चुनाव हेतु निकायों की स्वनिधि से 2 करोड का खर्च
ग्रापं, पंस व जिप चुनाव में जिलाधीश को ग्रामविकास विभाग से मिलता है प्रति मतदान केंद्रनिहाय अनुदान

* चुनाव में प्रति मतदाता 60 से 65 रुपए का खर्च अपेक्षित
अमरावती /दि.22 – करीब 9 वर्ष के अंतराल पश्चात आगामी 2 दिसंबर को जिले में 10 नगर परिषद व 2 नगर पंचायत के आम चुनाव होने जा रहे है. जिसके लिए राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रशासन द्वारा जमकर तैयारियां की जा रही है. इस चुनाव के लिए संबंधित नगर पालिकाओं व नगर परिषदों को भी अपनी स्वनिधि से खर्च करना पड रहा है. जिसके लिए प्रति मतदाता 60 से 65 रुपए का चुनावी खर्च अपेक्षित होता है. जिसके चलते सभी नगर पालिकाओं द्वारा करीब 2 करोड रुपयों के आसपास स्वनिधि चुनावी काम पर खर्च होने की संभावना है.
नगर पालिका की वर्गवारी नुसार चुनाव लडनेवाले उम्मीदवारों के अधिकतम खर्च की मर्यादा तय की गई है और उसी अधिकतम मर्यादा के भीतर सभी उम्मीदवारों को अपना चुनावी खर्च करना होता है. इसके अलावा प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के लिए संबंधित नगर परिषद व नगर पंचायत को अपनी स्वनिधि से खर्च करना होता है. जिसके लिए संबंधित नगर परिषद व अपनी आय में से आवश्यक प्रावधान करने होते है. जिसके तहत कई नगर परिषदों ने चुनावी खर्च के लिए इससे पहले ही प्रावधान कर रखे है. वहीं जहां पर पहले से निधि का प्रावधान नहीं है, वहां पर अच्छी-खासी ‘पंचायत’ होने की पूरी संभावना है. चूंकि निर्वाचन संबंधी काम हेतु नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों का मानधन तुरंत ही अदा करना होता है. जिसके चलते अन्य कुछ कामों के बडे बिल उस समय तक प्रलंबित रहने की संभावना देखी जा रही है.
* चुनाव के समय इन बातों पर होता है प्रशासन का खर्च
निर्वाचन प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण चुनाव संबंधी कामकाज के लिए नियुक्त मनुष्यबल होता है और मतदान पथक में शामिल सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को उसी वक्त मानधन अदा किया जाता है. इसके साथ ही मतदान पथक के चाय-पानी व भोजन-नाश्ते, मतदान साहित्य की खरीदी, प्रिंटींग, मतदान पथक हेतु वाहन तथा स्टेशनरी सहित अन्य साहित्य पर भी अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है. जिसके लिए निधि का प्रावधान संबंधित नगर परिषद व नगर पंचायतों को करना होता है.
* जिप व पंस के चुनाव हेतु ग्रामविकास की निधि
जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव के समय ग्रामविकास विभाग द्वारा जिलाधीश कार्यालय को प्रति मतदान केंद्र 72 हजार रुपए का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. प्रत्येक मतदान केंद्र के साथ 1000 से 1100 मतदाता जुडे रहते है. वहीं ग्रामपंचायत चुनाव हेतु प्रति मतदान केंद्र के साथ 800 से 1000 मतदाता जुडे रहने के चलते ग्रापं चुनाव हेतु प्रति मतदान केंद्र 31,250 रुपयों का अनुदान ग्रामविकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, इस आशय का आदेश ग्रामविकास विभाग द्वारा 19 सितंबर 2025 को ही जारी किया गया. इससे पहले प्रति मतदाता चुनावी खर्च मिला करता था, जिसमें अब बदलाव किया गया है.
* मनुष्यबल का मानधन तुरंत किया जाता है अदा
नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव हेतु नियुक्त मतदान एवं मतगणना पथक के अधिकारियों व कर्मचारियों को उनका मानधन तुरंत ही अदा करना होता है. जिसके चलते संबंधित नगर परिषदों व नगर पंचायतों को इसके लिए पहले से प्रावधान करने होते है. इस बार निकाय चुनाव में 418 मतदान केंद्रों पर करीब 2 हजार के आसपास अधिकारी व कर्मचारी रहेंगे. इन मतदान पथकों के मानधन का नियोजन संबंधित नगर परिषदों व नगर पालिकाओं द्वारा किया गया है. साथ ही साथ अन्य कुछ जिलो के लिए भी निधि का प्रावधान किए जाने की जानकारी है. परंतु चुनावी खर्च के बढ जाने पर कुछ बिलों के कुछ समय तक प्रलंबित रहने की पूरी संभावना है.
* प्रति मतदान केंद्र निर्वाचन खर्च
– ग्रामपंचायत – 31,250 रुपये
– जिप/पंस – 72,000 रुपये
– जिले की 10 नगर परिषदों व 2 नगर पंचायतों में 3 लाख 59 हजार 56 मतदाता रहने के चलते फिलहाल चल रही निर्वाचन प्रक्रिया में 2.15 से 2.25 करोड रुपयों के आसपास निर्वाचन खर्च अपेक्षित है.





