जिप में घटेगी ओबीसी सदस्यों की संख्या

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ओर लगी सभी की निगाहें

अमरावती /दि.22 – इस समय जहां एक ओर जिप व पंस के चुनाव को लेकर इच्छुक उम्मीदवारों में जबरदस्त गहमा-गहमी वाली स्थिति है, वहीं 50 फीसद से अधिक आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर आगामी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आनेवाले फैसले को लेकर सभी की धडकने तेज है. जिला परिषद आरक्षण में 50 फीसद से अधिक आरक्षण दिए जाने पर आपत्ति उठाते हुए दायर याचिका के चलते इस समय संभ्रमवाली स्थिति है और इस याचिका पर आगामी मंगलवार 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनेवाली है. साथ ही साथ संभावित निर्णय को लेकर अनुमान भी जताए जा रहे है. ऐसे में यदि फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में आता है, तो इसका अमरावती जिला परिषद के आरक्षण पर क्या परिणाम होगा, इसे लेकर भी तर्क-वितर्क लगाए जा रहे है.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस समय अमरावती जिला परिषद में ओबीसी संवर्ग हेतु 15 सीटे आरक्षित है और यदि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 50 फीसद से अधिक आरक्षण नहीं देने के संदर्भ में फैसला सुनाया जाता है, तो जिला परिषद में ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित सीटों में से 9 सीटें घटने की संभावना जताई जा रही है. उस स्थिति में केवल 3 सीटें ही ओबीसी संवर्ग हेतु अमरावती जिला परिषद में आरक्षित रहेंगी. वहीं अचलपुर, वरुड व दर्यापुर पंचायत समिति में ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित सीटों में से एक-एक सीटें घट जाएंगी. इसके अलावा पंचायत समिति सभापति हेतु ओबीसी संवर्ग की 3 सीटें घटने की भी संभावना जताई जा रही है.
बता दें कि, अचलपुर पंचायत समिति में कुल सदस्य संख्या 12 है. जिसमें से एससी व एसटी हेतु 2-2, ओबीसी हेतु 1 व सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु 5 सीटें है. यहां पर एक सीट के चलते आरक्षण 50 फीसद से अधिक होने की वजह से ओबीसी हेतु आरक्षित एक सीट को अनारक्षित करते हुए उसे सर्वसाधारण प्रवर्ग में जोडा जाएगा. वहीं वरुड पंचायत समिति में कुल 10 सदस्य संख्या है. जहां पर एससी, एसटी व ओबीसी हेतु 2-2 एवं सर्वसाधारण हेतु 4 सीटों का आरक्षण दिया गया है. यहां पर भी 50 फीसद से अधिक आरक्षण रहने के चलते ओबीसी संवर्ग की एक सीट में कटौती करते हुए उस सीट को सर्वसाधारण प्रवर्ग से जोडा जाएगा. इसी तरह दर्यापुर पंचायत समिति में कुल सदस्य संख्या 8 है. जिसमें से एससी हेतु 2, एसटी हेतु 1, ओबीसी हेतु 2 व सर्वसाधारण हेतु 3 सीटें आरक्षित हुई है. यहां पर भी ओबीसी संवर्ग की एक सीट को कम करते हुए उसे सर्वसाधारण प्रवर्ग के साथ जोडा जाएगा. जिसके चलते दर्यापुर पंचायत समिति में ओबीसी संवर्ग हेतु केवल एक ही सीट आरक्षित रहेगी.

* ओबीसी व सर्वसाधारण गण का आरक्षण बदलने की संभावना
उपरोक्त तीनों पंचायत समितियों में एक बार फिर आरक्षण कार्यक्रम पर अमल करने की संभावना जताई जा रही है. शेष पंचायत समितियों में दुबारा आरक्षण का ड्रॉ निकालने की आवश्यकता नहीं रहने के बावजूद भी पूरे जिलेभर के लिए दुबारा एकत्रित तरीके से आरक्षण कार्यक्रम पर अमल किया जा सकता है. जिसके चलते कई गणों में ओबीसी व सर्वसाधारण प्रवर्ग के आरक्षण को लेकर बदलाव होने के संकेत है. 27 नवंबर को चक्रानुक्रम (रोटेशन) आरक्षण पर आपत्ति लेकर समूचे राज्यभर से दर्ज कराई गई 74 याचिकाओं पर मुंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई होनेवाली है. यदि इस सुनवाई के बाद अदालत की ओर से याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला दिया जाता है, तो जिले के कई जिप गटों के आरक्षण में बदलाव होना अपेक्षित है. जिसके चलते अब सभी का ध्यान मंगलवार 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में और गुरुवार 27 नवंबर को मुंबई हाईकोर्ट में होनेवाली सुनवाई तथा दोनों अदालतों की ओर से दिए जानेवाले संभावित निर्णय की ओर लगी हुई है.

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