गुरू तेग बहादुर जी का शहीदी समागम बनेगा सादगी की मिसाल
सत्य और धर्म की रक्षा की गाथा अमरावती मेंं

* सिख, पंजाबी, सिंधी, सिखलिगर समाज होगा शामिल
* तीन दिनों के तीन विशेष आयोजन
अमरावती/ दि. 21- मानवता, धर्म की स्वतंत्रता और सत्य के लिए अपने प्राण न्यौछावर करनेवाले हिन्द की चादर श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी के 350 वें शहीदी गुरूपर्ब के उपलक्ष्य में गुरूद्बारा श्री गुरूसिंघ सभा द्बारा रविवार 23 से 26 नवंबर तक विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. यह जानकारी आज दोपहर आयोजित पत्रकार परिषद अध्यक्ष अमर ज्योत सिंघ जग्गी, सचिव डॉ. निक्कू खालसा और पदाधिकारियों ने दी.
उन्होंने बताया कि श्रृंखला का प्रारंभ 23 नवंबर रविवार शाम 4 बजे होगा. राजकमल चौक पर 4 से 6 बजे तक श्लोक महला नववा का पठन एवं नाम सिमरन किया जायेगा. खुले वातावरण में होनेवाला यह कार्यक्रम गुरू साहब के जीवन दर्शन को सरल, सहज और संगत के निकट से अनुभव कराने का माध्यम बनेगा. उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को दो प्रमुख कीर्तन दीवान पूर्ण श्रध्दा और सम्मान से आयोजित होेंगे. प्रात: कालीन विशेष दीवान में सुबह 8 बजे से श्री सुखमनी साहब का पाठ होगा. तत्पश्चात श्री अखंड पाठ साहेब की समाप्ति तथा ननकाना साहिब से पधार रहे प्रसिध्द रागी भाई अजय सिंघ जी अपनी अमृतमयी वाणी में गुरबाणी कीर्तन करेेंगे. उपरांत गुरू का लंगर अटूट वरतेगा. शाम के दीवान में 8 बजे से भाई अजय सिंघ जी द्बारा कथा, विचार और शहीदी स्मरण दिया जायेगा. पश्चात गुरू का लंगर वरतेगा.
सचिव डॉ. निक्कू खालसा ने कहा कि अमरावती में इस ऐतिहासिक शहीदी बरसी को संगत की श्रध्दा और सेवा भाव से भव्य रूप दिया जा रहा है. जिसका बडा गर्व है. गुरूद्बारा श्री गुरूसिंघ सभा द्बारा सभी सिख , पंजाबी, सिंधी, सिखलिगर समाज संगत सदस्यों, परिवारों, शहरवासियों से आग्रह किया गया है कि वे उपरोक्त सभी कार्यक्रमों में अधिकाधिक संख्या में सहभागी हो. संगत की उपस्थिति केवल श्रध्दांजलि नहीं- बल्कि गुरू तेग बहादुर साहिब जी के सर्वोच्च संदेश ‘धर्म की स्वतंत्रता, मानवता और सत्य ’ को आगे बढाने का संकल्प हैंं.
इस अवसर पर अमरज्योत सिंघ जग्गी, सचिव डॉ. निक्कू खालसा, कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र सिंघ (बिट्टू) सलूजा, कोषाध्यक्ष रतनदीप सिंघ बग्गा, महासचिव राजेंद्र सिंघ (कालू) सलूजा, दिलीप सिंघ बग्ग, गुरविंदर सिंध बेदी, गुरविंदर सिंघ (लाटी) नंदा, चरणजीत कौर (रीना) नंदा, सतपाल सिंघ बग्गा, प्रदीप चढ्ढा, हेमेंद्र सिंघ पोपली, जगदीशलाल छाबडा, ुगुरविंदर सिंघ मोंगा, नरेंद्रपाल सिंघ अरोरा, अमरजीत सिंघ जुनेजा, हरप्रीत सिंघ सलूजा, दिनेश सचदेवा, गिरीश सिंघ सवाल, हरविंदर सिंध राजपूत, अजिंदर सिंघ मोगा, रबजीत सिंघ सेठी, राजेंद्र सिंघ (राज) छाबडा, गुरप्रीत सिंघ नंदा, आशीष मोंगा, हरजिंदर सिंघ मोंगा, हरिंदरपाल सिंघ नंदा, तजिंदर सिंघ उबेवेजा, प्रल्हाद सिंघ सहानी, हरबख्श सिंघ उबोवेजा, विवेक छाबडा, प्रितपाल मोंगा, हरेंद्रपाल सिंघ ओबेरॉय, प्रवीण सिंघ मोंगा, महिंद्रपाल सिंघ नंदा, सतवंत सिंघ मोंगा, गगनदीप सिंघ सहानी, रोहित खुराना, कुलदीप सिंघ लोटे, हरप्रीत सिंघ गांधी, वकील सिंघ जयसिंघानी उपस्थित थे.





