एकल महिलाएं भी ‘लाडली बहन’ के लिए होंगी पात्र

सरकार ने बढाया मदद का हाथ

अमरावती/दि.27 – जिला परिषद के महिला व बालकल्याण विभाग के माध्यम से जिले की एकल महिलाओं का सर्वे करने काम किया जा रहा है. सरकार की योजना ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचाने का उद्देश्य है. आगामी 31 दिसंबर तक सर्वेक्षण पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है. इन महिलाओं का पंजीयन कर उन्हें विविध योजना, सुविधाओं का लाभ दिलाने का सरकार का उद्देश्य है. मिशन वात्सल्य अंतर्गत विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व अविवाहित महिलाओं का सर्वेक्षण 14 तहसील में 2 हजार 592 आंगनवाडी सेविकाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा है.
सर्वेक्षण का उद्देश्य उन्हें सरकारी योजना का लाभ दिलाना, आर्थिक रुप से सशक्त बनाना, और सामाजिक सम्मान दिलाना, यह है. यह काम आंगनवाडी व आशा सेविकाओं के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तरपर किया जा रहा है. संबंधित महिला की उम्र के अनुसार उनकी विविध जरूरतें निश्चित की जा रही है. कोरोना, एकल हुई महिलाओं को पेंशन, घरकुल और रोजगार की योजना का लाभ दिलवाना यह भी उद्देश्य है.
* इन महिलाओं का समावेश
विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व अविवाहित महिलाओं का समावेश एकल महिलाओं में होता है. कोरोना काल में यह संख्या बढी है. वात्सल्य समिति में सभी तहसील में शासकीय कार्यालय की वजह महिलाओं की अनेक समस्या हल होने मदद होगी.
* राशनकार्ड और घरकुल के लिए मदद
महिलाओं के राशन कार्ड, घरकुुल की समस्या, निराधार पेंशन, बच्चों के संदर्भ में प्रमाणपत्र, वारिस पंजीयन आदि कामों के लिए मदद की जाएगी. इस पार्श्वभूमि पर सरकार के आदेश अनुसार महिला व बालकल्याण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम शुरु है.
* जिले में हजारों महिलाएं
जिले में वर्तमान में इस संबंध में सर्वेक्षण का काम शुरु है. इसलिए जिले में एकल महिला हजारों के घर में है. इसमें विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, अविवाहित आदि का समावेश है.
* तहसील वार सर्वेक्षण शुरु
किस तहसील में सर्वाधिक अथवा सबसे कम एकल महिला है, इसकी जानकारी तहसील वार लेना शुरु है.

एकल महिलाओं के सर्वेक्षण का काम आंगनवाडी सेविका व आशा कार्यकर्ता कर रही है. संकलित जानकारी महिला व बालविकास विभाग के पास प्राप्त होगी. इसके बाद इसकी आंकडेवारी स्पष्ट होगी.
-विलास मरसाले, उप मुख्यकार्यकारी अधिकारी,
महिला व बालकल्याण विभाग

 

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