प्रधान सचिव सहित आला अधिकारी मेलघाट के दुरस्थ गांवों में
कोर्ट के निर्देश पर स्वास्थ सेवाओं का गहन मुआयना

* फ्रंट लाइन वर्कर्स और आदिवासियों से भी की बातचीत
* तीन विभागों के अधिकारी पहुंचे हैं
अमरावती/दि.5 – तीन दशकों बाद भी मेलघाट के धारणी तथा चिखलदरा तहसीलों के आदिवासी ग्रामों में सडक, बिजली, पानी की व्यवस्था पर्याप्त न होने और स्वास्थ्य सेवाओं की भी लगातार शिकायतें रहने के कारण बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रदेश के तीन विभागों आदिवासी कल्याण, स्वास्थ्य, महिला व बालविकास के उच्चाधिकारी आज मेलघाट का सघन दौरा कर रहे हैं. उनकी विजिट अभूतपूर्व रहने के बावजूद कडाके की सर्दी के कारण कुछ विलंब से सभी गांवों के नियोजित स्थानों पर पहुंचने का समाचार है. दोपहर 2 बजे वे धारणी मुख्यालय पहुंचने वाले थे. इस विजिट दौरान तीन विभागों के सचिवों ने लावलष्कर के साथ अलग-अलग आदिवासी गांवों को भेंट देकर फ्रंट लाइन वर्कर और आदिवासी लोगों के साथ भी सीधा संवाद किए जाने की खबर अमरावती मंडल के प्रतिनिधि मनोज शर्मा तथा सूरज मालवीय ने दोपहर को दी थी.
इनमें 11 आईएएस अधिकारी होने की जानकारी देते हुए बताया गया कि, अब तक मुख्यमंत्री और अन्य के मेलघाट प्रवास दौरान भी कभी इतनी संख्या में अफसरान मौजूद नहीं रहे. यह तो कुपोषण और माता मृत्यु पर हाईकोर्ट के सख्त रुख का परिणाम है कि, अफसर मेलघाट की टूटीफूटी सडकों पर कारों के काफिले के साथ आंगणवाडी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित सुदूर गांवों में प्रत्यक्ष अवलोकनार्थ पहुंचे हैं.
बता दें कि, इस बारे में जनहित याचिका बंड्या साने, पद्मश्री डॉ. रवींद्र कोल्हे, डॉ. कुलपे ने दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट की न्यायाधीश रेवती मोहिते-डेरे और न्या. संदेश पाटिल ने संज्ञान लेकर अफसरान को ग्राउंड पर जाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. आगामी 18 दिसंबर से पहले अधिकारियों को रिपोर्ट देनी है. अत: स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. निपुण विनायक, आदिवासी विकास विभाग के सचिव विजय वाघमारे और महिला व बालविकास विभाग के सचिव अनूप यादव बडे लावलष्कर के साथ मेलघाट में दाखिल हुए.
उन्होंने बताया कि, अफसरान का दल बिहाली, सेमाडोह, कलमखार, काटकुंभ, चुरणी आदि ग्रामों में विशेष रुप से स्वास्थ्य सेवाओं, सुविधाओं का अवलोकन कर रहा है. विभागीय आयुक्त श्वेता सिंघल, स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त कादंबरी बलकवडे, सैनिटेशन विभाग के सहसचिव डॉ. बापू पवार, जिलाधीश आशीष येरेकर, आयुक्त कैलास पगारे, जिला परिषद की सीईओ संजीता मोहपात्रा, मुख्य वनसंरक्षक जयोति बैनर्जी, प्रकल्प अधिकारी सिद्धार्थ शुक्ला, वित्त विभाग की सहसचिव स्मिता निवतकर, स्वास्थ्य विभाग संचालक मुंबई डॉ. नितिन अंबाडेकर, स्वास्थ्य संचालक पुणे विजय कंदेवाड, उपसचिव दीपक केंद्रे, चंद्रकांत विभुते, अवर सचिव विकास कदम, स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. कमलेश भंडारी, कक्ष अधिकारी प्रेमानंद सोनटक्के, अधीक्षक अभियंता आर. वाय. पाटिल और जिले के अधिकारी भी मंत्रालय के अफसरान के साथ शामिल है.
हाईकोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को भी इस निरीक्षण दौरे समय साथ रखने के निर्देश दिए हैं. जिससे पद्मश्री डॉ. कोल्हे, एड. बंड्या साने और डॉ. कुलपे भी इस विजीट में उच्चाधिकारियों के संग रहने की जानकारी प्राप्त हुई है. समाचार लिखे जाने तक केवल कुछ ही आंगणवाडी और स्वास्थ्य केंद्रों पर मंत्रालय अधिकारियों की टीम पहुंच सकी थी. उन्होंने नियोजित दौरे से अलग ग्रामों में भी जाकर प्रत्यक्ष सुविधा और स्वास्थ्य केंद्रों का हालचाल देखने की खबर है. इन पंक्तियों के लिखे जाने तक दौरा शुरु था. कई जगह दुभाषियों की मदद से आदिवासियों से अधिकारियों ने मिलनेवाली सुविधाओं के बारे में बात की. संवाद दौरान कोरकू और स्थानीय भाषा के कारण थोडी परेशानी पेश आई. ऐसे में एड. बंड्या साने और अन्य सामने आए और उन्होंने अधिकारियों को आदिवासियों की बात समझाई.





