‘उस’ छात्रा के परिवार को दिया गया बोगस चेक
बैंक में 5 लाख रुपयों की सानुग्रह सहायता का चेक हुआ बाऊंस

* शोक संतप्त आदिवासी परिवार के साथ शिक्षा संस्था ने किया ‘भद्दा मजाक’
* विगत सप्ताह नागापुर की आश्रमशाला में सुमरती जामुनकर की हुई थी मौत
* पानी की टंकी का हिस्सा ढहने से हुआ था हादसा, मचा था जबरदस्त हंगामा
* घटना को लेकर चला था जबरदस्त विवाद, जमकर हुई थी राजनीति
अमरावती/दि.4 – विगत 29 जुलाई को चिखलदरा तहसील अंतर्गत नागापुर स्थित वसंतराव नाईक आदिवासी आश्रमशाला में पानी की टंकी का एक हिस्सा ढह गया था. जिसके मलबे की चपेट में आकर सुमरती सोमा जामुनकर नामक 14 वर्षीय आदिवासी छात्रा की मौत हो गई थी. वहीं 3 अन्य छात्राएं बुरी तरह से घायल हुई थी. जिसके बाद मृतक आदिवासी छात्रा के अंतिम संस्कार और उसके परिजनों को नुकसान भरपाई देने को लेकर जबरदस्त हंगामे वाली स्थिति बनी थी. जिसके बाद आश्रमशाला का संचालन करनेवाली आदिवासी गाविलगड शिक्षा प्रसारक मंडल (गौरखेडा बाजार) द्वारा मृतक छात्रा के परिजनों को 5 लाख रुपए की सानुग्रह सहायता राशि का चेक दिया गया था. लेकिन यह भी संबंधित परिजनों के साथ एक भद्दा मजाक साबित हुआ. क्योंकि यह चेक बाऊंस हो गया और धनादेश को अनादरित करते हुए वजह बताई गई कि, उक्त शिक्षा संस्था के बैंक अकाऊंट में पर्याप्त धनराशि ही जमा नहीं है. ऐसे में इसे मृतक छात्रा के शोकसंतप्त परिवार के साथ एकतरह की जालसाजी कहा जा सकता है और इस तरह की जालसाजी करते हुए संबंधित परिवार की एकतरह से बेईज्जती भी की गई है.
बता दें कि, विगत सप्ताह वसंतराव नाईक आदिवासी आश्रमशाला में घटित हादसे में सुमरती जामुनकर नामक आदिवासी छात्रा की मौत हो जाने के बाद क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार पटेल व युवा नेता रोहित पटेल की अगुवाई में जबरदस्त आंदोलन किया गया था. जिसके तहत नुकसान भरपाई की मांग उठाते हुए उक्त मृतक छात्रा के शव को धारणी स्थित एकात्मिक आदिवासी प्रकल्प कार्यालय ले जाने का प्रयास किया गया था. परंतु चिखलदरा पुलिस ने पटेल पिता-पुत्र सहित उक्त छात्रा के परिजनों को बीच रास्ते में ही रुकवा दिया था और पटेल पिता-पुत्र के खिलाफ गंभीर अपराधिक मामला दर्ज करते हुए उक्त मृतक छात्रा के शव का अंतिम संस्कार कडे पुलिस बंदोबस्त के बीच बामदेही गांव में करवाया गया था. उक्त छात्रा के अंतिम संस्कार के समय ही उसके परिजनों को आदिवासी गाविलगड शिक्षण प्रसारक मंडल के अध्यक्ष व सचिव के हस्ताक्षर वाला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अचलपुर शाखा का चेक दिया गया था. रवींद्र सोमा जामुनकर के नाम जारी इस चेक में 5 लाख रुपए की राशि दर्ज थी. विगत 30 जुलाई को जारी यह चेक जब जामुनकर परिवार ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की चिखलदरा शाखा में 1 अगस्त को जमा कराया तो यह चेक बाऊंस हो गया तथा इसके लिए वजह बताई गई कि, चेक जारी करनेवाली संस्था के खाते में पर्याप्त रकम नहीं है. यह पता चलते ही जामुनकर परिवार के सदस्य हक्के-बक्के रह गए. क्योंकि यह सीधे-सीधे उनके साथ धोखाधडी वाला मामला रहा. जिसके खिलाफ अब जामुनकर परिवार द्वारा चिखलदरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है.
वहीं इस घटना के सामने आते ही इसे लेकर प्रत्येक स्तर पर हैरत जताई जा रही है. क्योंकि यह अपने-आप में बेहद संवेदनशील मामला है और इसमें संबंधित संस्था की ओर से ऐसे भद्दे मजाक की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, संबंधित संस्था ने इस मामले में थोडी संवेदनशिलता व मानवियता का परिचय देना चाहिए था. परंतु ऐसा करने की बजाए संबंधित शिक्षा संस्था ने एक बार फिर अपने लचर व लापरवाह कार्यप्रणाली का परिचय दिया है.





