कीचड़ भरी सड़क से जानलेवा यात्रा

सरकार की ओर से स़िर्फ घोषणाएं

* निधि कब मिलेगी? किसानों ने उठाया सवाल
पथ्रोट /दि.2 – कीचड़ से भरे पगडंडी मार्गो से किसानों को जानलेवा सफ़र का सामना करना पड़ रहा है. सरकार की ओर से स़िर्फ घोषणाएं ही हो रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि निधि कब उपलब्ध होगी. पथ्रोट क्षेत्र के पगडंडी मार्ग किसानों के लिए मौत का जाल बनते जा रहे हैं. मानसून के दौरान, किसानों के लिए इन सड़कों से अपने खेतों तक आना-जाना और कृषि उपज लाना बेहद मुश्किल हो जाता है.
सरकार ने पगडंडी की सड़कों की हालत सुधारने के लिए मातोश्री ग्राम समृद्धि पगडंडी सड़क योजना शुरू की, लेकिन अभी भी कई जगहों पर सड़कों की हालत खस्ता है. कुछ सड़कें स्वीकृत हैं. कुछ सड़कों का खडीकरण होने की बात कागजों पर दर्ज है. दरअसल, पथ्रोट क्षेत्र में मौजा रामापुर, कासमपुर, जवलापुर, वाल्मीकपुर, पार्डी आदि शिवार के मार्गों पर किचड का साम्राज्य है. मशीनीकरण के कारण, बुआई, अंतर-खेती, कटाई, थ्रेसिंग जैसे कृषि कार्य मशीनों द्वारा किए जाते हैं. यह बहुत ज़रूरी है कि सड़कें मानसून के दौरान भी ऐसी मशीनों के परिवहन के लिए उपयुक्त हों.

* क्षेत्र के कुछ प्रमुख पगडंडी मार्ग
रामापुर से धाडी पगडंडी मार्ग – लगभग 3 कि.मी
मौजा पथ्रोट भाग दो
ओंकरराव बोडखे से विजय लिल्हरे तक- लगभग 500 मीटर
पार्डी से शिंदी संपर्क मार्ग- लगभग 3 कि.मी
खतीजापुर से वाल्मीकपुर- लगभग 2 कि.मी
जटागपुर से कामतवाड़ा- लगभग 2 कि.मी
जवलापुर से पांढरी लिंक रोड- लगभग 3 कि.मी
पार्डी से जटांगपुर – लगभग 3 कि.मी

* जनप्रतिनिधियों के प्रयास जरूरी
किसानों की स्थायी समस्या के लिए जनप्रतिनिधियों को पगडंडी मार्ग की मरम्मत की पहल करनी चाहिए, तभी हमारी समस्या का समाधान होगा.
– विजय लिल्हरे, किसान

* मार्गों की मरम्मत नहीं
जनप्रतिनिधि कहते हैं कि सड़क स्वीकृत हो गई है, लेकिन आज तक हमारे खेत तक जाने वाली सड़क की मरम्मत नहीं हुई. हम कीचड़ से होकर ही आते-जाते हैं.
– प्रवीण बोबडे, किसान.

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