नाबालिग के साथ जंगल में ले जाकर पाशविक अत्याचार
पांढरदेवी गायगोधन यात्रा की घटना

* नराधम आरोपी पुलिस के हत्थे चढा
यवतमाल /दि.24 – पूरे यवतमाल जिले में प्रसिद्ध रहनेवाले पांढरदेवी के गायगोधन उत्सव को देखने हेतु अपनी सहेली के साथ गई 14 वर्षीय नाबालिग लडकी को जबरन जंगल में ले जाकर उसके साथ पाशविक अत्याचार किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यह संतापजनक घटना बुधवार 22 अक्तूबर को दोपहर 4 बजे के आसपास पांढरदेवी परिसर में घटित हुई. जिसके बाद पुलिस ने कुछ ही समय के भीतर कैलाश सूर्यभान आत्राम (आवलगांव) नामक युवक को तुरंत ही गिरफ्तार किया.
जानकारी के मुताबिक मारेगांव पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत पांढरदेवी में गायगोधन उत्सव निमित्त यात्रा का आयोजन होता है. जिसमें आसपास के कई गांवों के लोगबाग शामिल होते है. जिसके चलते विगत बुधवार को आयोजित इस मात्रा में हर वर्ष की तरह लोगों की अच्छी-खासी भीडभाड भी और व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस का भी जबरदस्त बंदोबस्त था. पांढरदेवी मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक गांव में रहनेवाली 14 वर्षीय बच्ची भी अपनी तीन सहेलियों के साथ यात्रा में घुमने-फिरने के लिए आई थी. लेकिन यात्रा में भीडभाड काफी अधिक रहने के चलते चारों सहेलियां एक-दूसरे से बिछड गई. ऐसे में जब पीडित बच्ची अपनी सहेलियों को खोज रही थी, तो यात्रा में मौजूद कैलाश आत्राम उस बच्ची को बहला-फुसलाकर भीड से दूर ले गया और फिर उसे डरा-धमकाकर उसका मुंह दबाते हुए कैलाश आत्राम उस बच्ची को पास ही स्थित जंगल में ले गया और वहां पर उसके साथ पाशविक अत्याचार किया. जिसके बाद उक्त बच्ची ने जैसे-तैसे खुद को कैलाश आत्राम की पकड से छुडाकर वहां से भागना शुरु किया, तो कैलाश आत्राम ने कुछ दूर तक उस लडकी का पीछा किया. लेकिन जब वह बच्ची उसके हाथ में नहीं लगी, तो कैलाश आत्राम जंगल की ओर भाग गया. पश्चात पीडिता ने घर पहुंचकर अपनी बातबीती अपने माता-पिता सहित परिजनों को बताई, जिन्होंने मारेगांव पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने पीडिता द्वारा किए गए वर्णन के आधार पर महज दो घंटे के भीतर कैलाश आत्राम को खोज निकाला. जिसने पुलिस द्वारा पकडे जाते ही अपने अपराध की कबूली दी. जिसके बाद पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में लिया. मामले में जांच-पडतल जारी है.





