शायद ही टलेंगे चुनाव; चलने दो जमकर प्रचार
जिले की 2 नगर परिषदों व 1 नगर पंचायत में फंसा है पेंच

* धारणी में 75%, चिखलदरा में 65%, दर्यापुर में 62% आरक्षण
* आसान भाषा में समझिये क्या है मामला, अब क्या होगा?
अमरावती /दि.20- इस समय जहां एक ओर पूरे राज्य में नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव को लेकर राजनीतिक धामधूम के साथ ही नामांकन प्रक्रिया बडी तेजी के साथ आगे बढ रही है. वहीं दूसरी ओर कई निकायों में विविध संवर्गो हेतु 50 फीसद से अधिक सीटें आरक्षित हो जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई प्रलंबित है. जिस पर आगामी मंगलवार को फैसला आने की उम्मीद है. चूंकि इस याचिका पर विगत बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताने के साथ ही राज्य सरकार को कडे शब्दों में चेताया था कि, यदि ऐसा ही चलता रहा तो अदालत द्वारा चुनाव पर रोक लगा दी जाएगी. जिसके चलते जिले के जिन निकाय क्षेत्रों में 50 फीसद से अधिक सीटें एससी-एसटी व ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित हुई है, वहां पर चुनाव के होने अथवा नहीं होने को लेकर संभ्रमवाली स्थिति बनी हुई है और कई प्रत्याशियों ने ऐन समय पर चुनाव स्थगित हो जाने की संभावना के भय से अब तक अपना प्रचार भी शुरु नहीं किया है. इन तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने अपने स्तर पर मामले की पडताल करते हुए निश्कर्ष निकाला है कि, चुनाव टलने की संभावना बेहद कम है. जिसके चलते सभी पार्टियों व प्रत्याशियों ने अपना प्रचार अभियान जारी रखना चाहिए.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसी भी तरह के आरक्षण हेतु अधिकतम 50 फीसद की मर्यादा तय की गई है, यह बात सर्वविदित है. लेकिन इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि, सभी क्षेत्रों में एससी व एसटी संवर्ग की जनसंख्या के लिहाज से एससी व एसटी संवर्ग हेतु आरक्षण का प्रतिशत तय किया जाए और उसी प्रतिशत के अनुसार सीटें आरक्षित रखी जाए. ऐसे में जिन क्षेत्रों में एससी व एसटी संवर्ग की जनसंख्या का अनुपात अधिक होता है, वहां पर एससी व एसटी संवर्ग हेतु आरक्षित रहनेवाली सीटों का प्रतिशत अधिक रहता है. इसके साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी संवर्ग के लिए 27 फीसद सीटें आरक्षित रखने को भी मंजूरी दी है. जिसके चलते जिन क्षेत्रों में एससी-एसटी संवर्ग हेतु आरक्षित सीटों का प्रतिशत अधिक रहता है, वहां पर ओबीसी संवर्ग की 27 फीसद आरक्षित सीटों को जोडकर आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसद से अधिक हो जाती है. इसी वजह के चलते अमरावती जिले के धारणी नगर पंचायत क्षेत्र मेन 75 फीसद, चिखलदरा नगर परिषद क्षेत्र में 65 फीसद व दर्यापुर नगर परिषद क्षेत्र में 62 फीसद सीटें एससी-एसटी व ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित हुई है. लगभग यही स्थिति राज्य के अन्य कई निकाय क्षेत्रों में भी रही. जिसे सर्वसाधारण प्रवर्ग के लिए अन्यायकारक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. जिसमें आरक्षण की अधिकतम मर्यादा को 50 फीसद से कम रखने की मांग उठाई गई है.
* अब सभी को मंगलवार का इंतजार
यहां पर यह विशेष ध्यान देनेवाली बात है कि, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में महाराष्ट्र की राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है. जिसके चलते इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरक्षण की स्थिति के संदर्भ में अपना जवाब पेश करना है. जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपना फैसला सुनाया जाएगा. वहीं निकाय चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढा रहे राज्य निर्वाचन आयोग का इस मामले से फिलहाल कोई लेना-देना नहीं है. जिसके चलते निर्वाचन आयोग द्वारा इस वक्त निर्वाचन प्रक्रिया को निर्बाध तरीके से आगे बढाया जा रहा है. जिसके तहत सभी निकाय क्षेत्रों में वैध-अवैध नामांकनों की पडताल का काम पूरा हो चुका है और इस समय नामांकन वापसी की प्रक्रिया चल रही है. जिसके बाद प्रत्याशियों के नामों की अंतिम सूची जारी करते हुए बुधवार 26 नवंबर को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा. खास बात यह है कि, इससे ठीक एक दिन पहले मंगलवार 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में फैसला आने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य सरकार के पक्ष में आता है, तो निर्वाचन प्रक्रिया बदस्तुर आगे बढेगी और 2 दिसंबर को सभी निकायों के चुनाव हेतु मतदान कराया जाएगा. परंतु यदि किसी कारणवश इस मामले में राज्य सरकार के खिलाफ फैसला आता है, तो उस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार को क्या दिशा-निर्देश दिए जाते है और उस स्थिति में राज्य सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर कौनसे कदम उठाए जाते है, उसके आधार पर निकाय चुनाव का भविष्य तय होगा. जिसके चलते संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए अभी से अलग-अलग संभावनाओं एवं पर्यायों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है. ऐसे में इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन रहनेवाली याचिका पर आगामी मंगलवार को होनेवाली सुनवाई और इस मामले में आनेवाले फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई है.





