फसलों पर मौसम के अनियमित बदलाव का पड सकता है असर

रबी मौसम के लिए फसल बीमा करवाना जरूरी

* सरकार ने शुरु की ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’
अमरावती/दि.17 -मौसम में अनियमितता के कारण फसल उगाना बेहद मुश्किल हो गया है. मौसम के बदलते हालातों के प्रभाव से बचने के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू की है. रबी मौसम के लिए इस बीमा योजना में भाग लेने की अंतिम तिथि सोमवार, 15 दिसंबर थी. इस अवधि में जिले के केवल 6491 किसानों ने ही इसमें भाग लिया है.
प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी के मौसम में भी लागू की जा रही है. गेहूं, रबी ज्वार, चना, ग्रीष्म ऋतु चावल, ग्रीष्म ऋतु मूंगफली और रबी प्याज सहित छह फसलों में से ग्रीष्म ऋतु मूंगफली को छोड़कर बाकी सभी फसलों का बीमा 15 दिसंबर तक कराया जा सकता था, लेकिन जिले में केवल 6491 किसानों ने ही बीमा कराया है. इनमें से 10,109 आवेदन प्राप्त है. इस वर्ष किसानों की प्रतिक्रिया पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम है. ऐसा लगता है कि इस वर्ष किसानों ने रबी फसल बीमा का भुगतान करने से मुंह मोड लिया है. पिछले खरीफ मौसम में भारी बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. हालांकि, नुकसान के बावजूद किसानों को अभी तक खरीफ फसल बीमा की राशि नहीं मिली है. इस वजह से सरकार की फसल बीमा योजना को लेकर किसानों में भारी असंतोष है.
* तहसील निहाय किसान आवेदन
रबी फसल बीमा योजना के तहत 10,109 कर्जदार और गैर-कर्जदार किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 470 आवेदन अचलपुर से, 506 अमरावती से, 1300 अंजनगांव सुर्जी से, 410 भातकुली से, 668 चांदूर रेलवे स्टेशन से, 553 चांदूर बाजार से, 16 चिखलदरा से, 1270 दर्यापुर से, 328 धामनगांव रेलवे स्टेशन से, 127 धारणी से, 616 मोर्शी से, 2711 नांदगांव से, 668 तिवसा से और 29 वरूड तहसील से हैं. पिछले वर्ष, किसानों ने मात्र एक रुपये में फसल बीमा का लाभ उठाया था, जो अब तक की सबसे अधिक भागीदारी थी.
* जिले की स्थिति
किसानों की भागीदारी               6491
कर्जदार आवेदन                      3120
गैर कर्जदार आवेदन                 6989
हेक्टेयर संरक्षित                       10560
किसानों की किस्त                   37,71,286
* फसल बीमा योजना में सहभागी होने यह जरूरी
कृषि बैंक, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि स्वामित्व का विवरण, बाग की जियो टैग वाली फोटो, पट्टे पर खेती करने वालों के लिए पंजीकृत किरायेदारी समझौता और ई-फसल निरीक्षण अनिवार्य हैं.
* ग्रीष्म मूंगफली के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च
आम तौर पर जिले में गर्मियों में बोई जाने वाली मूंगफली की बुवाई जनवरी के अंत तक कर लेते हैं. इसलिए, इस फसल के लिए फसल बीमा योजना में 31 मार्च, 2026 तक भाग लिया जा सकता है.

बागवानी किसानों को मौसम संबंधी खतरों को ध्यान में रखते हुए, बीमा योजना में भाग लेने के लिए निर्धारित समय के भीतर निकटतम ई-सेवा केंद्र या बैंक, वित्तीय संस्थान से संपर्क करना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए, कृषि कार्यालय से संपर्क करें.
-वरुण देशमुख, उप संचालक, कृषि विभाग,

 

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