विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश लेकर किया शाला बंद आंदोलन
सीएम, शालेय शिक्षामंत्री के नाम जिलाधीश व सीईओ को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि.5- शिक्षकों को टीईटी की सख्ती व अन्य प्रलंबित मांगों को लेकर शिक्षक व शिक्षकेत्तर संगठना समन्वय समिति की तरफ से आज शुक्रवार 5 दिसंबर को संपूर्ण राज्य में सामूहिक अवकाश लेकर शाला बंद आंदोलन किया गया. अमरावती में भी समिति की तरफ से यह आंदोलन कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व शालेय शिक्षामंत्री दादाजी भूसे के नाम जिलाधिकारी आशीष येरेकर व जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजिता महापात्र को ज्ञापन सौंपा गया.
शिक्षक व शिक्षकेत्तर संगठना समन्वय समिति द्बारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि शासन की तरफ से उनकी मांगे मंजूर न किए जाने से शुक्रवार 5 दिसंबर को राज्य में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने सामुहिक अवकाश लेकर शाला बंद आंदोलन किया है. इस आंदोलन के तहत शाला बंद कर किसी को भी परेशानी में डालने का मकसद उनका नहीं था. बल्कि विद्यार्थी, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की मांगों के संबंध में शासन द्बारा अनुकूल निर्णय लिया जाए यही एकमात्र मकसद इस आंदोलन का हैं. संगठना की मांग है कि टीईटी अनिवार्यता के नाम पर रोकी गई पदोन्नति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए, पुरानी पेन्शन योजना पूर्ववत बहाल की जाए, शिक्षण सेवक योजना बंद कर पूर्व वेतन पर नियमित शिक्षक भर्ती पहले की तरह प्रभाव से शुरू की जाए, सभी विषय स्नातक शिक्षकों को भेदभाव न करते हुए, स्नातक वेतन श्रेणी लागू की जाए, राज्य के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की बंद रही पदभर्ती तत्काल शुरू की जाए, दैनंदिन अध्यापन कार्य प्रभावित करनेवाली शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्धन में दुविधा साबित होनेवाले बीएलओ सहित ऑनलाइन व ऑफलाइन काम बंद किए जाए, ग्रामीण क्षेत्र में सेवारत जिप के शिक्षकों के लिए मुख्यालय में शासन द्बारा निवासस्थान निर्माण कर दे तब तक मुख्यालय में रहने बाबत अनुषासन उल्लंघन के नाम पर सख्ती न करें, नप मनपा प्राथमिक शाला के शिक्षकों के वेतन के लिए स्वतंत्र वेतन दल गठित कर वेतन व सभी बकाया का प्रश्न हल किया जाए, आश्रम शाला में कंत्राटी शिक्षक भर्ती की नीति रद्द करें आदि सहित विविध मांगों का इसमें समावेश है. मांगे मंजूर न होने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई हैं. ज्ञापन सौंपनेवालों में समिति के जिलाध्यक्ष अजयानंद पवार, जिला सचिव शैलेंद्र दहातोंडे, राज्य प्रसिध्दी प्रमुख राजेश सावरकर समेत अनेक शिक्षकों का समावेश था.





