नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे हत्याकांड की ‘इनसाइड स्टोरी’ का दूसरा व अंतिम भाग
‘फुल प्रूफ’ प्लान के बावजूद केवल एक गलती से पकड में आया नितिन इंगोले

* पिंकी को मारने के बाद खुद को बचाने नितिन ने बनाया था ‘फुल प्रूफ’ प्लान
* हत्या के बाद अगले एक घंटे में घटनास्थल से फिंगर प्रिंट सहित तमाम सबूत मिटाए थे
* सीसीटीवी कैमरों की नजर से बचते हुए लंबा फेरा लगाकर पहुंचा था घर
* पकडे जाने के भय से बस एक फोन कॉल लगाकर नितिन ने कर दी गलती
* डीवीआर के डिलिट डेटा की रिकवरी को लेकर लगाया था टेक्निशियन को फोन
* अपराध शाखा ने उसी गलती को पकडकर नितिन को लिया हिरासत में
* पकडे जाते ही नितिन ने किया पूरा घटनाक्रम बयां, 24 घंटे के भीतर पूरा मामला हुआ उजागर
अमरावती/दि.6 – विगत रविवार 29-30 नवंबर को घटित व उजागर नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे हत्याकांड की ‘इनसाइड स्टोरी’ किसी थ्रिलर की तरह है. जिसमें कई पहलुओं का समावेश भी है. उपर से किसी आम अपराधिक वारदात की तरह दिखाई देनेवाली इस कहानी में सतह के नीचे कई कहानियां और पहलू जुडे हुए हैं, जिसका पहला हिस्सा गत रोज प्रकाशित किया गया था. जिसके जरिए इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई थी कि, आम पारिवारिक व सामाजिक परिवेश से वास्ता रखनेवाली नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे किस तरह से देह व्यापार के दलदल में आकर फंसी और किस तरह से नितिन इंगोले नामक युवक नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे के संपर्क में आने के बाद उसके द्वारा अपने साथ विवाह करने और उसे अपने घर पर ले जाकर रखने की जिद की वजह से इस कदर हैरान-परेशान हो गया था कि, उसने विगत शनिवार 29 नवंबर की रात पिंकी के साथ उसके ही घर में सोते समय उसे मौत के घाट उतार देने का निर्णय लिया था और फिर तडके 3 बजे नितिन इंगोले ने गहरी नींद में सो रही नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे के सिर पर बट्टे के तीन-चार प्रहार कर उसे लहुलुहान कर दिया और फिर उसके गले में सब्जी काटने का चाकू घोंपकर उसकी आवाज को हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया. जिसके बाद नितिन इंगोले मौके से भाग निकला था. वहीं आज इस कहानी का दूसरा व अंतिम हिस्सा प्रकाशित किया जा रहा है. जिसके जरिए इस बात पर प्रकाश डाला जाएगा कि, 29 व 30 नवंबर की दरम्यानी रात तडके करीब 3 बजे के आसपास अचानक ही नींद से उठकर इस लोमहर्षक वारदात को अंजाम देने के बाद नितिन इंगोले ने आगे क्या किया और किस सफाई के साथ घटनास्थल से अपनी मौजूदगी से संबंधित तमाम सबूत मिटाए कि, पुलिस को घटनास्थल पर इस हत्याकांड से संबंधित एक भी सबूत नहीं मिला. लेकिन इसके बावजूद अपराध शाखा के दल ने बडी होशियारी के साथ काम करते हुए नितिन इंगोले को खोज ही निकाला और वारदात के बाद अगले 24 घंटे के भीतर इस पूरे मामले का पर्दाफाश भी किया.
