लाँड्री रोजाना 6 घंटे खोलने की अनुमति दे
जिलाधिकारी को सौंपा गया निवेदन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – कोरोना महामारी का असर लाँड्री व्यवसाय पर भी पड रहा है. बीते 15 महिनों से धोबी समाज अपने व्यवसाय को लेकर चिंतित है. लाँड्री व्यवसाय अभी भी बंद रहने से उनपर भुखमरी की नौबत आन पडी है. इसलिए जिले के लाँड्री व्यवसायियों को रोजाना 6 घंटे लाँड्री खोलने की मांग की गई है. इस आशय का निवेदन जिलाधिकारी को महाराष्ट्र राज्य धोबी (परीट समाज) महासंघ की ओर से की गई है.
निवेदन में बताया गया है कि कोरोना महामारी के बढते प्रकोप को देखतेे हुए बीते 15 महिनों से लाँड्री व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है. धोबी समाज के परिवार के सदस्य धोबी व्यवसाय कर ही उपजीविका निभाते है, लेकिन अब धोबी व्यवसाय करने वाले लोगों पर भी भुखमरी की नौबत आन पडी है. धोबी व्यवसाय शुरु करने के लिए बार-बार निवेदिन भी दिये गए, लेकिर इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. जिले में लाँड्री खोलने की अनुमति दी जाए, ताकि लाँड्री व्यवसायी दुकान का किराया व महावितरण के बील का भुगतान आसानी से कर सके. किराया व महावितरण की बकाया रकम का बोझ लगातार बढ रहा है. इसलिए जिले के धोबी व्यवसायी चिंतित है. धोबी व्यवसायियों को लाँड्री दुकान को रोजाना 6 घंटा खोलने की अनुमति दी जाए, यह व्यवसाय पूरी तरह से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए किया जाता है. दुकान पर ग्राहक की भीड नहीं होती. ग्राहक और दुकानदार का संपर्क केवल 2 से 5 मिनट का ही होता है. कपडे प्रेस करने से या फिर कपडे धोने से कोरोना का संक्रमण नहीं होता है, इसलिए उन्हें लाँड्री दुकान खोलने की अनुमति दी जाए. निवेदन सौंपते समय ओमप्रकाश बुंदिले, मदन गाडा, संजय किल्लेकर, प्रमेश तायवाडे, वंदना किल्लेकर, प्रवीण शेंदरे, अशोक बुंदेले, रामकिसन बुंदेले, मोहनलाल बुंदेले, मोन्टू उर्फ चंद्रकांता बुंदेले, दुर्गेश किल्लेकर, सुधीर किल्लेकर, राजकुमार कनोजिया, राजेश किल्लेकर,आदि मौजूद थे.