‘रिफ्लेक्टर’ न रहनेवाले वाहनों से हो रही हैं दुर्घटना

एक साल में दो हजार वाहनों पर जुर्माना

अमरावती/दि.22 – सडक दुर्घटना में सर्वाधिक जीवित हानी हो रही हैं. जानलेवा दुर्घटना कम करने के लिए कौनसी उपाययोजना आवश्यक है. इस पर ध्यान देने पर अनेक वाहनों पर न रहे. रिफ्लेक्टर दुर्घटना का कारण साबित होने की बात सामने आयी है. सडक पर रात को खडे रहनेवाले यह वाहन यमदुत साबित हो रहे हैं. सफर करनेवाले अन्य वाहनों को रिफ्लेक्टर न रहनेवाले वाहन रात के समय पास जाने तक दिखाई नहीं देते. इस कारण खडे वाहनों पर वाहन टकराने से दुर्घटना होने की घटना बढी है. परिवहन विभाग के मोटर वाहन कानून की धारा 104 के मुताबिक वाहनों को रिफ्लेक्टर व ब्रेक लाईट रहना आवश्यक हैं.

* 1 हजार रुपए जुर्माना
रिफ्लेक्टर न रहनेवाले वाहनों पर जुर्माना लगाया जाता हैं. सुरक्षित सफर और दुर्घटना कम करने के लिए मोटर वाहन कानून में प्रावधान किया हैं. जिन वाहनों को रिफ्लेक्टर लगाए नहीं रहते उन वाहनों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. यह कार्रवाई आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस करती हैं.

* रिफ्लेक्टर, रेडियम पट्टी चाहिए विशेष दर्जा
वाहनो को लगाए जानेवाले रिफ्लेक्टर, रेडियम पट्टी की गुणवत्ता परिवहन विभाग ने निर्धारित की है. उस गुणवत्ता का ही रिफ्लेक्टर वाहनों को लगाना अनिवार्य है. इसके लिए ऐसे रिफ्लेक्टर की आपूर्ति करनेवाली एजेन्सी भी शासन ने नियुक्त की है.

* अनेक लोग नहीं लगाते रिफ्लेक्टर
खनिज यातायात करनेवाले हाईवा ट्रक, ट्रॉली, माल वाहक ट्रक, ट्रैक्टर, डंपर, क्रेन समेत यात्री परिवहन करनेवाले वाहन आदि सभी को रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य हैं. इसके बावजूद अनेक लोग रिफ्लेक्टर नहीं लगाते.

* कलर कोडिंग के मुताबिक रिफ्लेक्टर लगाना जरूरी
माल वाहक और पैसेंजर वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाना जरूरी हैं.रात के समय इस रिफ्लेक्टर के कारण अंधेरे में खडे वाहन दिखाई देते है. लाल रंग पीछे, सफेद रंग सामने और पीले रंग का रिफ्लेक्टर बाजू में लगाना आवश्यक है.

* रिफ्लेक्टर से खतरा टलता हैं
माल वाहक और पैसेंजर वाहनों को रिफ्लेक्टर आवश्यक है. रिफ्लेक्टर के कारण दुर्घटना का खतरा टलता है. कलर कोडिंग के मुताबिक रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य हैं. 2 हजार वाहनों को जुर्माना ठोका गया हैं.
– उर्मिला पवार, आरटीओ अमरावती

 

Back to top button