मूल कीमत में कांटछांट कर शराब की अधिक दामों पर विक्री

जीएसटी वृद्धि के बाद विक्रेताओं ने चलाई नई ‘अक्कल’

अमरावती/दि.21 – राज्य सरकार द्वारा शराब की विक्री पर जीएसटी की दरों में वृद्धि कर दी है. जिसके चलते कुछ हद तक शराब की विक्री घट जाने की बात कही जा रही है. परंतु अमरावती शहर में कुछ शराब विक्री दुकानों पर शराब की बोतल पर दर्ज रहनेवाली मूल कीमत की कांटछांट करते हुए ज्यादा दामों पर शराब की विक्री किए जाने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई है. उसमें भी ब्रांडेड कंपनियों की बोतलों के साथ यह प्रकार किए जाने की जमकर चर्चा है.
बता दें कि, स्थानीय रामपुरी कैम्प परिसर स्थित एक घर में कुछ वर्ष पहले नकली विदेशी शराब व बीयर निर्मिती का कारखाना पुलिस ने पकडा था. वहीं विगत सप्ताह बडनेरा के निकट कोंडेश्वर मार्ग परिसर स्थित खेत में गावरानी शराब बनानेवाले कारखाने पर पुलिस की अपराध शाखा ने छापा मारकर उस शराब अड्डे को नष्ट किया था. इसके साथ ही पुलिस द्वारा आए दिन नकली व अवैध शराब की विक्री के मामले उजागर करते हुए संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. परंतु नकली व अवैध शराब की विक्री को रोकने की जिम्मेदारी रहनेवाले राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों को नकली व अवैध शराब की विक्री सहित गावरानी शराब के कारखाने तथा राज्य एवं राष्ट्रीय महामार्गों पर सडकों के किनारे स्थित होटलों व ढाबों में बिना लाईसेंस होनेवाली शराब की विक्री कभी दिखाई ही नहीं देती और हमेशा ही मनुष्यबल की कमी की वजह को आगे करनेवाला आबकारी विभाग ऐसे मामलों में कार्रवाई करता भी कभी दिखाई नहीं देता. जिसके चलते जहां एक ओर शहर की कई शराब विक्री की दुकानों में अवैध व नकली शराब की विक्री हो रही है. वहीं दूसरी ओर अब अमरावती शहर में शराब विक्रेताओं द्वारा शराब की बोतलों पर दर्ज कीमतों के साथ कांटछांट करते हुए मनमाने ढंग से अनाप-शनाप दामों पर शराब की विक्री किए जाने का मामला भी सामने आया है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, इस मामले में आबकारी विभाग द्वारा कौनसी कार्रवाई की जाती है.
* कीमत वाली जगह पर काला स्प्रे मारकर जालसाजी
अमरावती शहर की कुछ शराब विक्री दुकानों में उपलब्ध रहनेवाली ब्रांडेड कंपनी की शराब की बोतलों पर मूल कीमत वाले स्थान पर काले रंग का स्प्रे मारकर वहां अक्षरों में कांटछांट की जाती है और मनमाने ढंग से अनाप-शनाप दरों पर उन बोतलों की विक्री की जाती है. इसे लेकर बताया जाता है कि, यह इस तरह की शराब का पुराना स्टॉक है. जिसकी अब जीएसटी की दरे बढ जाने के चलते उंचे दामों पर विक्री की जा रही है.
* जीएसटी वृद्धि के चलते कई विक्रेताओं ने पहले ही कर लिया था स्टॉक
जीएसटी की दरे बढने की संभावना को ध्यान में रखते हुए कई शराब विक्रेताओं ने पहले से ही कई कंपनियों की शराब का स्टॉक खरीदकर अपने गोदामों में रखवा लिया था और अब जीएसटी की दरे बढने के साथ ही शराब की बोतलों पर दर्ज रहनेवाली मूल कीमत के साथ कांटछांट करते हुए उसे उंची दरों पर बेचा जा रहा है. इस जरिए जहां एक ओर शराब पीने के शौकीन लोगों के साथ जालसाजी हो रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार का राजस्व भी डूब रहा है. जबकि पुरानी शराब के स्टॉक को नई दरों पर बेचते हुए शराब विक्रेताओं द्वारा जमकर कमाई की जा रही है.
* आबकारी विभाग द्वारा शराब की दुकानों के स्टॉक की हमेशा ही जांच-पडताल की जाती है. परंतु अब तक शराब की बोतलों पर कीमतों के साथ कांटछांट करते हुए उसे उंची दरों पर बेचने जैसा कोई मामला ध्यान में नहीं आया है. आबकारी विभाग के प्रत्येक निरीक्षक को शराब विक्री की दुकानों की जांच-पडताल का टारगेट दिया गया है. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रत्येक निरीक्षक द्वारा अपने जिम्मे रहनेवाली शराब विक्री की दुकान में जाकर जांच-पडताल की जा रही है.
– सुभाष खरे
निरीक्षक, एक्साईज

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