इस संदर्भ में अपराध शाखा के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार 29 नवंबर की शाम जब नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे के बुलावे पर नितिन इंगोले उसके घर पहुंचा, तब तक नितिन इंगोले के मन में पिंकी को रास्ते से हटाने या उसकी हत्या करने से संबंधित कोई भी बात नहीं थी. उस शाम पिंकी खरबडे ने अपने केयरटेकर अशोक खंडारे के हाथों पहले ही बीयर और रम अपने घर पर मंगवा ली थी. पश्चात वहां पर पहुंचे नितिन इंगोले ने पिंकी के साथ बैठकर पार्टी की थी और शराब पीने के बाद पिंकी ने एक बार फिर नितिन इंगोले को अपने साथ अपने घर लेकर चलने की बात कहनी शुरु की. जिसकी वजह से दोनों के बीच एक बार फिर झगडा हुआ. हालांकि इसके बाद नितिन इंगोले ने जैसे-तैसे पिंकी को समझा-बुझाकर शांत किया और दोनों ने साथ मिलकर खाना खाया, जिसके बाद वे ‘बिस्तर’ में चले गए. रात करीब 12 बजे के आसपास नितिन इंगोले और पिंकी खरबडे एक साथ सो गए थे. जिसके बाद तडके करीब 3 बजे के आसपास नितिन इंगोले की नींद खुली और सामने गहरी नींद में सो रही पिंकी को देखते ही उसके भीतर एक अजीब सा कोलाहल मचा, तभी उसे बेडरुम में एक जगह पर सिलबट्टे का बट्टा रखा दिखाई दिया, तो नितिन इंगोले ने बिना आगे-पीछे कुछ सोचे उस बट्टे को उठाया और गहरी नींद में सो रही पिंकी के सिर पर उस बट्टे के जरिए करीब दो से तीन भरपूर वार किए. इस समय पिंकी दर्द से बिलबिला उठी और कराहने लगी. यह देखकर नितिन इंगोले ने तुरंत ही घर के किचन में रखे सब्जी काटने का चाकू लाया और उसे पिंकी के गले में घोंप दिया, ताकि पिंकी की आवाज को बंद किया जा सके. इसके साथ ही पिंकी की मौत हो गई.
* अचानक हुई वारदात के बाद फुल प्रूफ प्लान पर काम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नितिन इंगोले के हाथों यह जघन्य हत्याकांड भावावेश में आकर अचानक ही घटित हुआ था. उस समय नितिन इंगोले केवल चड्डी व बनियन पहने हुए था और उसके शरीर पर पिंकी के खून के छीटें भी उडे थे. गुस्से में आकर इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद जब नितिन इंगोले का हकीकत से सामना हुआ, तो उसके बाद उसने वहां से भागने और खुद को पुलिस की नजर से बचाने के प्लान पर सोचना व काम करना शुरु किया. जिसके तहत नितिन इंगोले ने सबसे पहले तो पिंकी के रक्तरंजित शव पर इस तरह से रजाई डाली, ताकि देखनेवाले को लगे कि, पिंकी सो रही है. इसके बाद अपने शरीर पर लगे खून के धब्बों को साफ करते हुए नितिन इंगोले ने अपने कपडे पहने और फिर उसने घर में जिन-जिन चीजों को छुआ था, उन सभी चीजों को अच्छी तरह से पोंछकर वापस उसी स्थान पर रख दिया, ताकि घर से उसके कोई फिंगर प्रिंट न मिल पाए. इसके अलावा नितिन ने घर में रखी शराब की बोतल, खाली ग्लास, चखने की प्लेट, टीवी के रिमोट और सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को एक बैग में अपने साथ ले जाने हेतु रख दिया तथा जिस तकिए पर वह पूरी रात सिर रखकर सोया था, उस तकिए को भी वह अपने साथ लेकर घर के पिछले हिस्से में रहनेवाली सीढी से बाहर निकला और फिर अपनी मोपेड पर सवार होकर वहां से भाग निकला. यही वजह थी कि, संताजी नगर स्थित नीलिमा उर्फ पिंकी खरबडे के घर से पुलिस को नितिन इंगोले की मौजूदगी के बारे में कोई सबूत नहीं मिल पाया था और पुलिस काफी लंबे समय तक आरोपी के नाम और पहचान को लेकर हवा में तीर चला रही थी.
