तेंदूए और मनुष्य का संघर्ष कम होगा

वन विभाग ने कार्यक्षेत्र की पुनर्रचना

* राज्य के राजस्व व वनविभाग का निर्णय
अमरावती/दि.1 – राज्य में बढ रहे तेंदूए और मनुष्य संघर्ष के कारण शासन और प्रशासन का सिरदर्द बढ गया है. इस पृष्ठभूमि पर राज्यशासन के राजस्व व वन विभाग द्बारा पुणे विभाग के सहायक वनसंरक्षक (श्रेणी-1) के कार्यक्षेत्र में पुनर्नियोजन करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया हैं. इस निर्णय के कारण अनेक दिनों से लंबित क्षेत्रिय त्रुटी दूर होकर मनुष्य और वन्यजीव विशेषत: तेंदुए व मनुष्य संघर्ष नियंत्रण में रखने में सहायता होनेवाली है.
शासन द्बारा सहायक वनसंरक्षकों को उनकी ड्यूटी प्रभावी रूप से पूरी करते आए. तथा क्षेत्रिय स्तर पर उनके अधिन रहे अधिकारी और कर्मचारियों पर प्रभावी रूप से पर्यवेक्षण करने के लिए पुनर्रचना की हैं. जंगल का संरक्षण, संवर्धन और व्यवस्थापन यह प्रमुख काम उनके जरिए परिणाम कारक अमल में लाने के लिए महाराष्ट्र वनसंहिता (खंड-1) के संबंधित प्रावधान विचार में लेकर कार्यक्षेत्र में नया विभाजन निश्चित किया गया है. इस कदम के कारण निर्णय प्रक्रिया में स्पष्टता आकर प्रशासकीय कामकाज अच्छी तरह होनेवाला हैं.

* मनुष्य-वन्यजीव, तेंदुए का संघर्ष कम होने में सहायता
पुणे, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजी नगर आदि परिसर में तेंदुओं की गतिविधियां बढने से नागरिकों में दहशत का वातावरण था. लेेकिन नई रचना के कारण संवेदनशील क्षेत्र में अधिकारी-मनुष्यबल का प्रभावी वितरण, वन्यजीव, गतिविधियों का जल्द और शास्त्रीय निरीक्षण कर तत्काल मनुष्यबल उपलब्ध होंगे. गश्त, रेस्क्यू और ट्रैपिंग कार्य में अचुक समन्वय होगा. इस सुधार के कारण पुणे के तेंदुए, मानव संघर्ष नियंत्रण में रखने बडी सहायता होनेवाली है. यह पुनर्रचना केवल प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि तेंदुए और मनुष्य के संघर्ष को नियंत्रण में लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण रहनेवाली है.

* ऐसा होगा फायदा
लंबे समय से प्रलंबित रेंज वितरण तृटि दूर होगी. तेंदुए और मनुष्य के संघर्ष नियंत्रण केे लिए संवेदनशिल इलाके में तत्काल अधिकारी उपलब्ध होंगे. अधिकारी- कर्मचारी के काम का निरीक्षण अधिक व्यवस्थित रूप से पूरा किया जाएगा. वनसंवर्धन और व्यवस्थापन पर अमल जल्द होगा. इसको टूरीजम, कैम्पा व वन्यजीव प्रकल्प को गति मिलेगी. सहायक वनसंरक्षक (श्रेणी-1) पद की कार्यक्षमता बढाकर वनसंरक्षक और नागरिकों की सुरक्षितता में सकारात्मक बदलाव लाने का यह महत्वपूर्ण कदम है, ऐसा शासन ने आदेश के जरिए स्पष्ट किया है.

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