मराठी भाषियोें के अंतिम सावन सोमवार व्रत को पूरा करने शिवालय में उमडी भक्तों की भीड

कावड यात्रा के साथ शिवलिंग का अभिषेक

अमरावती /दि. 20 – सावन माह मेें सृष्टि के पालनहार की भूमिका निभाकर भक्तों पर अपनी कृपादृष्टि बरसानेवाले भगवान शिव की महिमा का सर्वत्र गुणगान किया जाता है. अमावस्या के साथ शुरू हुए मराठी भाषियों के सावन माह के सोमवार को समाप्ति हुई. माह के अंतिम सोमवार को शिवालयों में जाकर भक्तों ने भोलेनाथ के चरणों में श्रध्दाभाव के साथ बेल-फूल अर्पित कर सोमवार का व्रत पुरा किया. सुबह से ही शिवालयों में भारी भीड उमडी थी. सावन सोमवार निमित्त शिवालयों को आकर्षित साज-सज्जा के साथ सजाया था.शिवलिंग को भी आकर्षित रूप से सजाकर उन्हें भक्ति, उल्लास, उत्साह, श्रध्दाभाव के साथ भक्तों ने भोले बाबा के दर्शन कर भक्तों ने अपनी मनोकामना भोलेबाबा के चरणो में अर्पित की. अंतिम सावन सोमवार को भोलेनाथ का कावड यात्रा के माध्यम से संकलित विविध नदियों के जल से संकलित विविध नदियों को जल से अभिषेक के साथ दुग्धाभिषेक भी किया गया.
शिव भक्ति का महीना सावन भोलेनाथ के भक्तों द्बारा भक्ति, उल्लास, श्रध्दा और समर्पण के साथ मनाया जाता है. इस दौरान शिव के साधक विधि-विधान के साथ उपवास करते है और रूद्राभिषेक अनुष्ठान घर में या फिर मंदिर में कराते है. वहीं कुछ शिव भक्त कावड यात्रा में कावड में पवित्र नदियों का जल एकत्रित करके साव शिवरात्र को अपने गृहनगर के शिवलिंग पर अर्पित करते है. सावन माह में वातावरण शिवमय हो जाता है. इस दौरान शिव भजन आपके अंदर भक्ति और उमंग भर देते है. सावन सोमवार को महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कामना करते हुए व्रत करती है. सावन माह के इस महत्व के चलते सोमवार को शिवालयों में तडके 4 बजे से ही भक्तों की भीड देखने को मिली. सुबह के समय भोलेबाबा को रिझाने के लिए भजन, कीर्तन का दौर चला. मंदिर में सुबह से ही बाबा की आकर्षक श्रृंगार आरती की गई. बेलपत्र, धतुरा, भांग समेत पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक किया गया. ‘शिव नाम से है जगत में उजाला, हरि भक्तों के है मन में शिवाला…, सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बंदे ये शुभ काम, ओम नम: शिवाय…, शिव के चरणों में मिलते है सारे तीरथ चारों धाम, सांसो की माला पे सिमरू है शिव का नाम, अब तो दुनियादारी से है, मेरा क्या काम’ जैसे भजनों के स्वर सर्वत्र सुनाई दे रहे थे. विशेष यह कि मराठी भाषियों का यह अंतिम सावन सोमवार रहने से शिवालयों में भक्तों के लिए साबूदाना खिचडी का वितरण किया गया. एक तरफ भक्त तिल की लाखोडी अर्पित कर रहे थे. अपने माथे पर त्रिपुंड सजाने में महिलाएं और युवतियां भी व्यस्त दिखाई दी. शहर के विविध शिवालयों में भी सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया. प्रताप चौक समेत शहर के प्रमुख शिवालय जैसे गडगडेश्वर, सतीधाम मंदिर, एकवीरा व अंबादेवी मंदिर परिसर, बेडोना स्थित तपोनेश्वर, पातालेश्वर, कोंडेश्वर, भाजी बाजार के सोमेश्वर मंदिर से लेकर भूतेश्वर चौक के भूतेश्वर महादेव , पातालेश्वर, गुप्तेश्वर, संगमेश्वर सहित छोटे बडे शिव मंदिरों में भी शिव भक्तों की भीड उमडी थी. भक्तों ने शिवलिंग का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रूद्राभिषेक किया. पश्चात उनका आकर्षक श्रृंगार कर सभी ने आरती लाभ लिया. पश्चात दिनभर भक्तों ने बेलपत्र अर्पित कर शिव स्वरूप का जलाभिषेक करते हुए मंत्रोच्चारण के बीच अपनी मनोकामना भोलेबाबा के चरणों में अर्पित की.

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