हाई कोर्ट ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तीन विधवाओं को दी राहत

नागपुर/दि.26 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए नक्सल प्रभावित और आदिवासी क्षेत्रों में सेवा देनेवाले कर्मचारियों के परिवारों को बडी राहत दी है. अदालत ने शासन के नियमों के बावजूद अतिरिक्त मकान किराया भत्ता का लाभ न देने पर कडा रुख अपनाते हुए तीन विधवा महिलाओं के पक्ष में निर्णय सुनाया है.
* जिप में लगाई थी गुहार
याचिका पर न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. मामला यावतमाल जिले की घाटंजी तहसील का है, जो नक्सल प्रभावित और आदिवासी क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यहां सेवा देने वाले कर्मचारियों की तीन विधवाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओ के अनुसार, शासन के 6 अगस्त 2002 के निर्णय के तहत इन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को अतिरिक्त मकान किराया भत्ता मिलना अनिवार्य है. इसके पहले इन महिलाओं ने अपनी मांगो को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद यवतमाल के समक्ष गुहार लगाई थी.