* सीसीटीवी कैमरों के नजरों से छिपकर भागा था नितिन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि, तडके करीब 3 बजे के आसपास इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद नितिन इंगोले अगले करीब एक से देढ घंटे तक पिंकी के ही घर पर था और वहां पर तमाम सबूत मिटाने के बाद वह बडे आराम के साथ तडके करीब 4.30 बजे के आसपास वहां से बाहर निकला. लेकिन मौके से भागते समय भी नितिन ने इस बात का विशेष तौर पर खयाल रखा कि, वह उस परिसर से निकलते समय कहीं पर भी किसी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कैद न हो. ऐसे में उसने अपने घर जाने के लिए लंबी दूरी वाला रास्ता चुना. जिसके तहत सायंस्कोअर मैदान, डिपो रोड, मर्च्युरी टी पॉइंट व चित्रा चौक से होते हुए वह नागपुरी गेट से आगे असोरिया पेट्रोल पंप परिसर में पहुंचा. जहां से होकर गुजरनेवाले नाले में पडे कचरे के ढेर पर उसने अपने साथ लाई सभी वस्तुएं फेंक दी और डीवीआर को फेकने से पहले उसमें रहनेवाले डेटा को डिलिट कर दिया. जिसके बाद वह बडे इत्मीनान से नवसारी व रहाटगांव परिसर होते हुए अपने घर की ओर चला गया.
* ऐसे घूमी नितिन इंगोले पर संदेह की सुई, और नितिन ने कर डाली बस एक गलती
इस हत्याकांड के उजागर होने के बाद अपराध शाखा के सामने वारदात में शामिल आरोपी की पहचान करना और उसे पकडना काफी मुश्किल काम था. क्योंकि पिंकी जिस तरह की जिंदगी जी रही थी, उसके चलते ऐसे कई संदेहित थे, जिनके पास पिंकी को मौत के घाट उतारने के लिए कोई ‘मोटीव’ हो सकता था. ऐसे में हर संदेहित को टटोलना, उसके ‘मोटीव’ को तलाशना और हत्याकांड के साथ उसका ‘कनेक्शन’ स्थापित करना पुलिस के लिए काफी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा था. ऐसे में पुलिस ने सबसे पहले पिंकी के यहां केयरटेकर के तौर पर काम करनेवाले अशोक खंडारे को पूछताछ हेतु उठाया. जिससे पुलिस को यह पता चला कि, वारदात से एक दिन पहले शुक्रवार को पिंकी के घर पर नितिन इंगोले नामक युवक आया था. जिसका पिंकी के यहां हमेशा ही आना-जाना था. लेकिन चूंकि शनिवार की शाम अशोक खंडारे को पिंकी ने शराब मंगवाने के बाद उसके घर पर वापिस भेज दिया था और खंडारे के जाने के बाद नितिन इंगोले वहां पहुंचा था. ऐसे में शनिवार को पिंकी के घर पर नितिन की आमद के बारे में अशोक खंडारे पक्के तौर पर कुछ नहीं बता पाया था, परंतु अडोस-पडोस में रहनेवाले कुछ लोगों ने शनिवार की शाम नितिन को पिंकी के घर आते देखा था और देर रात तक नितिन की मोपेड भी पिंकी के घर के सामने खडी थी. साथ ही नितिन को उस रात वहां से वापिस जाते किसी ने भी नहीं देखा और रविवार की सुबह नितिन व उसकी दुपहिया वहां से नदारद थी. यह जानकारी सामने आते ही पुलिस ने नितिन को पूछताछ के लिए बुलाया, तो नितिन ने बेझिझक तरीके से पुलिस के सामने कबूल किया कि, वह अक्सर ही अपनी शारीरिक जरुरतों के लिए पिंकी के यहां आया-जाया करता था तथा शुक्रवार व शनिवार की शाम भी पिंकी के पास गया था और फिर देर रात वहां से वापिस भी चला आया. इसके बाद क्या हुआ, उसे उस बारे में कुछ नहीं पता. चूंकि नितिन ने पिंकी के यहां आने-जाने को लेकर कोई बात छुपाने का प्रयास नहीं किया. ऐसे में पुलिस ने शुरुआती पूछताछ के बाद उसे जाने दिया. लेकिन नितिन की कुछ हरकतों के चलते पुलिस को उस पर थोडा संदेह हुआ, तो पुलिस ने नितिन सहित उसके कुछ दोस्तों के मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड को खंगालना शुरु किया. तब