परतवाडा के रिश्वतखोर वनपाल की जमानत खारीज

अचलपुर न्यायालय का फैसला

परतवाडा/दि.28 – अमरावती प्रादेशिक वनविभाग के तहत आनेवाले परतवाडा वनपरीक्षेत्र कार्यालय के वनपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 की धारा के तहत परतवाडा पुलिस स्टेशन में 7 नवंबर को मामला दर्ज हैं. इस आपराधिक जमानत मिलने के लिए वनपाल ने अचलपुर न्यायालय में वकील के जरीए याचिका दायर की थी. इस अर्जी को अचलपुर न्यायालय ने खारिज कर दिया हैं.
अमरावती एसीबी की निरीक्षक निलीमा सातव द्बारा दी गई शिकायत के मुताबिक यह मामला दर्ज किया गया हैं. शिकायतकर्ता प्रदीप कराले का अचलपुर तहसील के मौजा म्हसोना में खेत सर्वे नंबर 223 के तहत 8 एकड खेत है. पत्नी और बेटे के नाम रहे खेत में 25 वर्ष पूर्व उन्होेंने करीबन 125 सागवान के पेड लगाए थे. इनमें से 50 पेड काटने के लिए 24 फरवरी 2025 को परतवाडा वनपरीक्षेत्र अधिकारी के पास उन्होंने आवेदन किया. इस पर वनपरिक्षेत्र अधिकारी हलफनामा निकालकर कार्रवाई पूर्ण की. आवेदन निमित्त 9 मई को 50 पेड तोडने की अनुमति दी गई. साथ ही पंचनामा भी किया गया. इस पर परिवहन पास मिलने के लिए 4 जून को शिकायतकर्ता ने आवेदन किया. तब प्रकरण सहायक वनसंरक्षण अमरावती के पास रहने की बात वनपाल ने कही. शिकायतकर्ता यह सहायक वनसंरक्षक से मिले तब हैमर उपलब्ध न रहने की बात कहीं गई. हैमर मारकर परिवहन पास देने के रेट एक घनमीटर के 1 हजार रुपए हैं. 11 घनमीटर के लिए 11 हजार रुपए लगेगे, ऐसा परतवाडा के वनपाल ने बताया. लेकिन बाद में समझौता कर 6 हजार रुपए में परिवहन पास देना निश्चित हुआ. जांच के दौरान 6 हजार रुपए की रिश्वत वनपाल द्बारा मांगे जाने की बात स्पष्ट हुई. संदेह होने से परतवाडा के वनपाल ने रिश्वत नहीं स्विकारी. तब 7 नवंबर को परतवाडा थाने मेंं शिकायत दर्ज की गई. तब से परतवाडा का वनपाल फरार है. उसने इस प्रकरण में जमानत मिलने के लिए अचलपुर न्यायालय में वकील के जरिए अर्जी की. लेकिन यह अर्जी 27 नवंबर को अचलपुर न्यायालय ने खारीज कर दी और जमानत देने से इनकार कर दिया.

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