जातिवाचक गाली-गलौज एवं शीलभंग का आरोपी बरी
एड. नरेंद्र दुबे की सफल पैरवी

अमरावती/दि.22 – स्थानीय जिला व सत्र न्यायाधीश शिंदे की अदालत ने जातिवाचक गाली-गलौज व शीलभंग के मामले में नामजद आरोपी प्रफुल्ल उर्फ गोलू हाते को सबूतों व गवाहों का अभाव रहने के चलते संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से बाइज्जत बरी किया. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एड. नरेंद्र दुबे द्वारा सफल युक्तिवाद किया गया.
ईस्तगासे के अनुसार 25 अप्रैल 2025 रोजी रात 10 बजे के आसपास फिर्यादी लडकी अकेली ही निदा स्कूल के मैदान में घूम रही थी, तब आरोपी प्रफुल हाते ने उससे अश्लील व भद्दी गालीगलौच की एवं झगडा होने पर उसका हाथ पकडकर शीलभंग का प्रयास किया. पश्चात फिर्यादी युवती द्बारा मामले की शिकायत गाडगे नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई गई. जिसके आधार पर गाडगे नगर ने आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार करते हुए मामले की जांच पूरी की और अदालत में चार्जशीट दाखल की गई. जहां पर सुनवाई के दौरान 9 गवाहों की गवाही लेते हुए अभियोजन पक्ष की ओर से सबूत भी पेश किए गए. परंतु बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ विधिज्ञ एड. नरेंद्र दुबे एवं उनकी सहयोगी एड. श्वेता आचार्य ने इस घटना के साथ आरोपी का कोई संबंध नहीं रहने की बात साबित की और मामले में अन्य किसी व्यक्ति के संलिप्त होने का दावा किया गया. पश्चात अदालत ने बचाव पक्ष की दलिलों को ग्राह्य मानते हुए माना कि संभवत: घटनास्थल पर घना अंधेरा रहने के चलते फिर्यादी द्वारा आरोपी की सही तरीके से पहचान नहीं की गई और इस मामले में पहचान परेड भी नहीं कराई गई. जिसके चलते अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी प्रफुल उर्फ गोलू हाते को जातिवाचक गाली-गलौज व छेडछाड के आरोपो से बाइज्जत बरी किया. इस केस में बचाव पक्ष के वकील एड. नरेंद्र दुबे एवं एड. श्वेता आचार्य ने सफल पैरवी की.