पता चला कि, दोनों ही दिन नितिन का मोबाइल लोकेशन उसके अपने ही घर पर था और वारदात के अगले दिन यानि 1 दिसंबर को सुबह-सुबह नितिन ने अपने भाई के मोबाइल से अपने ‘त्रिशूल’ नामक दोस्त को कॉल लगाकर अर्जंट में मिलने हेतु बुलाया था. साथ ही यह भी पता चला कि, खुद नितिन इंगोले के घर में लगी सीसीटीवी कैमरों की सिस्टीम के डीवीआर से हार्ड डिस्क गायब है. जिसके बारे में नितिन ने एक अन्य टेक्निशियन से बात की थी. ऐसे में पुलिस ने ‘त्रिशूल’ नामक युवक सहित सीसीटीवी के टेक्निशियन से पूछताछ की. तब त्रिशूल ने पुलिस को बताया कि, नितिन उससे किसी डीवीआर के डेटा को डिलिट करने के बाद भी उसे दुबारा रिकवर किया जा सकता है अथवा नहीं इस बारे में पूछ रहा था. साथ ही पुलिस को यह भी पता चला कि, इस वारदात के बाद ही नितिन ने अपने घर के डीवीआर के हार्ड डिस्क को निकाला था, ताकि उसके घर से भी उसके बाहर आने-जाने के समय को लेकर पुलिस को कोई जानकारी न मिल पाए. साथ ही अगर पुलिस को कभी किसी जरिए असोरिया पेट्रोल पंप के पास नाले में फेका गया पिंकी के घर का डीवीआर मिल भी जाता है, तो पुलिस उसके डेटा को रिकवर न कर सके. परंतु इसी चक्कर में किए गए दो फोन कॉल के जरिए नितिन इंगोले पुलिस की पकड में आ गया. इसके बाद खुद नितिन ने ही पूरी कहानी पुलिस के सामने बयां कर दी.
* नागपुर में भी थी नितिन इंगोले की गर्लफ्रेंड
इस मामले की तफ्तिश के दौरान पुलिस को पता चला कि, पहले से शादीशुदा रहनेवाले नितिन इंगोले का पिंकी खरबडे के साथ तो संबंध चल ही रहा था, साथ ही साथ उसने नागपुर में रहनेवाली एक युवती को भी अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रखा था, जो अक्सर ही उसके मोबाइल पर फोन कॉल किया करती थी. यही वजह है कि, पिंकी खरबडे के घर जाते समय नितिन इंगोले अपना मोबाइल अपने पास नहीं रखा करता था और मोबाइल को अपने घर पर ही छोडकर जाता था, ताकि पिंकी खरबडे के सामने उसकी गर्लफ्रेंड का कोई कॉल न आए, क्योंकि अगर ऐसा होता, तो फिर पिंकी खरबडे इस बात को लेकर भी नितिन इंगोले के साथ झगडा करती. वारदात वाले दिन भी नितिन इंगोले अपना मोबाइल अपने ही घर पर छोडकर पिंकी के घर गया था. यही वजह थी कि, नितिन का मोबाइल लोकेशन पिंकी के घर की बजाए उसके अपने घर पर ही दिखाई दे रहा था. जिसके चलते पुलिस को पहले नितिन पर कोई संदेह नहीं हुआ था.

* महज एक वारदात के तौर पर नहीं, बल्कि सबक के तौर पर देखा जाए मामला
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने जब अपराध शाखा के पीआई संदीप चव्हाण से बातचीत की तो उन्होंने इस मामले से संबंधित कई पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, इस मामले की जांच आपने-आप में बेहद चुनौतीपूर्ण थी. क्योंकि पुलिस को घटनास्थल से आरोपी के बारे में कोई सबूत नहीं मिले थे और आरोपी ने बडी सफाई के साथ सारे सबूतों को मिटाने के साथ ही घटनास्थल से हटा भी दिया था. ऐसे में अपराध शाखा के दल सहित राजापेठ पुलिस ने ‘ह्युमन सोर्सेस’ के जरिए जांच को आगे बढाना शुरु किया और परंपरागत पुलिसिंग के जरिए मामले की पडताल करनी शुरु की. जिसके जरिए हमने अलग-अलग स्त्रोतों से मिली जानकारियों को कडियों के तौर पर एक-दूसरे के साथ जोडा. जिसके बाद जैसे ही इस मामले में नितिन इंगोले का नाम आया, तो उसके भाई व दोस्तों के मोबाइल भी खंगाले. जहां से हमें एक क्ल्यू मिला. जिससे पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया. इसके साथ ही पीआई संदीप चव्हाण