दिव्यांगो को अपमानित किया या धमकाया तोें जेल

6 माह से पांच साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान

* दिव्यांग कल्याण मंत्रालय ने जांरी किया परीपत्रक
अमरावती/दि.21 – दिव्यांग व्यक्तीयोें के अधिकार अधिनियम 2016 में दिव्यांगो के अधिकारो व सामाजिक स्थिती बेहतर करने के उद्देश से पहली बार कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैें. जिससे अब दिव्यांगों पर फब्तीया कसने या उन्हें सार्वजनिक जगह पर अपमानित करने के उद्देश से धमकी देने कों अपराध घोषित कर दिया गया हेैं. साथ ही दिव्यांग कोें अपमानित करने के उद्देश से धमकी देना, मारपीट करना, उनसे भोजन या पानी लेने से इनकार करने, दिव्यांग बच्चे व महिला के योैन शोषण, दिव्यांगो द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले सहायक उपकरणोें को नुकसान पहुंचाने पर भी कडी सजा का प्रावधान किया गया हैं.
उसी प्रकार दिव्यांग महिला की सहमति के बगेैर एबार्शन करवाने को भी अपराध के दायरे में शामिल किया गया हैं. ऐसा करने पर 6 माह से लेकर 5 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती हैें. दिव्यांग कल्याण मंत्रालय विभाग द्वारा इससे संबंधित एक परीपत्रक जांरी किया हैें. जिस पर दिव्यांग संगठनों ने खुशी जाहिर की हैं. महाराष्ट्र राज्य दिव्यांग कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र दिक्षित ने बताया. की पहली बार ही दिव्यांगोे को अपमानित करने को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखा है.
इससे दिव्यांगो मेें सामाजिक सुरक्षा की भावना पैदा होगी. उसी प्रकार दिव्यांगजनो की समस्या का निराकरण के लिए राज्य सरकार संबंधित हाईकार्ट के चिफ जस्टिस की सहमति से स्पेशल कोर्ट की व्यवस्था करेंगा. सेशन कोर्ट में स्थापित होने वाले स्पेशल कोर्ट में पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जाएंगी इसके लिए वकालत का सात साल का अनुभव रखने वाले वकील की ही नियुक्ति की जाएंगी. केंद्र सरकार ने दिव्यांगो के अधिकार के प्रति संवेदनशील पहल की हैं. इसके लिए हर जिले में स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे. जहां ऐसे मामलो का जल्द से जल्द निराकरण करने का प्रयास किया जाएंगा. दिव्यांग को जरूरत पडने पर मदद के उद्देश से विशेष कोष की स्थापना कर उसे राजपत्र मेें प्रकाशित करने के नियोजन पर भी दिव्यांग कल्याण विभाग काम कर रहा हैं.

Back to top button