चुनाव लडना इतना भी नहीं आसां…

नामांकन के दरिया को पार करना ही बडी चुनौती

* दर्जनों तरह के एफेडेविट व दस्तावेजों की पडेगी जरुरत
* कागजात जुटाने के लिए दावेदारों की शुरु हुई भागमभाग
* चरित्र सहित आर्थिक उत्पन्न का ब्यौरा देना है जरुरी
* खुद पर दर्ज अपराधिक मामलो व प्रलंबित मुकदमों की भी देनी होगी जानकारी
* स्वतंत्र शौचालय सहित अनधिकृत निर्माण के बारे में करना होगा खुलासा
* कर्ज व बकाया देनदारी का देना होगा पूरा ब्यौरा, बैंक बैलेंस भी बताया होगा
* संतानों की संख्या व जाति वैधता सहित कई जानकारियों के देने होंगे हफलनामे
* प्रत्याशी को मतदाता सूची में बताना होगा अपना नाम, पते को लेकर देनी होगी सटीक जानकारी
* चल-अचल संपत्ती के साथ ही आय के स्त्रोत भी बताने होंगे, भागीदारी फर्म या करारनामों का भी देना होगा ब्यौरा
* मौजूदा बैंक अकाउंट के अलावा चुनावी खर्च के लिए खोलना होगा स्वतंत्र बैंक अकाउंट
* अपने सहित अपने निर्वाचन प्रतिनिधि के भी फोटो व हस्ताक्षर कराने होंगे जमा
* खुद पर संपत्ती कर व पानी का बिल बकाया नहीं रहने का देना होगा प्रमाणपत्र
* अमरावती मनपा के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होते ही इच्छुकों की दौडभाग प्रारंभ
* 30 दिसंबर है नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि, हर कोई दस्तावेज जुटाने की जद्दोजहद में
अमरावती/दि.24 – अमरावती महानगरपालिका चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों के लिए सबसे बड़ी परीक्षा नामांकन के रूप में सामने आ गई है. नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव लड़ना अब केवल राजनीतिक ताकत या जनसमर्थन का मामला नहीं रहा, बल्कि दर्जनों दस्तावेजों और हलफनामों की जटिल प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य हो गया है. प्रत्याशियों को नामांकन के पहले ही चरण में प्रशासनिक कसौटी पर खरा उतरना पड़ रहा है.
बता दें कि, चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्याशी को अपने चरित्र, आय, चल-अचल संपत्ति और आर्थिक स्थिति का पूरा ब्यौरा देना होगा. इसके साथ ही स्वयं पर दर्ज अपराधिक प्रकरणों, न्यायालयों में प्रलंबित मुकदमों और किसी भी दोषसिद्धि की जानकारी हलफनामे में देना अनिवार्य किया गया है. गलत या अधूरी जानकारी देने पर नामांकन निरस्त होने की चेतावनी भी दी गई है. नामांकन के दौरान कर्ज, बैंक ऋण, बकाया देनदारियों, मौजूदा बैंक बैलेंस के साथ-साथ किसी भागीदारी फर्म, करारनामा या अनुबंध से जुड़े होने की स्थिति में उसका भी खुलासा करना होगा. प्रत्याशी को यह भी बताना होगा कि उसके पास स्वतंत्र शौचालय है या नहीं तथा यदि किसी प्रकार का अनधिकृत निर्माण है तो उसकी जानकारी भी देना अनिवार्य है.
इसके अलावा प्रशासन ने प्रत्याशियों से संपत्ति कर और पानी के बिल का कोई बकाया नहीं होने का प्रमाणपत्र भी मांगा है. चुनावी खर्च में पारदर्शिता के लिए प्रत्याशी को मौजूदा खातों के अतिरिक्त एक अलग स्वतंत्र बैंक खाता खोलना होगा, जिससे समस्त चुनावी खर्च किया जाएगा. नामांकन प्रक्रिया में प्रत्याशी को मतदाता सूची में दर्ज नाम व पते की सटीक जानकारी, अपने संतानों की संख्या, जाति वैधता प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) सहित कई व्यक्तिगत जानकारियों के शपथपत्र जमा करने होंगे. इसके साथ ही प्रत्याशी तथा उसके निर्वाचन प्रतिनिधि के फोटो और हस्ताक्षर भी नामांकन पत्रों के साथ संलग्न किए जाएंगे.
