बावनकुले, वडेट्टीवार, जयस्वाल व फुके का दबदबा, केदार, पटोले, भोयर व मुनगंटीवार रहे असफल

देशमुख का प्रदर्शन शानदार, भोंडेकर अपनी पत्नी को हारने से नहीं बचाए पाए, रामटेक के गड पर शिंदे सेना का झंडा

नागपुर /दि.22 – नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यमंत्री एड. आशीष जयस्वाल, विधायक डॉ. परिणय फुके व कांग्रेस नेता विधायक विजय वडेट्टीवार ने जहां अपने-अपने किले बचाए रखने में सफलता हासिल की, वहीं राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर, पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार व सुनील केदार के किलो में सेंध लग गई. खास बात यह है कि, अजीत पवार गुट वाली राकांपा के नेता सांसद प्रफुल पटेल एवं कांग्रेस नेता नाना पटोले के वर्चस्व को उनके ही जिलो के मतदाताओं द्वारा नकार दिया गया. इसके अलावा शिंदे सेना के विधायक नरेंद्र भोंडेकर को भी मतदाताओं ने जमीन पर ला दिया. जिसके चलते विधायक भोंडेकर अपनी पत्नी को भी हारने से नहीं बचा सके.
इससे उलट नागपुर जिले की 27 में से 22 नगर परिषद व नगर पंचायतों में जीत हासिल करते हुए भाजपा नेता व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अपना पालकत्व साबित किया. साथ ही विधानसभा चुनाव में खुद को काफी अधिक वोटों के फर्क से पीछे रखनेवाली कामठी में इस बार बावनकुले ने पूरी ताकत के साथ कमल खिलाया और अपने निर्वाचन क्षेत्र में शामिल सातों निकायों में भाजपा को जीत दिलाने में भी राजस्व मंत्री बावनकुले पूरी तरह से सफल साबित हुए. खास बात यह रही कि, बावनकुले ने चुनाव घोषित होने से पहले ही नागपुर जिले में प्रचार का पहला दौर पूरा कर लिया था और उनके द्वारा किए गए परिश्रम को मतदाताओं ने भी पूरा साथ दिया. इसके अलावा राज्यमंत्री एड. आशीष जयस्वाल ने रामटेक के किले पर शिवसेना का झंडा फहराया तथा रामटेक सहित पारशिवनी को उन्होंने भाजपा व कांग्रेस के कब्जे से छीनकर अपने कब्जे में लिया. जबकि कांग्रेस नेता सुनील केदार का पूरी तरह से पानीपत हो गया. उनके निर्वाचन क्षेत्र की 4 में से मोहपा नगर परिषद में ही कांग्रेस को एकमात्र जीत मिली. जबकि सावनेर नगर परिषद में तो कांग्रेस का एक भी सदस्य चुनकर नहीं आया. जबकि दूसरी ओर भाजपा विधायक डॉ. आशीष देशमुख ने दमदार काम करते हुए सावनेर, कलमेश्वर एवं खापा नगर परिषदों में भाजपा की जीत का झंडा फहराया. उधर पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने शेकाप की सहायता से काटोल में भाजपा को रोकने में सफलता प्राप्त की. लेकिन नरखेड, मोवाड व कोंढाली इन तीन निकायों में भाजपा विधायक चरणसिंग ठाकुर ने देशमुख को मात दी.

* गढचिरोली में सीएम के विकास कामों पर लगी मुहर
गढचिरोली जिले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शुरु किए गए विविध प्रकल्पो व विकास कामों को मतदाताओं द्वारा जमकर पसंद किया गया. जिसके चलते गढचिरोली सहित आरमोरी व देसाईगंज इन तीन नगर पालिकाओं में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की.

* चंद्रपुर में वडेट्टीवार पडे भारी, मुनगंटीवार फंसे
चंद्रपुर जिले की 11 में 7 नगर परिषदों में कांग्रेस ने जीत हासिल की. कांग्रेस के विधि मंडल गुट नेता विधायक विजय वडेट्टीवार को इस जीत का श्रेय दिया जा सकता है. जिन्होंने भाजपा के 5 विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के ‘हाथ’ को मजबूत करने का काम किया. वहीं भाजपा को हमेशा ही अपने पेंच में फंसाने का प्रयास करनेवाले पूर्व मंत्री व विधायक सुधीर मुनगंटीवार खुद इस बार के चुनाव परिणाम के चलते पेंच में फंसे नजर आ रहे है. जिनके निर्वाचन क्षेत्र में शामिल बल्लारपुर व मूल इन दोनों निकाय क्षेत्रों में भाजपा को हार का सामना करना पडा. पार्टी के भीतर चलनेवाली गुटबाजी के चलते यह नुकसान होने की बात भले ही मुनगंटीवार द्वारा खुले तौर पर कही जा रही है. लेकिन इसके बावजूद यह चुनाव परिणाम मुनगंटीवार को आत्मचिंतन करने पर मजबूर कर सकता है.

* भंडारा में विधायक फुके का जलवा, भोंडेकर हुए चित
भंडारा जिले में भाजपा नेता व विधायक डॉ. परिणय फुके ने अपना जलवा कायम रखा है. वहीं शिंदे सेना के विधायक नरेंद्र भोंडेकर अपनी पत्नी को भी हारने से नहीं बचा पाए. भंडारा व साकोली इन दोनों निकायों में भाजपा ने बाजी मारी. भंडारा में भाजपा की नगराध्यक्ष प्रत्याशी मधुरा मदनकर विजयी हुई तथा कांग्रेस की जयश्री बोरकर दूसरे स्थान पर रही. वहीं शिंदे सेना के विधायक नरेंद्र भोंडेकर की पत्नी डॉ. अश्विनी भोंडेकर तीसरे स्थान पर रहने के लिए मजबूर रही.

* पटेल व पटोले को जनता ने नकारा
गोंदिया जिले में अजीत पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व सांसद प्रफुल पटेल तथा कांग्रेस नेता नाना पटोले को मतदाताओं ने साफ तौर पर नकार दिया. गोंदिया जिले की 4 में से एक भी नगर परिषद को सांसद प्रफुल पटेल नहीं जीत पाए. गोंदिया में भाजपा के तीन विधायक रहने के बावजूद भाजपा को केवल तिरोडा में ही सफलता मिली. जबकि कांग्रेस ने गोंदिया, सालेकसा व गारेगांव जीतकर प्रफुल पटेल को मात दी. दूसरी ओर नाना पटोले के भंडारा जिले में कांग्रेस व महाविकास आघाडी को कोई सफलता नहीं मिली. यहां तक की पटोले के निर्वाचन क्षेत्र साकोली में भी भाजपा ने बाजी मारी.

* राज्यमंत्री भोयर ने वर्धा गंवाया, देवली में पूर्व सांसद तडस बेअसर
वर्धा जिले के 6 में से 3 निकायों में भाजपा को हार का सामना करना पडा. वर्धा एवं देवली नगर परिषद के ‘हाई व्होल्टेज’ चुनाव की ओर सभी की निगाहें लगी हुई थी और इन दोनों निकायों में भाजपा हार गई. वर्धा में पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रखा था. वहीं देवली में पूर्व सांसद रामदास तडस की पत्नी नगराध्यक्ष पद हेतु भाजपा की ओर से प्रत्याशी थी. लेकिन दोनों ही स्थानों पर भाजपा असफल रही. हालांकि हिंगणघाट, आर्वी और सिंदी में राज्यमंत्री पंकज भोयर भाजपा का किला बचाए रखने में सफल रहे.

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