फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र तुरंत रद्द करने के निर्देश

सरकार ने जारी किया जीआर, राज्य के 14 शहरों में विशेष जांच मोहीम शुरू

* सभी विभागीय आयुक्तों व जिलाधीशों को सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश
मुंबई/दि.28 – महाराष्ट्र में नकली जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों के बढ़ते रैकेट पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. केवल आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए या संदिग्ध लगने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को तुरंत रद्द करते हुए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश राजस्व एवं वन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए है. साथ ही इस संबंध में राजस्व एवं वन विभाग द्वारा एक सरकारी परिपत्रक भी जारी किया गया है, जिसमें परिपत्रक में तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी, जिलाधिकारी और विभागीय आयुक्तों को 16 बिंदुओं के आधार पर जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों की पुन: जांच करने का आदेश दिया गया है.
इस पूरे मामले को लेकर की गई समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि राज्य के कुछ शहर और तालुके नकली प्रमाणपत्रों के हॉटस्पॉट बन चुके हैं. जिन 14 शहरों में विशेष मोहीम अग्रिम रूप से चलाई जाएगी, उनमें अमरावती, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, अकोला, पुसद, सिल्लोड, छत्रपति संभाजीनगर शहर, लातूर, परभणी, बीड, गेवराई, जालना, अर्धापूर, परली इन शहरों व तहसीलों का समावेश है. इन सभी स्थानों के तहसीलदार व जिलाधिकारियों को गंभीरता से जांच कर संदिग्ध प्रमाणपत्र तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस परिपत्रक में जांच अभियान को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा गया कि, केवल आधार कार्ड पर जारी प्रमाणपत्र सीधे रद्द किए जाएंगे. जन्म/मृत्यु तारीख में विसंगति पाए जाने पर पुलिस में तुरंत शिकायत दर्ज कराई जाएगी. यदि फर्जी प्रमाणपत्र के लाभार्थी फरार हों, तो उन्हें ‘फ़रार’ घोषित कर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा संदिग्ध दस्तावेज़ वाले मामलो में प्रमाणपत्र वापस लेकर दोबारा सत्यापन किया जाएगा.
* क्यों आवश्यक हुई कार्रवाई?
बता दें कि, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग करता है, लेकिन एक वर्ष बाद प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग के पास रहती है. इसी चरण में कई स्थानों पर बनावट कागजात और गलत जानकारी देकर प्रमाणपत्र लिए जाने की घटनाएँ सामने आईं. इसके बाद सरकार ने सभी पुराने संदिग्ध प्रमाणपत्र वापस लेकर पुन: जांच करने और दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई का निर्णय लिया है. जिसके तहत 14 शहरों में यह अभियान तुरंत शुरू किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर इसे राज्य के अन्य जिलों तक भी विस्तारित किया जाएगा.

Back to top button