बता दें कि, अमरावती महानगर पालिका के चुनाव हेतु कल मंगलवार 23 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरु हुई है. जो आगामी 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक चलेगी. इस नामांकन प्रक्रिया के तहत चुनाव लडने के इच्छुक दावेदारों को नामांकन प्रपत्र उपलब्ध कराने हेतु मनपा प्रशासन द्वारा शहर में 7 स्थानों पर जोन कार्यालय बनाए गए है. जहां से नामांकन पत्रों के निर्धारित प्रपत्र हासिल करने के साथ ही अलग-अलग प्रभागों के इच्छुक दावेदार अपने प्रभाग हेतु निर्धारित जोन कार्यालय में अपने नामांकन पत्र तमाम आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत कर सकेंगे. सभी जोन कार्यालयों में किसी भी व्यक्ति को महज 100 रुपए का निर्धारित शुल्क लेते हुए नामांकन पत्र का निर्धारित प्रारुप एवं चुनाव लडने के संबंधित नियमावली वाला प्रपत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन इसके बाद ही चुनाव लडने के इच्छुकों की असली परीक्षा शुरु होनेवाली है. क्योंकि चुनाव लडने के लिए दावेदारी पेश करने हेतु नामांकन प्रस्तुत करते समय प्रत्याशियों को कई सारे दस्तावेज एवं हफलनामे पेश करने के साथ-साथ अपने कई व्यक्तिगत ब्यौरे भी नामांकन के साथ उपलब्ध कराने होंगे. जिसके चलते अब सभी इच्छुक दावेदारों द्वारा चुनाव लडने के लिए नामांकन दायर करने हेतु बडी तेजी के साथ आवश्यक दस्तावेज, हलफनामे व प्रमाणपत्र जुटाने के साथ ही अपने आर्थिक लेन-देन तथा करो से संबंधित आंकडों व ब्यौरो को भी संकलित किया जा रहा है. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, चुनाव लडने के लिए नामांकन दाखिल करना सभी प्रत्याशियों हेतु एक जटिल प्रशासनिक प्रक्रिया बन चुका है. नामांकन दाखिल करने से पहले प्रत्याशियों को दस्तावेज़ों के ऐसे दरिया से गुजरना पड़ रहा है, जिसे पार करना अपने आप में बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.
ज्ञात रहे कि, चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत प्रत्याशियों को दर्जनों तरह के हलफनामे, प्रमाणपत्र और दस्तावेज प्रस्तुत करने अनिवार्य किए गए हैं. इनमें सबसे प्रमुख है प्रत्याशी की आर्थिक स्थिति, आय के स्रोत और चल-अचल संपत्ति का विस्तृत विवरण. इसके अलावा किसी भी भागीदारी फर्म, करारनामा या अनुबंध में भागीदारी की जानकारी भी देनी होगी. नामांकन प्रक्रिया में प्रत्याशी पर दर्ज अपराधिक प्रकरणों, न्यायालयों में प्रलंबित मुकदमों तथा पूर्व में किसी मामले में दोषसिद्धि हुई है या नहीं-इसका स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही कर्ज, बैंक ऋण, बकाया देनदारियों और मौजूदा बैंक बैलेंस का पूरा विवरण भी हलफनामे में देना होगा. प्रशासन ने प्रत्याशियों से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि उनके पास स्वतंत्र शौचालय की सुविधा उपलब्ध है या नहीं. यदि किसी प्रकार का अनधिकृत निर्माण किया गया है तो उसका भी खुलासा करना अनिवार्य किया गया है. वहीं, संपत्ति कर और पानी के बिल का कोई बकाया नहीं होने का प्रमाणपत्र भी नामांकन के साथ संलग्न करना होगा.
चुनावी खर्च की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशियों को मौजूदा बैंक खातों के अतिरिक्त एक स्वतंत्र बैंक खाता खोलना होगा, जिससे समस्त चुनावी खर्च किया जाएगा. साथ ही प्रत्याशी को स्वयं के अलावा अपने निर्वाचन प्रतिनिधि के फोटो व हस्ताक्षर भी नामांकन पत्रों के साथ जमा कराने होंगे. मतदाता सूची में दर्ज नाम, पता और क्रमांक की सटीक जानकारी देना भी अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा प्रत्याशी को अपने संतानों की संख्या, जाति वैधता प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) सहित कई व्यक्तिगत जानकारियों के शपथपत्र प्रस्तुत करने होंगे.
नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर निर्धारित की गई है. ऐसे में इच्छुक प्रत्याशी आवश्यक दस्तावेज जुटाने के लिए बैंकों, तहसील कार्यालयों, मनपा विभागों और अन्य सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवारों के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए भी नामांकन की यह प्रक्रिया किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं मानी जा रही है. प्रशासनिक कसौटियों की इस सख्ती के बीच यह स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि आगामी मनपा चुनावों में केवल वही प्रत्याशी मैदान में उतर पाएंगे, जो नियमों की हर शर्त पर खरे साबित होंगे.

Back to top button