14 करोड़ की ठगी का सनसनीखेज मामला!
‘भोंदूगिरी’ के नाम पर पुणे में परिवार ने लूटे करोड़

* 1139 संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन, 3 आरोपी पुलिस रिमांड में
पुणे/दि.28 – बीमारी ठीक करने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का बड़ा पर्दाफाश हुआ है. आर्थिक अपराध शाखा ने जांच में आरोपी पंढरपूरकर परिवार की विभिन्न बैंक खातों, वाहनों और लैपटॉप से 54 लाख रुपए की रक्कम जब्त और सुरक्षित की है. जांच में सामने आया कि यह ठगी कुल 14 करोड़ 39 लाख 20 हजार रुपए तक पहुँच चुकी है.
* 1139 संदिग्ध बैंक लेनदेन
जांच के दौरान आरोपी परिवार के 39 बैंक खातों में से 13 खातों की जानकारी उपलब्ध हुई है. जिनमें 1139 संदिग्ध ट्रांजैक्शन दर्ज है. साथ ही ठगी की रकम को विभिन्न खातों और स्रोतों में घुमाया गया है. पुलिस के अनुसार आरोपी ने इस रकम से संपत्तियाँ व वाहन खरीदे हैं. साथ ही शिकायतकर्ता सहित कई लोगों से लिया गया सोना कुछ निजी साहूकारों के यहां गिरवी रखकर लगभग 60 लाख रुपए का ऋण भी लिया गया है.
* गिरफ्तार आरोपी व पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, उनमें वेदिका कुणाल पंढरपूरकर (41, कोथरूड, पुणे), कुणाल वैजनाथ पंढरपूरकर (42), दीपक जनार्दन पंढरपूरकर (65, वाडीवरे, नाशिक) का समावेश है. आर्थिक अपराध शाखा द्वारा प्रोडक्शन वारंट पर अदालत में पेश किए जाने के बाद सत्र न्यायाधीश ए.आई. पेरमपल्ली ने तीनों को 3 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया. पहले भी आरोपी पुलिस कस्टडी में रह चुके हैं, जिसके दौरान उन्होंने न्यायिक हिरासत की मांग की थी. हालांकि अब पुलिस को आगे की जांच के लिए अतिरिक्त कस्टडी मिली है.
पुलिस को अभी आरोपी से गिरवी रखे गए सोने का स्थान और साहूकार की जानकारी, विभिन्न बैंक खातों में घूमाए गए पैसों का नेटवर्क, प्राप्त की गई संपत्तियों का विवरण, अन्य पीड़ितों की पहचान जैसी जानकारियां हासिल करने की आवश्यकता है. जांच के लिए विशेष नोंदणी एवं महानिरीक्षक कार्यालय से 6-7 महत्वपूर्ण दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं. यह मामला पुणे में आस्था के नाम पर करोड़ों की ठगी के सबसे बड़े मामलों में से एक माना जा रहा है. पुलिस को संदेह है कि आरोपी नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है तथा अधिक पीड़ितों के सामने आने की संभावना है.





