कबाड बेचने वाले के बेटे ने रचा इतिहास
अकोला के रोशन शहा ने अपने परिवार का नाम किया रोशन

* महाराष्ट्र इंजीनियरिंग सर्विसेज़ में पाई 18वीं रैंक
* पूरे शिर्ला गांव में उत्सव जैसा माहौल
अकोला/दि.22- आर्थिक तंगी से जूझते परिवार के बीच अकोला जिले के छोटे से शिर्ला गांव के रोशन शहा हुसैन शहा ने कमाल कर दिखाया है. कबाड बेचकर परिवार का गुजारा करने वाले पिता के बेटे रोशन ने महाराष्ट्र इंजीनियरिंग सर्विसेज़ परीक्षा में राज्य स्तरावर 18वीं रैंक प्राप्त कर अपने परिवार और पूरे गांव का नाम रोशन किया.
* परिवार की हालात बेहद खराब, बहनों को छोड़नी पड़ी पढ़ाई
जानकारी के मुताबिक रोशन बेहद साधारण परिवार से आते हैं. पिता कबाड का काम करते हैं और उससे मिलने वाली मामूली कमाई में घर का खर्च चलाना ही मुश्किल था. चारपट्टी वाले छोटे से कमरे में रहने वाले इस परिवार में दो बहनें भी हैं, जिन्हें गरीबी के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. माँ भी मजदूरी कर परिवार का साथ देती थीं. ऐसे कठिन हालात में रोशन के पिता ने मेहनत करके बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाया. एक अनजान दानदाता शेख सर ने भी लगातार छह-सात साल तक रोशन की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाली.
* दूसरे प्रयास में बड़ी सफलता
रोशन ने दूसरे ही प्रयास के तहत महाराष्ट्र इंजीनिअरिंग सर्विसेस की परीक्षा पास कर शानदार सफलता हासिल की. रोशन ने कक्षा दसवीं में भी 92.42 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. रोशन अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, गांव वालों, दोस्तों और शेख सर को देते हैं.
* गांववालों ने निकाली रैली, सभी की आंखों से छलके खुशी के आँसू
रोशन की सफलता की खबर जैसे ही शिर्ला गांव में पहुंची, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने रोशन को कंधों पर बैठाकर पूरे गांव में डीजे के साथ मिरवणूक निकाली. हर चेहरे पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी. गंभीर आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद रोशन की जिद, मेहनत और लगन ने आज उन्हें बड़ी मंज़िल पर पहुंचा दिया है. उनका संघर्ष और सफलता निश्चित ही युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी.