ने कहा कि, हत्या की इस घटना को समाज ने महज एक वारदात के तौर पर नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह घटना समाज के लिए एक सबक के तौर पर है. पीआई चव्हाण के मुताबिक उन्होंने अब तक देह व्यवसाय से संबंधित जितने भी मामले देखे है, उनमें कॉमन बात यह है कि, ऐसे व्यवसाय में लिप्त महिलाओं ने सरकारी नौकरी में रहनेवाले युवाओं सहित संभ्रात परिवारों के युवाओं को अपने जाल में फांस रखा है और फिर आगे चलकर ऐसे युवा ब्लैकमेलिंग सहित शारीरिक व आर्थिक शोषण का शिकार भी होते है. ऐसे ही शोषण से परेशान होकर नितिन इंगोले ने इस वारदात को अंजाम दिया. नितिन इंगोले अपने पारिवारिक जीवन में पहले ही परेशान था और जहां उसने सुकून खोजने की तलाश की वहां से भी उसे परेशानी मिली. इसके चलते यह वारदात घटित हुई. ऐसे में युवाओं ने देह व्यापार के अड्डों का रास्ता नहीं पकडना चाहिए. वहीं दूसरी ओर विवाहिता व एक बच्चे की मां रहनेवाली पिंकी खरबडे ने भी अपने उदरनिर्वाह के लिए एक गलत रास्ता चुना. जिसकी वजह से वह इस दलदल में फंसती चली गई. यदि पिंकी इस गलत राह पर नहीं चलती, तो आज उसका यह अंजाम शायद नहीं हुआ होता. इन सबके साथ ही सबसे बडी जिम्मेदारी समाज की भी है. पिंकी का घर एक रिहायशी बस्ती के बीचोबीच था, जहां पर देह व्यापार का अड्डा चलता था और अक्सर ही उस घर में अनजान लोगों का आना-जाना भी लगा रहता था. ऐसे में यह संभव ही नहीं है कि, आस-पडोस में रहनेवाले लोगों को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. ऐसे में यदि पडोसियों द्वारा पहले ही इस बारे में पुलिस को सूचित किया गया होता, तो शायद पुलिस उस घर में चल रही अवैध गतिविधियों को पहले ही बंद करा देती, तब भी कुछ बातों को टाला जा सकता था. यही वजह है कि, अब इस घटना को अपराध के अलावा सबक के तौर पर देखा जाना चाहिए और अगर शहर में कहीं पर भी इस तरह का कोई चकलाघर चल रहा है, तो उसके आसपास रहनेवाले लोगों ने सीधे पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
* ब्लैकमेलिंग से घबराओ मत, सीधे हमारे पास आओ
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी देने के साथ ही अपराध शाखा के पीआई संदीप चव्हाण ने यह भी कहा कि, अब भी कई युवा इसी तरह से ब्लैकमेलिंग सहित मानसिक प्रताडना व आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हो, ऐसा काफी हद तक संभव हो सकता है. क्योंकि कई महिलाओं अथवा युवतियों द्वारा असंघठित तरीके व चोरी-छीपे ढंग से देह व्यापार किए जाने की पूरी संभावना है. जिनके द्वारा संभवत: अच्छे घरों से वास्ता रखनेवाले और सरकारी नौकरी में रहनेवाले युवाओं को अपने जाल में फांसा गया हो, जो शायद बदनामी के भय से चुप रहने के लिए मजबूर भी हो, परंतु यही चुप्पी कभी-कभी घातक और गंभीर रुप ले लेती है. जैसा की पिंकी खरबडे वाले मामले में हुआ. जिसके चलते भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका बनी हुई है. यह खतरा जताने के साथ ही पीआई संदीप चव्हाण ने आवाहन किया कि, अगर अमरावती शहर में कोई भी व्यक्ति अथवा युवक इस तरह के किसी मामले में फंसा हुआ है और ब्लैकमेलिंग का शिकार हुआ है, तो उसने बिना डरे और बेझिझक सीधे क्राइम ब्रांच के कार्यालय आकर खुद उनसे यानि पीआई संदीप चव्हाण से मुलाकात करनी चाहिए और पूरा मामला बताना चाहिए. इसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा ऐसे मामलो में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.





