यवतमाल के करलगांव घाट में तेंदुए के दिखने से दहशत

यवतमाल/दि.29 – जिले में प्रचुर वन संपदा और दो अभयारण्यों की मौजूदगी के कारण जंगली जानवरों का मुक्त विचरण बना हुआ है. इसी क्रम में रविवार शाम यवतमाल-बाभुलगांव मार्ग पर स्थित करलगांव घाट में सड़क के बीच तेंदुए के दिखाई देने से वाहन चालकों में दहशत फैल गई.
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम करीब 7 बजे वाघाई देवी मंदिर के पास एक कार के सामने तेंदुआ आ खड़ा हुआ. कार में लगे डैश कैमरे में यह दृश्य कैद हो गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि यवतमाल शहर से सटे जंगल क्षेत्रों में तेंदुए और बाघ जैसे हिंसक वन्यजीवों का सक्रिय आवास है.
बता दें कि, जिले के पांढरकवड़ा तहसील स्थित टिपेश्वर अभयारण्य तथा झरी जामनी क्षेत्र के जंगलों में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में अब तक यवतमाल शहर से सटे जंगलों में चार नर और दो मादा बाघ, साथ ही सात तेंदुए रिकॉर्ड किए गए हैं. नेर मार्ग के घने जंगल क्षेत्र में तीन तेंदुओं और दो बाघों की मौजूदगी की भी पुष्टि हुई है. कुछ दिन पहले झरी जामनी जंगल से लापता हुई एक बाघिन बाद में यवतमाल शहर के निकट नेर मार्ग के जंगल में ट्रैप कैमरे में कैद हुई थी. इसी क्षेत्र में एक नर और एक मादा तेंदुए का भी आवागमन दर्ज किया गया है. वन विभाग के अनुसार, एक बाघ हाल ही में टिपेश्वर अभयारण्य से निकलकर बोरगांव घाट क्षेत्र में लगभग एक महीने तक सक्रिय रहा और अब नेर मार्ग के जंगल में चला गया है, जहां उसके द्वारा तीन शिकार किए जाने की शिकायतें मिली हैं. हालांकि अब तक सभी शिकार जंगल क्षेत्र के भीतर ही हुए हैं.
इस बीच, करलगांव घाट में दिखाई दिया तेंदुआ वास्तविक है या वीडियो एआई से निर्मित है, इसकी जांच की जा रही है. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर पंजों के निशान और अन्य साक्ष्यों की तलाश कर रही है. यवतमाल के मुख्य वन संरक्षक डॉ. किशोर मानकर ने बताया कि जिले के जंगलों में बड़ी संख्या में वन्यजीव सक्रिय हैं. नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से जंगल क्षेत्रों में न जाएं. चरवाहों और किसानों को भी विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

Back to top button