दूरबीन से देख सकते हैं चंद्र के गडढे

मराठी विज्ञान परिषद का उपक्रम

* 29 और 30 नवंबर को दिखाई देेेंगे
अमरावती/ दि. 26- खगोल प्रेमी लोगों के लिए आगामी 29 और 30 नवंबर को दूरबीन से चंद्रमा के गड्ढे देखने का अवसर उपलब्ध हो रहा है. मराठी विज्ञान परिषद में शहरवासियों के लिए यह उपक्रम किया है. दोनों ही दिन शाम 7 से 9 बजे तक वडाली नाके के पास चांदुर रेलवे रोड स्थित गुरूकृपा कॉलोनी के मैदान पर यह आयोजन रहने की जानकारी शौकिया खगोल विज्ञानी विजय गिरूलकर ने दी. लोगों से अवश्य आने का आवाहन भी उन्होंने किया.
गिरूलकर ने बताया कि जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं. वह अवकाश में अकेली नहीं है. उसके पास एक छोटा मित्र परिवार है. ऐसे ही एक मित्र चंद्र है जो पृथ्वी से 382402 किमी दूर है. 3473 किमी व्यास के चंद्र से निकली प्रकाश किरणे पृथ्वी पर पहुंचने में मात्र 1.3 सेकंड लगते हैं. चंद्र स्वयं प्रकाशित न होकर उसे सूर्य से प्रकाश मिलता हैै. दूरबीन से चंद्र का निरीक्षण करने पर दरारें, शलाका, गढ्ढे आदि स्पष्ट दिखाई देते हैं. चंद्र पर वातावरण न होने से उसकी अनेक बारीकियां दृष्टिगत होती है. चंद्र पर 30 हजार से अधिक गढ्ढे हैं. 12 पर्वत हैं, सबसे बडे गढ्ढे को न्यूटन का नाम दिया गया है. उसी प्रकार एक पर्वत का लिबनीट्स नाम दिया गया है. दक्षिण गोलार्ध की ओर गड्ढों की संख्या अधिक है. चंद्र पर जीवन न होने से उस पर गिरनेवाली उल्काओं के कारण यह गड्ढे होने का अंदाज वैज्ञानिकों का है.
मराठी विज्ञान परिषद ने खगोल प्रेमियों के लिए 29-30 नवंबर को शाम 7 से 9 बजे दौरान उपरोक्त स्थान पर नि:शुल्क चंद्र के अवलोकन की व्यवस्था की है. इसका लाभ लेने का आवाहन किया गया है. 6 इंच व्यास की हाईरेंज टेलीस्कोप से चंद्र के निरीक्षण का अवसर मिलनेवाला है.

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