर्दी और गर्मी में भी रोजगार गारंटी योजना के तहत बडे पैमाने पर काम चलता रहता है. मजदूरों की संख्या भी ज्यादा रहती है.
जिले में लाखों जॉब कार्ड धारक हैं. इसलिए मजदूरों को जरूरत के हिसाब से रोजगार गारंटी योजना के तहत काम मिल जाता है.
* कृषि कार्य के कारण संख्या में कमी आई
इस समय खेतों में कपास और सोयाबीन की कटाई शुरू हो गई है. कृषि कार्यों में रोजगार गारंटी योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी से भी ज्यादा मजदूरी मिलती है, इसलिए ज्यादातर कृषि कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. ये काम पूरे हो जाते हैं. उसके बाद, मजदूर रोजगार गारंटी योजना के तहत काम पर लौट आते हैं. तब काम की गति भी धीमी पड रही है, ऐसा साफ दिखाई देता है.
* मांगे उसे काम
रोजगार गारंटी योजना के तहत, मांग करने वाले मजदूरों के हाथों को काम मुहैया कराया जाता है. हालांकि, अभी काम और मजदूरों की उपस्थिति कम है, लेकिन आने वाले दिनों में इसमें बढोतरी होगी.
* तहसील निहाय मजूदर व काम
तहसील मजदूर काम
अचलपुर 3095 1314
अमरावती 109 282
अंजनगांव 622 154
भातकुली 391 100
चांदूर रेल्वे 377 83
चांदूर बाजार 1784 392
चिखलदरा 5137 916
दर्यापुर 1095 328
धामनगांव 557 112
धारणी 1158 199
मोर्शी 2966 344
नांदगांव 877 220
तिवसा 816 180
वरूड 707 165
कुल 20681 4689
* मानसून के दौरान कम काम
मानसून के दौरान जब काम कम हो जाते हैं, तो मजदूर दूसरे काम की तलाश में लग जाते हैं. अब मानसून खत्म हो चुका है. रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले मजदूर अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं. नतीजतन, इस योजना के तहत फिलहाल केवल दो काम, बागबानी और घरकुल निर्माण ही किए जा रहे हैं. आंकडे मजदूरों की संख्या में गिरावट दर्शाते हैं.





