आर्थिक स्थिति, विषमता और शाश्वत विकास की दिशा पर मंथन
जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ में विशेष परिसंवाद

अमरावती/दि.12 -अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिन निमित्त जी.एच.रायसोनी विद्यापीठ में आयोजित विशेष परिसंवाद में देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, विषमता और शाश्वत विकास की दिशा इस पर विस्तार से मंथन हुआ. देश में 80 करोड लोगों को मुफ्त अनाज देना पडता है, लेकिन एक व्यक्ति के बेटे की शादी में पांच हजार करोड खर्च होते है, यह बात नागपुर के प्रख्यात लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व प्रभावी वक्ता प्रा. डॉ. श्रीकांत कोमलवार ने कही. उक्त कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे. जी.एच.रायसोनी स्कूल ऑफ लॉ के छात्र-छात्राओं का उन्होंने मार्गदर्शन किया. यह परिसंवाद कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. इस अवसर पर उपस्थित पुलिस उपायुक्त श्याम घुगे ने पुलिस प्रशासन के व्यस्त कामकाज में मानव अधिकार की सुरक्षा पुलिस समय-समय पर कैसे करती है, इस बारे में बताया तथा अखिल भारतीय आयएएस मिशन के संचालक प्रा. डॉ. नरेशचंद्र काठोले ने मानव अधिकार का निरंतर होने वाले अवमूल्यों के उदाहरण दिए. कार्यक्रम दौरान विद्यापीठ के रजिस्ट्रार प्रा. डॉ. स्नेहील जयस्वाल ने मानवाधिकार व सामाजिक चेहरा एक सिक्के के दो पहलू होते है ऐसा कहकर वास्तविक विकास का संतुलन कैसे रखा जाए, इस बारे में बताया. परिसंवाद में एचओडी प्रा. डॉ. रंजन डुबे, वरिष्ठ प्रा. डॉ. मिनाक्षी काले, प्रा. कोमल खाजोने, प्रा. रेणू मोहोड, प्रा.शीतल वरणकर, प्रा. स्नेहल डोंगरे, प्रा. क्षितिजा देशमुख, प्रा. नंदकिशोर खडसे, गोफणकर, प्रा. डॉ. रमेश गोटखडे, ग्रामविकास अधिकारी प्रवीण वासनिक आदि उपस्थित थे.





