शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में बोगस मतदाता!

फर्जी प्रविष्टियों का खुलासा, मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर उठा सवाल

* वरुड का मामला, प्राचार्य सहित तीन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज, जांच जारी
अमरावती /दि.27 – शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में फर्जी तरीके से मतदाताओं के नाम दर्ज करवाने का सनसनीखेज मामला वरुड तहसील कार्यालय में उजागर हुआ है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई है. शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा स्वयं को शिक्षक दिखाकर मतदाता सूची में शामिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया. इस पूरे षड्यंत्र में संस्थान के प्राचार्य की भूमिका भी सामने आई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए वरुड पुलिस ने प्राचार्य सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मिली जानकारी के अनुसार, हातूर्णा स्थित स्व. पंजाबराव ठाकरे कृषि तंत्र विद्यालय के कर्मचारी विशाल राजकुमार ठाकरे तथा रुपराव सदाशिव पेटे ने कभी भी अध्यापन का कार्य नहीं किया, लेकिन शिक्षक के नाम पर मतदाता सूची हेतु प्रस्तुत आवेदन में स्वयं को शिक्षक के रूप में दर्शाया. वहीं, प्राचार्य ने यह जानते हुए भी कि दोनों आरोपी शिक्षक नहीं हैं, उनके आवेदन को स्वीकृति दी और बनावट प्रमाणपत्र संलग्न कर दोनों को शिक्षक होने का प्रमाणित किया. इस फर्जी प्रमाणीकरण के आधार पर दोनों के नाम शिक्षक मतदाता संघ की मतदाता सूची में विधिवत रूप में सम्मिलित होते दिखाई दिए.
यह मामला सोमवार दोपहर करीब 2 बजे वरुड तहसील कार्यालय में सामने आया. मतदाता सूची के अंतिम चरण का कार्य चल रहा था, तभी संदिग्ध प्रविष्टियों की जानकारी कुछ लोगों को मिली. तत्पश्चात जांच की गई और सभी दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि होने पर फर्जीवाड़ा उजागर हो गया. इसके बाद फिर्यादी अरुण रामचंद्र पाटणे (निवासी- व्यंकटेश सिटी, वरुड) ने मंगलवार मध्यरात्रि करीब 8 बजे वरुड पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राचार्य सहित तीनों आरोपियों पर धोखाधड़ी, झूठी जानकारी देने, बनावट दस्तावेजों के उपयोग और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस कृत्य में और कोई शामिल है या नहीं तथा बनावट दस्तावेज तैयार करने के पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है क्या.
इस घटना के बाद शिक्षक मतदाता संघ की मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं. संवेदनशील चुनाव प्रक्रिया में इस प्रकार जालसाजी कर प्रवेश पाने के प्रयास से शिक्षक वर्ग में तीव्र आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है. मतदाता सूची में धांधली कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले ऐसे गैरकार्यों पर कठोर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है.
अब तहसील प्रशासन और पुलिस की जांच किस निष्कर्ष पर पहुंचती है और क्या इस मामले में और भी नाम सामने आते हैं, इस पर पूरे जिले की निगाहें टिकी हुई हैं.

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