मानव-श्वान संघर्ष पर मनपा में उच्चस्तरीय बैठक
मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा ने दिए आवश्यक निर्देश

अमरावती/दि.28 – सर्वच्च न्यायालय में लंबीत आंतरिक याचिका क्रमांक की पृष्ठभूमी पर मानव-श्वान संघर्ष तथा संस्थागत प्रबंधन से जुडे गंभीर मुद्दो की समीक्षा के लिए अमरावती मनपा में गुरूवार 27 नवंबर को आयुक्त सौम्या शर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में शहर में बढती समस्याओं से निपटने के लिए सभी विभागों के समन्वित और नियोजित प्रयासों की दिशा में यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई बैठक में मनपा के विभिन्न विभाग प्रमुख,स्वास्थ विभाग के अधिकारी, पशु चिकीत्सा अधिकारी, स्वच्छता विभाग, पुलिस प्रशासन, के प्रतिनिधि, तथा जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे.
न्यायालय के आदेशो का कडाई से पालन करने तथा शहर में मानव-श्वान संघर्ष की स्थिती को नियंत्रित करने के लिए सभी विभागों ने अपनी जिम्मेदारीया स्पष्ट की शहर में बढती आवारा कुत्तो की संख्या से नागरिकों में उत्पन्न भय, काटने की, घटनाएं और रैबीज से संबंधित जोखिमों पर गंभीर चर्चा की गई विशेष रूप से शहरी क्षेत्र में कुत्तो की वैज्ञानीक गणना, उनके पुनर्वास, नागरिक शिकायतों पर त्वरित कर्रवाई तथा जागरूकता पर जोर देने का निर्णय लिया गया. पशु चिकित्सा विभाग ने वर्तमान में चल रहे कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया. आयुक्त सौम्या शर्मा ने इस कार्यक्रम में आवश्यक सुधारों का सुझाव देते हुए नसबंदी, टीकाकरण और उपचार प्रक्रियाओं में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए
शहर के सभी वार्डो में एबीसी कार्यक्रम की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु एक स्वतंत्र निगरानी समिती गठित करने पर भी निर्णय हुआ. आयुक्त शर्मा ने कहा कि मानव -कुत्ता संघर्ष किसी एक विभाग का मुद्दा नही, बल्कि अनेक विभागों के संयुक्त प्रयासोे से ही प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है. इसलिए स्वच्छता विभाग, स्वास्थ विभाग,पशु चिकित्सा शाखा, विधि सलाहगार और पुलिस प्रशासन के बिच निरंतर समन्वय आवश्यक है. नागरिकों की शिकायतों के त्वरीत समाधान हेतु विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया. नागरिकोे की शिकायते तुरंत दर्ज हो तथा उनकी डिजिटल रिकॉडींग बने, इस दिशा में निर्देश दिए गए आयुक्त ने कहा की नागरिको की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. परंतु पशुओ की प्रति दयाभाव और संरक्षण की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. न्यायालय के आदेशो का पालन करते समय इन दोंनो के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है. उन्होंने पशु कल्याण संगठनो के साथ संवाद बढाने, जागरूकता अभियान चलाने तथा स्कुलों में विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए बैठक मे मानव- कुत्ता संघर्ष नियंत्रण के लिए बहुयामिक कार्य योजना स्विकृत की गई.
*सभी वार्डो में श्वान संर्वेक्षण
मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा ने तात्कालिक उपाययोजनाओं के निर्देश देत हुए कहा कि, जिन क्षेत्रों मे आवारा कुत्तों की संख्या अधिक है, वहां सर्वेक्षण तुरंत पुरा किया जाए. एबीसी कार्यक्रम की गति बढाई जाए तथा आवश्यक जनबल, उपकरण व तत्कनिकी सहायता समयबध्द उपलब्ध कराई जाए. पशु चिकित्सा विभाग को विशेष नियंत्रण पथक गठित करने तथा आक्रामक/खतरनाक कुत्तों की अलग सूची बनाकर उचित पुर्नवास प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए गए. सभी विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने हेतु साप्ताहिक समीक्षा बैठक अनिवार्य की गई. 24/7 कट्रॉल रूम में दर्ज शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई और उनकी डिजिटल रिपोर्टींग अनिवार्य होगी. कचरा प्रबंधन सुधारने के कडें निर्देश दिए गए. गलियोें में खुला कचरा जमा न हो, अन्यथा सबंधित विभाग पर कार्रवाही की जाएगी. कचरा संकलन समयबध्द होनो चाहिए. शहर के पशु आश्रय केंद्रों की सुविधाए, उपकरण, और कर्मचारीयों की संख्या बढाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए गए बैठक में नितिन कापडनीस, अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक, उपायुक्त नरेंन्द्र वानखेडे, डॉ. संजय कावरे (उपायुक्त पशुसंवर्धन) डॉ. पुरूषोत्तम सोलंके, डॉ. प्रकाश मेश्राम(मनपा शिक्षणाधिकारी), स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले, शहर अभियंता रविन्द्र पवार, रेल्वे स्टेशन प्रबंधक(बडनेरा/अमरावती),जिला क्रीडा अधिकारी अनुप वानखेडे विघापीठ कुलसचिव डॉ. निलेश कडू, डॉ. विशाल गजभिये, डॉ. सचिन बोंद्रे, नगररचना अधिकारी सागर वानखेडे,राजमार्ग विभाग के प्रमुख अक्षय पांडे, धवल पटेल एवं वसा प्राणी कल्याण संस्था के शुभम सायके, सोपारिका फाउंडेशन के भार्गव चेडे, प्राणी मित्र अमरावती के राघवेंन्द्र नांदे, वसुंधना फाउंडेशन के के.एस देशमुख सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.





