राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने जारी किया परिपत्र
आवारा श्वानों को नसबंदी के बाद छोडने पर मनाही

* शिकायतों के लिए स्थानीय निकायों को शुरु करना होगा हेल्पलाइन नंबर
मुंबई /दि.25 – प्रदेश की महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को क्षेत्र के शिक्षा संस्थानों, सरकारी व निजी अस्पतालों, खेल परिसरों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन परिसर के प्रत्येक आवारा श्वान को पकडकर उसकी नसबंदी और टीकाकरण करना होगा. इसके बाद संबंधित आवारा श्वान को आश्रय स्थलों में रखना होगा. ऐसे आवारा श्वानों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद दोबारा उसी स्थान पर छोडने की मनाही होगी. शहरी स्थानीय निकायों को आवारा श्वानों को पकडकर रखने के लिए आश्रय स्थलों की व्यवस्था करनी होगी. सोमवार को राज्य के नगर विकास विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है.
सरकार ने आवारा श्वानों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के मद्देनजर कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किए है. इसके अनुसार राज्य की सभी महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अधीन अस्पतालों को एंटी रेबीज टीका और इम्युनोग्लोबुलिन का भंडारण रखना अनिवार्य होगा. साथ ही नगर विकास के 24 सितंबर 2025 के परिपत्र के आधार पर अत्याधुनिक पशु चिकित्सा अस्पताल बनाना होगा.
* होगी दंडात्मक कार्रवाई
प्रदेश की महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के क्षेत्रों में आवारा श्वानों को खाना खाने के लिए जगह निश्चित करनी होगी. निर्धारित जगह के अलावा दूसरे स्थानों पर आवारा श्वानों को खाना देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी.
* हेल्पलाइन नंबर शुरु करना होगा
राज्य की महानगर पालिकाओं, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के क्षेत्रों में आवारा श्वानों की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरु करना अनिवार्य होगा. संबंधित स्थानीय निकायों को शिकायतों का निपटारा जल्द से जल्द करना पडेगा.





