अमरावती में भाजपा व शिंदे सेना साथ मिलकर लडेंगे मनपा चुनाव

युति को लेकर दोनों दलों के बीच गत रोज हुई प्राथमिक बैठक

* सेना नेता व पूर्व सांसद अडसूल तथा भाजपा के निर्वाचन प्रमुख व विधायक संजय कुटे के बीच हुई चर्चा
* शिंदे सेना द्वारा 15 से 20 सीटों पर दावा किए जाने की जानकारी आई सामने
* सीट बंटवारे को लेकर अगली बैठकों में लिया जाएगा निर्णय
* दोनों दलों के पदाधिकारियों ने युति को लेकर अधिकारिक तौर पर की पुष्टि
अमरावती/दि.15- राज्य सहित केंद्र की सत्ता में एक साथ शामिल भारतीय जनता पार्टी व शिंदे गुट वाली शिवसेना ने विगत दिनों नगर परिषद व नगर पंचायत का चुनाव अलग-अलग लडा था. साथ ही दोनों दलों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे को लेकर दिए गए बयानों के चलते दोनों दलों में थोडी-बहुत तनातनी पैदा होती भी दिखाई दी थी, परंतु इसके बाद इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए हस्तक्षेप के चलते मामला शांत होता नजर आया और मनपा व जिप के चुनाव में भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच युति होने की संभावनाएं भी बनी. इसी बीच गत रोज शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता एवं अमरावती संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने अमरावती पहुंचकर भाजपा के निर्वाचन प्रमुख व विधायक संजय कुटे से प्राथमिक दौर की एक बैठक की और युति के तहत मनपा की 15 से 20 सीटों पर शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से दावा किया. जिसके चलते यह माना जा रहा है कि, अमरावती मनपा के चुनाव हेतु भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच युति लगभग तय हो चुकी है. जिसकी अधिकारिक घोषणा ही होना बाकी है.
इस संदर्भ में गत रोज अमरावती के दौरे पर पहुंचे शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल से दैनिक अमरावती मंडल ने संपर्क साधकर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने अमरावती मनपा के चुनाव में भाजपा व शिंदे सेना के बीच युति होने को लेकर अधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हुए कहा कि, भाजपा के साथ युति करने को लेकर हुए फैसले के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर वे भाजपा के मनपा चुनाव समन्वयक व स्थानीय पदाधिकारियों के साथ पहले दौर की बैठक व चर्चा करने हेतु अमरावती पहुंचे थे और उन्होंने यहां पर निर्वाचन प्रमुख व विधायक संजय कुटे एवं निर्वाचन प्रभारी जयंत डेहनकर के साथ प्राथमिक बैठक की. जिसमें उन्होंने मनपा की 15 से 20 सीटों पर शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से दावा करते हुए साफ तौर पर कहा कि, विनिंग मेरीट के आधार पर सीटों का बंटवारा किया जाए. जिसके तहत जिन सीटों पर भाजपा की स्थिति दमदार है, उन सीटों पर भाजपा की ओर प्रत्याशी खडा किया जाए. साथ ही जिन सीटों पर शिवसेना के पास विनिंग मेरीट वाले प्रत्याशी है, वे सीटें शिवसेना के हिस्से में छोडी जाए. पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के साथ इस बैठक में शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल एवं जिला प्रमुख श्याम देशमुख भी उपस्थित थे.
वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ अमरावती मनपा के चुनाव में युति को लेकर हुई प्राथमिक बैठक के बाद दैनिक ‘अमरावती मंडल’ से चर्चा करते हुए मनपा चुनाव का जिम्मा संभाल रहे भाजपा विधायक संजय कुटे ने यह स्वीकार किया कि, उनकी शिंदे गुट के नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के साथ मनपा चुनाव में युति को लेकर ही बैठक हुई है. परंतु इस बैठक में अभी सीटों के बंटवारे को लेकर कोई बातचीत या निर्णय नहीं हुए है. जिसके बारे में अगले दौर की बैठकों के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा 15 से 20 सीटों पर किए गए दावे के बारे में पूछे जाने पर विधायक संजय कुटे का कहना रहा कि, प्रत्येक दल किसी अन्य दल के साथ युति करते समय अपने हिस्से जहां तक संभव हो, अधिक से अधिक सीटे लेना चाहता है. परंतु अंतिम फैसला जमीनी हकीकत का आकलन करने और चुनावी आंकडों का विश्लेषण करने के बाद ही होता है. विधायक कुटे ने यह भी कहा कि, भाजपा ने अमरावती मनपा की 87 में से करीब 75 सीटों पर चुनाव लडने की अपनी तैयारी काफी पहले शुरु कर दी थी और संभावित प्रत्याशियों के नामों की पडताल करने के साथ ही इच्छुकों के साक्षात्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई. जिसके बाद अब एक सहयोगी दल के साथ युति करने को लेकर वरिष्ठ स्तर से निर्देश प्राप्त हुआ है. जिसके चलते बदले हुए राजनीतिक हालात को ध्यान में रखकर वरिष्ठों के निर्देशानुसार आगे होनेवाली चर्चाओं के बाद कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
* युवा स्वाभिमान से युति को लेकर अभी कुछ तय नहीं
भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच होने जा रही युति को लेकर भाजपा विधायक संजय कुटे से जब मनपा चुनाव हेतु विधायक रवि राणा के नेतृत्व वाली युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ युति को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि, अभी फिलहाल युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ युति करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ स्तर से कोई निर्देश नहीं मिला है. साथ ही स्थानीय स्तर पर भी इस विषय को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है. अभी फिलहाल शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ युति करते हुए सीटों के बंटवारे की संभावनाओं को ही टटोला जा रहा है.

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