उस फायरमेन की मौत से संतप्त हुए मनपा कर्मी
संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर शवागार के सामने डेढ घंटे किया रास्ता रोको

* आंदोलन के कारण हुआ ट्रैफिक जाम
* दोषियों पर एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग
* पुलिस के आश्वासन के बाद हुआ आंदोलन समाप्त
अमरावती/दि.21- अमरावती मनपा के अग्निशमन विभाग के बडनेरा जोन में कार्यरत राजेश वासुदेव मोहन (55) ने गुरूवार 20 नवंबर को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मानसिक अत्याचारों से त्रस्त होकर जहर गटक लिया था. इस फायरमेन की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. इस घटना से मनपा प्रशासन में खलबली मच गई हैं. वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजन व रिश्तेदारों में तीव्र रोष व्याप्त हैं. अग्निशमन विभाग के दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने और एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग को लेकर पोस्टमार्टम न होने देने की भूमिका लेकर आज दोपहर 12 बजे से डेढ घंटे तक भीम ब्रिगेड के अध्यक्ष राजेश वानखडे के नेतृत्व में इर्विन के शवागार के सामने रास्ता रोको किया गया. जिससे यातायात जाम हो गया था और स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. बडनेरा के थानेदार सुनील चव्हाण द्बारा संबंधितों पर कार्रवाई करने का आश्वासन देने के बाद यह आंदोलन समाप्त किया गया और दोपहर 3 बजे मृतक फायरमेन का पुलिस बंदोबस्त में पोस्टमार्टम किया गया.
बता दें कि गुरूवार 20 नवंबर को सुबह 10.30 बजे राजेश मोहन ने हताश होकर किटकनाशक का सेवन कर आत्महत्या का प्रयास किया. यह बात पता चलते ही उसे तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया. बताया जाता है कि दमकल विभाग के अधिकारियों की तरफ से हो रही मानसिक परेशानी के कारण राजेश मोहन ने यह कदम उठाया रहने का आरोप सामने आया है. घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित विभाग में खलबली मच गई थी. मनपा आयुक्त समेत अनेक अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर राजेश मोहन से मुलाकात कर डॉक्टरों से उसका हालचाल पूछा था. लेकिन किटकनाशक का सेवन अधिक करने से उनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. बताया जाता है कि राजेश मोहन एमआईडीसी के फायर ब्रिगेड के क्वॉटर में रहते थे. वह क्वॉटर खाली कर देने के लिए दमकल विभाग के अधीक्षक संतोष केंद्रे और लक्ष्मण पावडे दबाव डाल रहे थे. साथ ही वह ड्यूटी पर रहने के बावजूद वह अनुपस्थित रहना, वरिष्ठो के पास शिकायत करना आदि मानसिक अत्याचार किए जा रहे थे, ऐसा उसने मृत्युपूर्व बयान में कहा हैें. राजेश मोहन गुरूवार को सुबह 10 बजे अपना खाने का डिब्बा लेकर ड्यूटी पर गए थे. उन्होंने अपने सहयोगी दोस्त मुकेश निंदाने को फोन कर बताया कि उसने जहर गटक लिया है. राजेश मोहन द्बारा जहर गटक ने की जानकारी मिलने के बाद निंदाने ने उसकी पत्नी को जानकारी दी. पश्चात जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड दिया. राजेश मोहन पर किए गए इस मानसिक अत्याचार और उसकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने और एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग परिजनों ने करते हुए कार्रवाई न होने तक पोस्टमार्टम न होने देने की भूमिका ली. मृतक के परिजन रिश्तेदार और क्षेत्र के नागरिक समेत भीम ब्रिगेड के अध्यक्ष राजेश वानखडे के नेतृत्व में सैंकडों लोगों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए जिला अस्पताल के शवागार के सामने आज दोपहर 12 बजे रास्ता रोको आंदोलन शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना था की मनपा दमकल विभाग के संतोष केंद्रे, लक्ष्मण पावडे और उन्हें सहयोग करनेवाले रामकृष्ण शिंदे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएं. इस आंदोलन के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी और मार्ग का यातायात जाम होने से वाहनों की लंबी कतारे लग गई थी.
* पुलिस अधिकारियों ने लिखित रूप से दिया आश्वासन
मृतक फायरमेन राजेश मोहन की आत्महत्या के लिए दोषी रहे मनपा के दमकल विभाग के अधीक्षक संतोष केंद्रे और लक्ष्मण पावडे को सेवा से निष्काषित करने और रामकृष्ण शिंदे को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की. आंदोलन तीव्र होने से वातावरण तनावपूर्ण होते देख बडनेरा के थानेदार सुनील चव्हाण समेत ट्रैफीक शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त संजय खातोडे व अन्य आला अफसर आंदोलन स्थल पर आ पहुंचे. आंदोलनकर्ताओं ने कार्रवाई बाबात लिखित पत्र मांगा तब अधिकारियों ने उन्हें लिखित रूप से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. पश्चात आंदोलन समाप्त हुआ.
* दोपहर 3 बजे हुआ पीएम
शहर पुलिस प्रशासन द्बारा दोपहर 2 बजे मृतक के परिजन व भीम ब्रिगेड के अध्यक्ष राजेश वानखडे को लिखित रूप से कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद दोपहर तीन बजे मृतक फायरमेन राजेश मोहन का पुलिस बंदोबस्त में पोस्टमार्टम किया गया. पश्चात उनका शव परिजनों को सौंपा गया. इस घटना से मनपा प्रशासन में हडकंप मच गया है. इस आंदोलन में मनपा कर्मचारी भी नजर आए.
* ट्रैफिक जाम से हुई परेशानी
जिला अस्पताल के समाने डेढ घंटे तक रास्ता रोको आंदोलन होने से मार्ग का यातायात जाम हो गया था. इस कारण वाहनों की लंबी कतारे लग गई थी. इस यातायात को सुचारू करने के लिए ट्रैफिक जवानों को काफी पसिना बहाना पडा. इर्विन से रेलवे स्टेशन मार्ग और इर्विन चौराहे पर चारों तरफ वाहनों की कतारे लग गई थी. आंदोलन समाप्त होने के बाद शहर यातायात जवानों के अथक परिश्रम के बाद चौराहे और रेलवे स्टेशन मार्ग का यातायात नियमित हुआ.





