कल दिखाई देगा ‘सुपरमून’ का जादुई प्रकाश उत्सव
अमरावती वासियों को खुली आंखों से देखने का अवसर

* चंद्रमा को बडा और चमकीला देख सकेंगे
* चंद्रमा की छवि 14 गुना बडी
अमरावती/दि.3 – गुरुवार 4 दिसंबर को पूर्णिमा के दिन सुपरमून दिखाई देगा. इस दिन चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी कम होगी. इसलिए, इस दिन चंद्रमा बडा और चमकीला दिखाई देगा. पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 3 लाख 85 हजार किमी है. जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी 3 लाख 70 हजार किमी के अंदर होती है, तब सुपरमून की स्थिति उत्पन्न होती है. जैसे-जैसे चंद्रमा पृथ्वी के निकट आता है, तूफान की तीव्रता बढने जैसी घटना हो सकती है.
पृथ्वी से हम हमेशा चंद्रमा का 59 प्रतिशत भाग ही देख पाते हैं. चंद्रमा से पृथ्वी का 98.4 प्रतिशत भाग दिखाई देता है. चंद्रमा से पृथ्वी तक प्रकाश किरणों को पहुंचने में 1.3 सेकंड का समय लगता है. चंद्रमा की आयु 4.65 अरब वर्ष है. चंद्रमा हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर जा रहा है. इसके कारण पृथ्वी की घूर्णन गति धीमी हो जाएगी और 100 साल बाद दिन 2 मिलीसेकंड तक लंबा होगा, पहाड़ों और गड्ढों को दूरबीन के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से देखा जा सकता है. 4 दिसंबर की शाम को दिखाई देने वाले सुपरमून को खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही और जिज्ञासु लोगों को देखना चाहिए. इस सुपरमून को खुली आंखों से देखा जा सकेगा, ऐसा मराठी विज्ञान परिषद, अमरावती विभाग के अध्यक्ष प्रवीण गुल्हाने और शौकिया खगोलशास्त्री विजय एम. गिरुलकर ने बताया.
* खगोलविदों की आकाश की ओर नजरें
खगोल विज्ञान के शौकीनों और आकाश को निहारने वालों के लिए यह पल एक खुशी का जश्न होगा. ऐसे समय में दूरबीन या कैमरे की मदद से चंद्रमा की सतह पर मौजूद क्रेटर और रेखाएँ (मारिया) ज्यादा साफ दिखाई देंगी. खगोलशास्त्री रात्रि आकाश पर नजर रखेंगे क्योंकि सुपरमून का यह जादुई प्रकाश उत्सव प्रकृति का एक अनूठा चमत्कार होगा.
* बॉक्स सुपरमून क्या है?
जब पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है, तो उसे सुपरमून कहा जाता है. उस समय, चंद्रमा की छवि चौदह गुना बडा और तीस प्रतिशत अधिक प्रकाशित दिखाई देती है. पूर्णिमा अपने सामान्य आकार से थोडी बडी और चमकदार दिखाई देती है. इस वर्ष, 7 अक्टूबर और 5 नवंबर को, नगरवासियों को सुपरमून के आकर्षक दृश्य को देखने का अवसर मिल रहा है. चूंकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, इसलिए इसकी कक्षा अण्डाकार के बजाय गोलाकार है. इसलिए, कभी-कभी चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब आ जाता है. उस समय, यह पूर्णिमा चरण की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है. यदि 4 दिसंबर, 2025 की रात को आसमान साफ रहा, तो पूर्णिमा बडी, चमकदार और अधिक मनमोहक दिखाई देगी.





