क्या भाजपा का नवाब मलिक को लेकर विरोध नरम पड़ा?
मुंबई मनपा चुनाव पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान

* महायुति के रूप में लड़े जाएंगे 227 वार्ड, सीट बंटवारे पर मंथन तेज
मुंबई/दि.25- मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ताजा बयान के बाद राज्य की राजनीति में नई चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि मुंबई मनपा चुनाव महायुति के रूप में लड़ा जाएगा और सभी 227 सीटों पर गठबंधन के तहत उम्मीदवार उतारे जाएंगे. उनके इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या भाजपा का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) और विशेष रूप से नवाब मलिक को लेकर विरोध अब कमजोर पड़ रहा है. मुंबई महानगरपालिका चुनाव की रणनीति को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में वर्षा बंगले पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में मुंबई के छह प्रशासनिक विभागों की स्थिति की समीक्षा की गई. सूत्रों के अनुसार, इसी बैठक में भाजपा के कई उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लग सकती है. बीते कुछ दिनों से भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है.
गौरतलब है कि अब तक भाजपा मुंबई मनपा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को साथ न लेने के पक्ष में थी और इसके पीछे नवाब मलिक का मुद्दा प्रमुख कारण बताया जा रहा था. भाजपा ने सार्वजनिक रूप से नवाब मलिक को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था, जिसके चलते यह माना जा रहा था कि मनपा चुनाव भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) ही साथ लड़ेगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस अलग मैदान में उतरेगी. हालांकि, मुख्यमंत्री फडणवीस के महायुति के रूप में चुनाव लड़ने वाले बयान के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी गठबंधन में शामिल किया जाएगा? क्या भाजपा का नवाब मलिक को लेकर विरोध अब उतना सख्त नहीं रहा? इन सवालों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, मुंबई मनपा में कुल 227 सीटें हैं. हमारा मित्र दल शिवसेना है और हम महायुति के रूप में चुनाव लड़ेंगे. कुछ सीटों पर वे उम्मीदवार देंगे, कुछ पर हम. हर वार्ड में अच्छे और योग्य कार्यकर्ता हैं, लेकिन अंततः टिकट सीमित लोगों को ही मिल पाएगा. टिकट मिले या न मिले, अटलजी के सपनों को साकार करने के लिए सभी को मैदान में उतरना होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि टिकट को लेकर निराश न हों और संगठन के हित में एकजुट होकर काम करें.
फडणवीस के इस बयान से यह तो स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है. आने वाले दिनों में सीट बंटवारे और गठबंधन की अंतिम रूपरेखा सामने आने की संभावना है.





