विदर्भ की महारानी की भव्य दिव्य विदाई
सभी के आकर्षण का केंद्र बनी देवी के तीन रूपों की युवतियां

* राजकमल पर हुई महाआरती
* उज्जैन का झांझ डमरू पथक भी प्रभावित कर गया
* अंबागेट पर देवी प्रतिमा पर फूलों की बारिश
अमरावती /दि.6 – भाजी बाजार 6 नंबर स्कूल के प्रांगण में विराजमान विदर्भ की महारानी दुर्गादेवी को रविवार रात भव्य दिव्य अंदाज में विदाई दी गई. विसर्जन जुलूस भी देवी समान बडा भव्य हो गया था. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्त पधारे. महारानी का भव्य रूप देख हर कोई चकित, विस्मित और मंत्रमुग्ध हो गया था. अंबानगरी नवदुर्गोत्सव मंंंडल के पदाधिकारी और उनका पूरा परिवार विदाई शोभायात्रा में उत्साह से सम्मिलित हुआ. जिससे मार्ग के दर्शनार्थियों का भी उत्साह बढ गया था. उज्जैन महाकाल नगरी से आया झांज- डमरू पथक अनेक चौक पर प्रदर्शन के साथ लोगों को बरबस आकर्षित कर रहा था.
देवियों का अद्भ्ाूत रूप, सभी विस्मित
विदाई शोभायात्रा में अंबानगरी मंडल के पदाधिकारी जहां सीने पर विदर्भ की महारानी अंकित लोगो शान और श्रध्दा से लगाए थे. वही संपूर्ण शोभायात्रा मार्ग में महिला कलाकारों ने सुंदर रंगोली सजाई थी. अंबागेट में देवी पहुंचते ही युवाओं ने जयघोष करते हुए पुष्पवर्षा की शोभायात्रा में तीन युवतियों ने महाकाली सहित देवी के रौद्र रूप को बडे ही प्रभावी अंदाज में प्रस्तुत किया. जिसे देख हर कोई रोमांचित और चकित हो गया था. उनका अभिनय प्रत्येक को पसंद आया. हाथ में प्रतिकात्मक रूप से असूर कटा सिर और रक्त प्याला लेकर सटिक दृश्य उन्होंने प्रस्तुत किया.
शोभायात्रा में मंडल के मार्गदर्शक विलास इंगोले और सुरेश रतावा अध्यक्ष, डॉ. संजय शिरभाते स्वागताध्यक्ष, रमेश कटारिया, सुरेंद्र बुरंगे, आशीष येवतीकर कार्याध्यक्ष, प्रमोद इंगोले, मनोज भेले, संतोष महाजन उपाध्यक्ष, महेश इंगोले सचिव, मंगेश साउरकर कोषाध्यक्ष और सहकार्य में सर्वश्री दीपक धानोरकर, जीतेंद्र शेगोकार, प्रवीण अंबुलकर, रमेश मरोडकर, अजय इंगोले, गजानन तिनखेडे, नरेंद्र दोडके, अरविंद गुलालकरी, किशोर सामंत, मितेश मनियार, नरेश सोनटक्के, अनिल पंधे, प्रमोद अनासाने, जगदीश गवली, गजानन लकडे, प्रवीण आष्टिकर, विजय जायस्वाल, श्रीकांत खरपे, संतोष दोडके अंकुश नवघे, दीपक डहाके, गजानन खेडकर, राजेश पंचवटे, दिनेश सेठ, दीपक अनासाने, गजानन धानोरकर सहित लगभग सभी के परिजनों का भी उत्साहपूर्ण सहभाग रहा.
यह 11 वां वर्ष रहा. मंडल ने इस वर्ष त्रिमूर्ति दर्शन के साथ नशा मुक्ति और स्त्री भृण हत्या रोकने का देखा और प्रदर्शन भी रखा था. रोजाना गरबा रास का आयोजन करने के साथ नियमित अनुष्ठान उत्साह और आस्था से किए जाने की जानकारी अंबानगरी मंडल ने दी. उत्सव आयोजन में गजानन मंडल, बजरंग मंडल, आजाद मंडल, नीलकंठ, अनंत, नारायणगुरू, सोमेश्वर, विकास, छत्रपति मंडलों का सहयोग प्राप्त हुआ.





