सांसदों व विधायकों के घर में घुसना चाहिए बाघ व तेंदुए

पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने सरकार पर साधा निशाना

* ‘जहां जाओ, वहां खाओ’ को बताया सरकार की नीति
नागपुर/दि.11 – विगत कुछ दिनों से राज्य के अलग-अलग रिहायशी इलाकों में बाघों व तेंदुओं द्वारा घुसकर जानोमाल का बडे पैमाने पर नुकसान किया जा रहा है. जिसे लेकर सरकार एक जिम्मेदार मंत्री द्वारा कहा गया कि, सरकार की ओर से जंगल में बकरियां छोडी जाएंगी, ताकि तेंदुओं व बाघों को इंसानी बस्तियों की तरफ शिकार की तलाश में न आना पडे. इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने सरकार पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा और कहा कि, इस सरकार की नीति ‘जहां जाओ, वहां खाओ’ वाली है. जिसके तहत जंगल में केवल 200 बकरियां छोडी जाएंगी और 1 हजार बकरियां छोडने की बात कही जाएगी. जिसके जरिए बची हुई 800 बकरियों का पैसा हडप कर लिया जाएगा. साथ ही पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, जब तक किसी विधायक-सांसद के घर में बाघ अथवा तेंदुआ नहीं घुसेगा, तब तक सरकार को जनता की पीड़ा समझ में नहीं आएगी.
इस पूरे मामले को लेकर अपनी संतप्त प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, अगर बाघ या तेंदुए के हमले में कोई किसान मरता है, या उसके पशुधन का नुकसान होता है, तो सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं होती. यहां तक कि, मुख्यमंत्री के घर से मात्र 25 किमी की दूरी पर कई प्रकल्पग्रस्त पीड़ा में हैं, जिनकी सरकार द्वारा कोई सुद नहीं ली जा रही, क्योंकि राजस्व मंत्री बावनकुले को रेत के अलावा कुछ नहीं दिखता. बच्चू कडू ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिवर्ष बाघ व तेंदुए जैसे जंगली जानवरों द्वारा किए जानेवाले हमलो में 400 से 500 लोगों की मौत होती है. लेकिन इसके बावजूद सरकार द्वारा ऐसी घटनाओं को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती.
इसके अलावा पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने एक बार फिर किसान कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर अपनी बात रखते हुए किसानों की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि, इस वर्ष किसानों का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है. अत: चालू वर्ष की कर्जमाफी देनी ही होगी. साथ ही यदि कर्जमाफी सही तरह से नहीं हुई तो विदर्भ ही नहीं, पूरे महाराष्ट्र में रेल नहीं चलने देंगे. कडू ने प्रधान सचिव प्रवीण परदेशी और अन्य नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, प्रवीण परदेशी शायद पूरी तरह से परदेशी यानि परप्रांतिय है, जिनका महाराष्ट्र की जनता विशेषकर किसानों के सुख-दुख से कोई लेना-देना ही नहीं है और हमारे द्वारा जबरदस्त आंदोलन करने के बाद प्रवीण परदेशी ने किसान कर्जमाफी को लेकर चर्चा करने हेतु बैठक बुलाई थी. जबकि इसे लेकर स्वसंज्ञान के साथ काम होना चाहिए था.
इसके अलावा पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर निर्वाचन आयोग पर भी बडा आरोप लगाते हुए कहा कि, ईवीएम में 15 से 20 फीसद गडबडी है. अत: मतदान के लिए ईवीएम का प्रयोग तुरंत बंद कराया जाना चाहिए, क्योंकि ईवीएम के जरिए वोट चोरी हो रही है. इसके साथ ही शरद पवार व अजीत पवार के दुबारा एक साथ आने की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर बच्चू कडू ने कहा कि, इन दोनों के एक होने से किसानों का क्या भला होगा, जो भला होगा, वह उन दोनों चाचा-भतीजे का ही होगा. क्योंकि वे सत्ता के लिए दुबारा एकजुट हो सकते है. जिसे लेकर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

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